बैतूल जिले में 6283 पंच, सरपंच और जनपद सदस्य हो गए निर्विरोध निर्वाचित, मात्र 3295 स्थानों के लिए होंगे चुनाव
16 ग्राम पंचायतों में भी आम सहमति बनाकर सरपंच का निर्विरोध निर्वाचन कर लिया गया है
बैतूल।।मध्यप्रदेश में इन दिनों पंचायत चुनाव के साथ ही नगरीय निकायों के चुनाव की सरगर्मी भी जारी है। पंचायत चुनाव की नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने के साथ ही नाम वापसी की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। इसमें एक बहुत अच्छी बात यह देखने को मिली है कि आम सहमति से जनप्रतिनिधियों के चुनाव को खास तवज्जो मिली है। जिले में निर्विरोध निर्वाचित हो चुके पंच, सरपंच और जनपद पंचायत सदस्यों के आंकड़ें खुद इस बात की गवाही दे रहे हैं।
जिले में तीन चरणों में पंचायत चुनाव होना है। यहां पंच के 9583, सरपंच के 553, जनपद पंचायत सदस्य के 216 और जिला पंचायत सदस्यों के 23 पदों के लिए चुनाव होना है। इस तरह कुल 10375 पदों के लिए चुनाव प्रक्रिया चल रही है। अच्छी बात यह है कि इनमें से अधिकांश पदों के लिए निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है।
पंच पदों की यह रही स्थिति
जिले में पंच के 9583 पदों के लिए चुनाव होना था। इनमें से 681 वार्ड ऐसे रहे जहां पर एक भी नामांकन पत्र दाखिल नहीं हुआ। वहीं 180 स्थानों के लिए दाखिल किए गए नाम निर्देशन पत्र विभिन्न कारणों से खारिज हो गए। सबसे बड़ी बात यह रही कि 6260 स्थानों पर पंच पद के लिए एक-एक अभ्यर्थी ही चुनाव मैदान में रहे। ऐसे में इन सभी का निर्विरोध निर्वाचन हो गया है। अब केवल 2531 स्थानों के लिए ही चुनाव होना है।
सरपंच पदों की यह रही स्थिति
किसी भी पंचायत के लिए सरपंच का पद सबसे प्रमुख होता है। पंचायत के विकास और शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन का सारा दारोमदार उसी पर होता है। पंचायत में आने वाली राशि का आहरण और खर्च कैसे किया जाए, यह उसी पर निर्भर करता है। यही वजह है कि पंचायतों में सरपंच बनने के लिए भारी जोर-आजमाइश होती है। कहीं-कहीं तो इसके लिए खूनी संघर्ष तक हो जाता है।
इन सबके विपरीत जिले में सरपंच के भी कई पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है। जिले में कुल 553 सरपंचों का चुनाव होना था। इनमें से 4 स्थान ऐसे रहे जहां पर कोई नाम निर्देशन पत्र ही दाखिल नहीं हुआ। 25 पंचायतों में दाखिल किए गए नाम निर्देशन पत्र विभिन्न कारणों से खारिज हो गए। वहीं 16 पंचायतें ऐसी रहीं जहां पर एक ही प्रत्याशी का नामांकन दाखिल हुआ या फिर शेष न अपने नामांकन पत्र वापस ले लिए। ऐसे में 16 पंचायतों में सरपंच का निर्विरोध निर्वाचन हो गया। अब शेष 532 पंचायतों में ही सरपंच के लिए चुनाव होगा।
सात जनपद सदस्य भी निर्विरोध
इसी तरह जनपद पंचायत का सदस्य बनना भी बेहद प्रतिष्ठापूर्ण माना जाता है। एक जनपद सदस्य के अंतर्गत कई ग्राम पंचायतें आती हैं। जाहिर है कि अपने क्षेत्राधिकार की सभी पंचायतों में उनका दखल होता है। इसके चलते जनपद सदस्य बनने भी भारी जोर आजमाइश होती है। जिले में 10 जनपद पंचायतों में 216 सदस्यों का चुनाव होना है। नामांकन तो सभी क्षेत्रों के लिए दाखिल हुए, लेकिन 5 स्थानों के लिए आए नाम निर्देशन पत्र विभिन्न कारणों से खारिज हो गए। वहीं 7 वार्डों में निर्विरोध निर्वाचन जनपद सदस्यों का हो गया। अब 209 जनपद सदस्यों के लिए चुनाव होगा।
जिला पंचायत सदस्य बनने मुकाबला
त्रि-स्तरीय पंचायत राज में जिला पंचायत सदस्य का पद काफी महत्वपूर्ण होता है। इस बार बैतूल जिला पंचायत सदस्य का पद और भी महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट सामान्य सीट होने से हर सदस्य अध्यक्ष बनने की दौड़ में है। यही कारण है कि जिला पंचायत के किसी भी वार्ड में निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति नहीं बनी है और सभी 23 वार्डों के लिए चुनाव होगा।
फिर भी बेहद अच्छी है जिले की स्थिति
जिला पंचायत सदस्य के लिए भले ही हर वार्ड में चुनाव होना है, लेकिन आम सहमति से चुनाव की फिर भी जिले में बेहतर स्थिति कही जा सकती है। कुल मिलाकर जिले में 10375 पदों के लिए चुनाव होने थे। उनमें से 685 के लिए नामांकन पत्र ही नहीं आए। 212 के लिए आए नामांकन पत्र खारिज हो गए वहीं 6283 स्थानों पर निर्विरोध निर्वाचन हो गया। यह जिले के लिए एक बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है।