भारत भारती में प्राकृतिक रंगों से मनेगा होली का उत्सव
विद्यार्थियों ने पलाश, चुकंदर और गेंदे से बनाए रंग
बैतूल। भारत भारती आवासीय सीबीएसई विद्यालय बैतूल में इस बार भी होली का पर्व खास अंदाज में मनाया जा रहा है। हर साल की तरह इस साल भी छात्रावास के विद्यार्थी प्राकृतिक रंगों से होली खेलेंगे। विद्यालय में ही पलाश के फूलों से हर्बल रंग और पालक, चुकंदर व गेंदे के फूलों से गुलाल तैयार किया गया है।
विद्यालय के प्राचार्य जितेंद्र परसाई ने बताया कि बाजार में बिकने वाले रासायनिक रंगों से त्वचा, आंखों और स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है। इसी वजह से भारत भारती में हर साल प्राकृतिक रंगों से होली खेली जाती है, जिससे विद्यार्थी नया कौशल सीखते हैं, उनके मन में प्रकृति संरक्षण का भाव भी जागृत होता है।
इस पहल के पीछे भारत भारती के सचिव और पर्यावरणविद मोहन नागर (राज्य मंत्री) का मार्गदर्शन रहता है। उनके निर्देशन में कई वर्षों से विद्यालय में प्राकृतिक होली का आयोजन हो रहा है। इस वर्ष भी छात्रावास अधीक्षक मुकेश दवंडे, लोकेश धुर्वे, लोकेश अडलक, अजय ढीकारे, भूपेंद्र गढ़ेवाल, नर्मदाप्रसाद भोपते और सभी शिक्षकों के सहयोग से रंग और गुलाल तैयार किया गया।
– पालक और चुकंदर को सुखाकर गुलाल बनाया
विद्यालय परिसर में लगे पलाश के फूलों को चुनकर गर्म पानी में उबाला गया, जिससे सुंदर नारंगी रंग तैयार हुआ। वहीं, पालक और चुकंदर को सुखाकर गुलाल बनाया गया। विद्यार्थियों ने खुद इन रंगों को तैयार करने में योगदान दिया, जिससे वे प्राकृतिक संसाधनों के महत्व को समझ सकें। भारत भारती में मनाई जा रही यह होली पर्यावरण संरक्षण और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने का संदेश दे रही है।