कलेक्टर साहब —– कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) फंड नेे सरकारी स्कूलों की सेहत बिगड़ दी है ?
By Betul Varta
कलेक्टर साहब —–
कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) फंड नेे सरकारी स्कूलों की सेहत बिगड़ दी है ?
By Waman Pote
बैतूल ।।बैतूल जिले के आदिवासी ब्लाक भीमपूर के 61 गांवों के प्राथमिक स्कूल और मिडिल स्कूलों की सेहत ही खराब हो गई है इन स्कूलों में छात्र छात्राओं का मन स्कूल में आने से ऊब गया है ये मासूम अब स्कूल की तरफ दौड़ने के बजाय खेत गाय बकरी या फिर दिन भर गांव की गलियों और नदी नालों में दिन गुजार रहे है ।आखिर ऐसा क्यों हो रहा है इस ओर न तो प्रशासन का ध्यान है और न ही जनप्रतिनिधियों को इस बात से कोई सरोकार नही है ।
भीमपूर ब्लाक में बीते दो साल से एक संस्था गांव गांव में सुबह शाम 1पहली कक्षा से लेकर आठवी कक्षा के बच्चों का शैक्षणिक विकास करने में जुटी है ये संस्था सुबह 7 बजे और शाम को साढ़े चार बजे गांव गांव में इन स्कूली बच्चों को एक जगह एकत्रित कर कोचिंग पढ़ाने का काम कर रही है ।इन्हें सुबह 7 बजे से 10 बजे तक संस्था के मास्टर पढ़ाते है इस बीच उन्हें भरपेट नास्ता भी दिया जाता है ।हालांकि यह नास्ता संस्था के मेनू के हिसाब से नही बनता है ।वही इन्हें 10 बजे के बाद सीधे स्कूल जाना है परंतु ये स्कूल न जाकर घर की तरफ भाग जाते है और फिर शाम को फिर साढ़े चार बजे संस्था के कोचिंग में चले आते है और फिर भरपेट भोजन करते है ।संस्था के मोहित खंडेलवाल ने बताया कि स्कूलों में बच्चों की उपस्तिथि कम हो जाती है।इधर स्कूल के शिक्षक कहते है कि सुबह 7 बजे से 10 बजे तक संस्था में जाने वाले मासूम बच्चों का स्कूलों से मोह भंग हो रहा है संस्था में नास्ता खाना खाने के बाद ये स्कूल की तरफ कम ही आ रहे है ।हालांकि संस्था में पढ़ने वाले पांचवी कक्षा के बच्चे मामूली जोड़ घटाना भी नही जानते है यही हालत मिडिल स्कूल के छात्र छात्राओं की है जिससे इस इलाके के स्कूलों की हालत खराब होते जा रही है ।गांव के बुजुर्ग कहते है कि संस्था को स्कूलों में ही मर्ज कर देना चाहिए जिससे बच्चे स्कूल जा सके और संस्था वहाँ पर ये सब तमाशा करते रहे ।इधर सूत्रों ने बताया कि संस्था को दो दर्जन से ज्यादा कॉरपोरेट घराने सीएसआर फंड की राशि दे रहे है जिससे इन आदिवासी गांवो में पढ़ने वाले बच्चों को विकासशील और विकसित कर निजी स्कूलों की तर्ज पर पढ़ाई कर तेजतर्रार बना सके परन्तु यह तो सपना ही साबित होगा ।