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बासु कन्नौजिया बैतूल वन विभाग की महिला सीसीएफ अतिक्रमणकारियों एवं वन अपराधियों पर सख्त

By,वामन पोटे

बासु कन्नौजिया
बैतूल वन विभाग की महिला सीसीएफ

अतिक्रमणकारियों एवं वन अपराधियों पर सख्त
8 मार्च 2025

तबादलों -धमकियों से भी नहीं डरती

अतिक्रमणकारियों एवं वन अपराधियों पर रहम नामुमकिन , राजनीतिक दबाव भी बेअसर

महिला दिवस विशेष

वह धमकियों से नहीं डरती, राजनीतिक दबाव उसे जरा भी बर्दाश्त नहीं, जंगलों और वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए किसी भी जोखिम को उठाने 24 घंटे 7 दिन तैयार है, अपनी दबंग कार्यशैली और बेबाकी की वजह से उन्हें बार-बार तबादलों का दंश भी झेलना पड़ा पर इसे वह मात्र प्रशासनिक प्रकिया मानते हुए अपने काम को ईमानदारी से करने में भरोसा करती है। आम तौर पर इस तरह के तेवर पुलिस एवं डिफेंस सर्विस के अफसरों में देखे जाते है, लेकिन वन विभाग में पदस्थ यह अधिकारी लेडी सिंघम से कम नहीं है। उनके नाम का वन अपराधियों में खौफ है। बैतूल जिले के वन विभाग की कमान अक्टूबर 2024 से संभाल रही सीसीएफ बासु कन्नौजिया की पदस्थापना से अकूट एवं बेशकीमती वन सम्पदा वाले बैतूल जिले के वन एवं पर्यावरण प्रेमियों में भी राहत है कि यह दबंग महिला अफसर बैतूल में भी वन अपराधियों को नाको चने चबवाएंगी। 2010 बैच की इस भारतीय वन सेवा अधिकारी ने मध्य प्रदेश के जंगलों में पेड़ो की अवैध कटाई तथा खनन करने वालों और जंगली जानवरों का शिकार करने वालों के दिलों में खौफ पैदा कर रखा है। परिक्षेत्र अधिकारी टेमागांव वर्ष 2010 उपवनमंडल अधिकारी छतरपुर के रुप में पहली पोस्टिंग वन मंडल अधिकारी उत्तर वनमंडल सिवनी में होते ही यह अधिकारी अपने तीखे तेवर एवं सख्त कार्रवाईयों से चर्चा में आई थी। सख्त मिजाज और तेजतर्रार महिला सीसीएफ माफिया से टकराने में परहेज नहीं करती हैं। अपने सख्त तेवर और काम के मामले में समझौता न करने से उन्हें कई बार तबादले का मुंह भी देखना पड़ा है। इसके बाद भी उन्होंने कभी वन माफिया और
अतिक्रमणकारियों से हार नहीं मानी। अब वे वन माफिया के लिए खौफ का पर्याय बन गई हैं। उत्तर प्रदेश के अयोध्या की मूल निवासी बासु कनोजिया फिलहाल मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की मुख्य वन संरक्षक है।
ऐसे कसा जाता है वन माफिया पर शिकंजा
वनों की सुरक्षा ही वह अपना प्रथम कर्तव्य और दायित्व मानती है। जंगल माफिया के साथ-साथ वन अमले में भी उनका खौफ रहता है। वह जब जंगल भ्रमण या निरीक्षण के लिए निकलती है तो उनके ड्राइवर तक को इस बात की भनक नहीं रहती। उनकी इस कार्यशैली की वजह से अपराधियों को भी भागने या संभलने का मौका नहीं मिलता। बैतूल जिले में पदस्थापना के पूर्व तक वे विभिन्न वन मंडलों में सेवाएं देते हुए 7 हजार हेक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त करा चुकी है।

