फार्मर रजिस्ट्री में लापरवाही पर 2 पटवारी निलंबित
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कलेक्टर श्री सूर्यवंशी के निर्देश पर एसडीएम ने लापरवाह पटवारियों को किया निलंबित
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बैतूल 11 मार्च 2025
कलेक्टर श्री नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी के निर्देश पर शाहपुर एसडीएम ने शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने वाले दो पटवारियों को निलंबित किया है। उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व भी इन पटवारियों को शासकीय कार्य में लापरवाही बरते जाने पर एसडीएम द्वारा निलंबित किया गया था। लेकिन प्रशासकीय कार्य को दृष्टिगत रखते हुए निलंबन आदेश को बहाल किया गया। इसके बाद भी पटवारी के कार्य में कोई सुधार नहीं दिख सका है।
फार्मर रजिस्ट्री कम होने पर हुई निलंबन की कार्रवाई
समीक्षा में पाया गया कि घोड़ाडोंगरी तहसील कार्यालय में पदस्थ पटवारी श्री प्रियेश नामदेव हल्का नंबर 1 ग्राम मालवर ने ग्राम मालवर में 212 में से 83 एवं ग्राम खापा में 232 में से 55 फार्मर रजिस्ट्री की है। ग्राम मालवर में 129 एवं खापा में 177 फार्मर रजिस्ट्री शेष है। पटवारी लगातार को निर्देश दिए जाने के बाद भी फार्मर रजिस्ट्री के कार्य में प्रगति नहीं लाई गई और वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना की गई। इसी तरह पटवारी श्री दिनेश सूरजाये हल्का नंबर 10 ग्राम हांडी पानी को दिए गए निर्देशों के बाद भी फार्मर रजिस्ट्री के कार्य में प्रगति नहीं लाई गई। उक्त पटवारी द्वारा पीएम किसान, ई केवाईसी, एनपीसीआई का कार्य भी रुचि नहीं ली गई। इसके अलावा सारा ऐप पर ई केवाईसी समग्र एवं आधार लिंकिंग का कार्य नहीं किए जाने के लिए नोटिस भी दिया गया, जिसका जवाब आज दिनांक तक प्रस्तुत नहीं किया गया और न ही राजस्व निरीक्षक का कॉल रिसीव किया गया।
उक्त दोनों पटवारी का कृत्य शासन व वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश, निर्देश के पालन में उदासीनता, लापरवाही दिखाता है। प्रथम दृष्टि स्पष्ट होने से मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत दोनों पटवारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में पटवारी श्री दिनेश सूरजाये का मुख्यालय तहसील कार्यालय शाहपुर रहेगा तथा पटवारी प्रियेश नामदेव का मुख्यालय घोड़ाडोंगरी नियत किया गया है। निलंबित पटवारियों को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।
संकर सब्जी क्षेत्र विस्तार पार्ट-2 फसल एवं पुराने बगीचों के जीर्णोद्धार के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित
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बैतूल 11 मार्च 2025
मध्यप्रदेश शासन, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण की मंशानुसार वर्ष 2024-25 के लिए एवं संचालनालय उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा बैतूल जिले के लिये लक्ष्यों का निर्धारण किया गया है। उद्यानिकी विभाग के उप संचालक ने बताया कि वर्ष 2024-25 में एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजनान्तर्गत पुराने बगीचों का जीर्णोद्धार (संतरा) में सामान्य-150 हेक्टेयर, अनुसूचित जनजाति-150 हेक्टेयर, अनुसूचित जाति-50 हेक्टेयर एवं संकर सब्जी क्षेत्र विस्तार (जायद मौसम) (लौकी, गिलकी, भिंडी, खीरा, करेला) में सामान्य-140 हेक्टेयर, अनुसूचित जनजाति-150 हेक्टेयर, अनुसूचित जाति-50 हेक्टेयर के लक्ष्य जिले को प्राप्त हुये है। योजनान्तर्गत जिले के कृषक वेबसाईट https://mpfsts.mp.gov.in के माध्यम से पंजीयन कर योजना में आवेदन कर सकते है। संचालनालय द्वारा लॉटरी में चयनित कृषक शासन के मार्गदर्शी निर्देश एवं प्रावधान अनुसार लाभ प्राप्त कर सकता है। आयुक्त उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण भोपाल ने योजना का अधिक से अधिक प्रचार कर लक्ष्य पूर्ति करने हेतु निर्देशित किया है।
पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज
जिले के कृषकों को योजना में पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज आधार कार्ड, खसरा खतौनी की नकल, बैंक पासबुक, एक पासपोर्ट साईज फोटो, आधार से लिंक मोबाइल नंबर एवं अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लिये जाति प्रमाण-पत्र अनिवार्य है। योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इच्छुक कृषक अपने विकासखण्ड के कार्यालय वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी एवं क्षेत्र के ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी तथा कार्यालय उप संचालक उद्यान बैतूल में कार्यालयीन समय में एवं दूरभाष 07141-234580, 9407329081 पर संपर्क किया जा सकता है।
सब्सिडी पर हैप्पी सीडर कृषि यंत्र लेने के लिए किसान करें आवेदन
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हैप्पी सीडर के लिए किसानों से आवेदन आमंत्रित
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हैप्पी सीडर पर 76 हजार 500 का मिल रहा अनुदान
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बैतूल 11 मार्च 2025
नरवाई समुचित प्रबंधन के लिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा कृषकों को डीबीटी पोर्टल के माध्यम से हैप्पी सीडर के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। सहायक कृषि यंत्री ने बताया कि जिले के किसान वर्तमान में ऑन डिमाण्ड के माध्यम से mpdage.org पोर्टल पर आवेदन कर सकते है। इच्छुक कृषक 4500 रुपए का डिमाण्ड ड्राफ्ट के रूप में सहायक कृषि यंत्री बैतूल के नाम से बनाकर पोर्टल पर आवेदन कर सकते है। जिसमें हैप्पी सीडर पर अनुदान की अधिकतम राशि 76 हजार 500 रुपए है। कृषक हैप्पी सीडर का उपयोग करके धान, मूंग, गेहूँ, सोयाबीन की कटाई के उपरांत सीधी बोनी कर सकते है, जिसमें एक ही यंत्र से खड़ी नरवाई के खेत में जुताई करते है, (फर्टिसीड ड्रिल) खाद के साथ बीज की बुवाई करने का काम करता है। जो भी कृषक हैप्पी सीडर क्रय करता है उन्हें किसान कल्याण तथा कृषि विभाग द्वारा 1650 की राशि प्रति एकड़ प्रदर्शन की राशि का लाभ भी ले सकते है। उन्होंने बताया कि किसान हैप्पी सीडर कृषि यंत्र की मदद से रबी एवं खरीफ फसलों की बुआई कर सकते हैं, जिससे बुआई लागत में कमी आएगी और नरवाई या पराली जलाने की जरूरत नहीं होगी। अधिक से अधिक किसान इस उन्नत तकनीक का लाभ उठा सकें, इसके लिए सरकार हैप्पी सीडर कृषि यंत्र पर अनुदान प्रदान कर रही है।
नरवाई जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति होती है कम
सहायक कृषि यंत्री ने बताया कि खेतों में नरवाई जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होने के साथ ही वायु प्रदूषण भी होता है। नरवाई जलाने से भूमि में मौजूद केचुएं एवं लाभदायक सूक्ष्म जीव जलकर नष्ट हो जाते है। जैविक खाद निर्माण बंद हो जाता है और मिट्टी की उत्पादन क्षमता भी गिर जाती है, जिससे फसल उत्पादन प्रभावित होता है। उन्होंने जिले के किसानों से नरवाई प्रबंधन के लिए हैप्पी सीडर तकनीक को अपनाएं जाने की अपील की .