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गेहूं की फसल में पीलापन: कारण और उपाए,ताकि अधिक पैदावार ले सके

By, बैतूल वार्ता

गेहूं की फसल में पीलापन: कारण और उपाए,ताकि अधिक पैदावार ले सके .

किसान गेहूं की फसल में पीलेपन की समस्या से जूझ रहे हैं। इस समस्या के पीछे के कारण क्या हैं और किसान कैसे इससे निपट सकते हैं।

गेहूं की फसल में पीलापन: कारण और उपाए,ताकि अधिक पैदावार ले सके .
देश भर में रबी सीजन की प्रमुख फसल, गेहूं की बुआई शुरू हो चुकी है, लेकिन कई किसान गेहूं की फसल में पीलेपन की समस्या से जूझ रहे हैं। इस लेख में, हम जानेंगे कि इस समस्या के पीछे के कारण क्या हैं और किसान कैसे इससे निपट सकते हैं।
गेहूं की फसल में पीलापन के कारण:
नाइट्रोजन की कमी:
नाइट्रोजन की कमी गेहूं की फसल में पीलापन का मुख्य कारण है। तापमान में बदलाव, बारिश की अधिकता, और तापमान की कमी के कारण मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा कम हो सकती है। सही मात्रा में यूरिया का प्रयोग करना इस कमी को पूरा कर सकता है।

गंधक या सल्फर की कमी:
सल्फर फसलों के लिए महत्वपूर्ण है, और इसकी कमी से फसल में पीलापन हो सकता है। मिट्टी पर सल्फर या गंधक का छिड़काव करना फसल को बचाने में मदद कर सकता है।
अधिक सिंचाई या बारिश:
बार-बार बारिश या भारी सिंचाई से गेहूं की फसल में पीलापन हो सकता है। यह नाइट्रोजन को मिट्टी से बहा देता है और पौधों के सही विकास को प्रभावित करता है।
गेहूं की फसल को बचाने के उपाए:
मिट्टी परीक्षण:
किसानों को अपनी खेतों की मिट्टी का नियमित परीक्षण करना चाहिए ताकि वे नाइट्रोजन, सल्फर, और अन्य पोषण सामग्री की कमी को पहचान सकें।

सही उर्वरक का छिड़काव:
यूरिया, गंधक, और सल्फर जैसे उर्वरकों का सही मात्रा में छिड़काव करना फसल को पोषित कर सकता है।
प्रयोगकर्ता निर्देशों का पालन:
किसानों को उर्वरकों के प्रयोग के लिए कृषि विशेषज्ञों के निर्देशों का पूरा करना चाहिए।
बुआई का सही समय:
गेहूं की बुआई का सही समय चयन करना भी महत्वपूर्ण है ताकि फसल को सही मौसम में पूरा हो सके।
पानी की सही मात्रा:
बारिश और सिंचाई को सही मात्रा में और सही समय पर करना फसल को सुरक्षित रख सकता है।
गेहूं की फसल में पीलापन की समस्या से निपटने के लिए, किसानों को अपनी खेतों की देखभाल के लिए सतर्क रहना चाहिए। सही उर्वरक, सही समय पर सिंचाई, और मिट्टी पर सही परीक्षण करने से गेहूं की फसल में पीलापन को रोका जा सकता है। इससे किसान अपनी मेहनत का बेहतर फल प्राप्त कर सकता है और फसल की योजना को सुरक्षित रख सकता है।

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