कार्यक्षेत्र का अब तक का सफरनामा
प्रथम पदस्थिति- छतरपुर वन मंडल
3 सितम्बर 2013 से 1 अगस्त 2014 तक छतरपुर में पदस्थापना के दौरान 1 हजार 268 हेक्टेयर वनभूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया। वन अपराध में संलिप्त 57 वाहनों की जप्ती की। 40 अवैधानिक आरामशीनों पर कार्रवाई और अवैध शिकार के 12 प्रकरण भी दर्ज कराए।
वन मंडल अशोकनगर
अशोकनगर वन मंडल में 4 अगस्त 2014 से 1 अप्रैल 2016 तक पदस्थ रही सुश्री कन्नौजिया ने 1 हजार 936 हेक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमणकारियों के चंगुल से मुक्त कराया। वन अपराधों में लिप्त 77 वाहन, 20 अवैधानिक आरामशीनों पर कार्रवाई करते हुए अवैध शिकार के 2 प्रकरणों पर भी कार्रवाई की गई। गौरतलब है कि अशोकनगर वन मंडल वन अपराधों के मामले संवेदनशील माना जाता है। यहां कम समय के कार्यकाल के बावजूद जोखिम उठाते हुए वासु कन्नौजिया ने वनअपराधियों के हौसले पस्त किए।
वन मंडल पन्ना/उमरिया
अवैध उत्खनन के लिए संवेदनशील माने जाने वाले वन मंडल पन्ना में 18 अप्रैल 2016 से 1 नवंबर 2016 तक पदस्थ रहते हुए 1 हजार 749 हेक्टयर वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। इसके अलावा वन अपराधों में संलिप्त 20 वाहन जब्त किए, 7 अवैध आरामशीनों पर तथा अवैध शिकार के 7 प्रकरणों पर वैधानिक कार्रवाई सुश्री कन्नौजिया के नेतृत्व में की गई। इसके अलावा 14 अगस्त 2017 से 4 अप्रैल 2018 तक वन मंडल उमरिया की डीएफओ रहते हुएं 750 हेक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया, 47 ऐसे वाहन जो वन अपराधों में लिप्त पाए गए उन्हें जब्त किया एवं अवैध शिकार के 7 प्रकरणों पर भी कार्रवाई की गई।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान/वन मंडल रतलाम
वर्ष 2018-19 में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में पदस्थापना के दौरान आईएफएस बासु ने 265 हेक्टेयर वन भूमि से अतिक्रमणकारियों का सफाया किया। अवैध शिकार के 5 प्रकरणों पर कार्रवाई की, जैव विविधिता अधिनियम के तहत पंजीकृत 4 प्रकरणों एवं 13 अवैध रिसोर्ट संचालकों पर कार्रवाई का डंडा चलाया। वर्ष 2019-20 में वनमंडल रतलाम में पदस्थापना के दौरान भी 5.5 हेक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया, 2 अवैध शिकार के प्रकरण दर्ज किए।
मुखबिर तंत्र को मजबूत बनाने के भी प्रयास
उत्तर वन मंडल सिवनी में 21 मार्च 2022 से पदस्थापना के दौरान सुश्री वासु ने वन एवं वन्यप्राणी सुरक्षा के लिए मुखबिर तंत्र को विकसित एवं मजबूत बनाने की दिशा में भी कार्य किया। यहा छोटे-छोटे क्षेत्र में स्थानीय निवासियों द्वारा किए गए अतिक्रमण हटाने समझाईश दी साथ ही युवाओं को वनसुरक्षा से जोडक़र रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएं। वर्ष 2022 में सुश्री बासु के नेतृत्व एवं मार्गदशन में अतिक्रमण संवेदनशील क्षेत्रों का चयन कर बिगड़े वन क्षेत्रों में पौधरोपण किया गया। वन अपराध रोकने के लिए युवाओं को कौशल विकास केन्द्र स्थापित कर उन्हें प्रशिक्षित कराया और मुम्बई में प्लेसमेंट भी दिलाया। मप्र राज्य बांस मिशन योजना के तहत बांस प्रसंस्करण एवं लाइवलीहुड बैम्बू एक्यूवेशन सेंटर की स्थापना कर बांस हस्तशिल्प उत्पादों का निर्माण कराया। अर्जुन छाल संग्रह का प्रशिक्षण वन समिति को दिया गया, जिससे 3 लाख की आय भी अर्जित हुई।
तबादलों से डर नहीं लगता
बासु कन्नौजिया को अपने उस अदृश्य तमगे पर बड़ा गर्व है जो निडर होकर पूरे जोश के साथ काम करने वाले ज्यादातर अधिकारियों को हासिल होता है। 2013 से अब तक आठ से ज्यादा बार उनके तबादले हो चुके है और वह मानती है कि तबादलों से उन्हें डर नहीं लगता और न ही तबादलों के डर से वह अपने सिद्धांतों से कभी समझौता करेंगी। वे धमकियों से जरा भी जरा नहीं डरतीं। वे कहती हैं, मेरे ऊपर इनका अब कोई असर नहीं होता। गौरतलब है कि उन्होंने पन्ना राष्ट्रीय अभयारण्य में टाइगर सफारी शुरू करने की सरकार की योजना का विरोध भी किया था। आईएफएस बासु की आक्रामक कार्यशैली का अंदाजा एक मंत्री की अवैध आरा मशीन को भी जब्त कराने की गई कार्रवाई,जंगल की जमीन पर जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक के बंगलों का निर्माण रुकवाने के साहसिक कार्यों से ही लगाया जा सकता है।

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