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बैतूल जिले में एक और तालाब फूटा, पहली बारिश भी नहीं झेल पाया 25 लाख का सरोवर, रपटे को भी बहा ले गया  वामन पोटे   jul 18, 2022

By waman pote betul varta

बैतूल जिले में एक और तालाब फूटा, पहली बारिश भी नहीं झेल पाया 25 लाख का सरोवर, रपटे को भी बहा ले गया 

वामन पोटे   jul 18, 2022  
बैतूल।। ग्रामीण यांत्रिकी सेवाएं (आरईएस) विभाग द्वारा जिले में कराए गए कार्यों की गुणवत्ता की एक-एक कर पोल खुल रही है। पहले चिचोली क्षेत्र में पहली ही बारिश में एक अमृत सरोवर फूट गया। अब शाहपुर क्षेत्र में 25 लाख रुपये की लागत से बने एक तालाब के भी पहली बारिश में ही फूटने का मामला सामने आया है। तालाब फूटने से एक रपटा भी बह गया। इसके चलते स्कूली बच्चे और शिक्षक स्कूल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में अब लोग खुलकर आरईएस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार शाहपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत शीतलझिरी के अंतर्गत ढप्पा गांव में 25 लाख रुपये की लागत से तालाब निर्माण किया गया था। यह तालाब निर्माण किसान गोपीलाल यादव के खेत के पास हुआ था। इस साल अप्रैल-मई महीने में ही इसका काम पूरा हुआ है। इसके बाद हुई पहली बारिश भी यह तालाब नहीं झेल पाया। बीती रात हुई बारिश में यह तालाब फूट गया।
ग्रामीण अरविंद यादव बताते हैं कि तालाब निर्माण में भारी धांधली की गई थी। काली मिट्टी का नाम मात्र के लिए केवल प्लेंथ भर में उपयोग किया था। यह काली मिट्टी भी आसपास के खेतों से उठा कर डाल दी गई थी। बाकी जगह मुरम वाली मिट्टी का उपयोग भर कर लिया गया। पिचिंग भी एक ही साइड केवल दिखावे के लिए की गई थी।
दूसरी ओर निर्माण कार्य में इतनी धांधली बरते जाने के बावजूद भी आरईएस के अधिकारियों ने गुणवत्ता पर कोई ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा। उन्होंने न कोई कार्यवाही की और न ही गुणवत्ता सुधारने के लिए कोई कदम उठाया। निर्माण कार्य में बरती गई इस लापरवाही के चलते ही बीती रात हुई बारिश यह तालाब झेल नहीं पाया और तालाब बह गया। देखें वीडियो…

मासूम झेल रहे अब खामियाजा 
इस फूटे तालाब ने कुछ दूर आगे स्थित रपटे को भी अपनी चपेट में ले लिया। यह रपटा टेमरा रैयत को टेमरा माल गांव से जोड़ता है। टेमरा माल गांव में ही प्राथमिक और मिडिल स्कूल है। टेमरा रैयत के बच्चे इसी रपटे से स्कूल पहुंचते हैं। वहीं शिक्षक भी इसी से आवाजाही करते हैं। रपटा बह जाने से बच्चे और शिक्षक नदी पार ही नहीं कर सके। अब जब तक नदी में पानी रहेगा बच्चों और शिक्षकों को इसी मुसीबत का सामना करना पड़ेगा। ग्रामीणों ने रपटे की तत्काल मरम्मत और तालाब की गुणवत्ता की जांच कराई जाकर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है।

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