घोड़ाडोंगरी नगरपरिषद क्षेत्र में पुराने तरीके से ही वसूला जा रहा बाजार बैठकी शुल्क
By, बैतूल वार्ता
घोड़ाडोंगरी नगरपरिषद क्षेत्र में पुराने तरीके से ही वसूला जा रहा बाजार बैठकी शुल्क
नगर विकास एवं आवास विभाग के आदेशों का नहीं हो रहा पालन
घोड़ाडोंगरी सीएमओ का आरोप मध्य प्रदेश शासन ने नही दिए स्पष्ट आदेश
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद उप सचिव ने जारी किए थे आदेश
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बैतूल। घोड़ाडोंगरी नगरपरिषद क्षेत्र में नगर विकास एवं आवास विभाग के आदेशों का पालन नहीं हो रहा। आदेश के खिलाफ घोड़ाडोंगरी नगरपरिषद के प्रभारी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, राजस्व उप निरीक्षक ऋषिकांत यादव द्वारा पुराने तरीके से ही बाजार बैठकी शुल्क वसूला जा रहा है। मामला उजागर होने के बाद सीएमओ मध्य प्रदेश शासन के आदेश स्पष्ट नहीं होने के आरोप लगाने लगे हैं, जिसकी जानकारी सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत के निराकारण से प्राप्त हुई है। प्रभारी नगर परिषद सीएमओ द्वारा बताया गया कि निकाय में एक मात्र कर बाजार बैठक वसूली है। जिससे निकाय को आय प्राप्त होती है। प्रभारी सीएमओ ऋषिकांत यादव द्वारा उच्चाधिकारी को दिए गए निराकारण से तथ्य सामने आए हैं कि मुख्यमंत्री की घोषणा एवं नगर आवास विकास विभाग के उप सचिव के आदेश की मध्य प्रदेश की संपूर्ण नगर निकाय में अवहेलना की जा रही है और उनके आदेश के विपरीत बाजार बैठकी शुल्क वसूला जा रहा है।
इस मामले में नगर परिषद् घोड़ाडोंगरी अध्यक्ष मीरावंती नंदकिशोर उईके का कहना है आदेश के बावजूद सीएमओ द्वारा बाजार नीलामी के आदेश जारी कर सूचना को तहसील कार्यालय, जनपद कार्यालय में चस्पा कर दी गई थी। सीएमओ ने 22 सितंबर को पीआईसी की बैठक में कहा था कि आदेश के अनुसार बाजार नीलामी कर सकते है। पीआईसी की बैठक के पहले ही बाजार नीलामी के आदेश जारी हो चुके थे, फिर आदेशों का हवाला देकर सीएमओ द्वारा नीलामी दिनांक को नीलामी निरस्त कर दी गई। घोड़ाडोंगरी सीएमओ द्वारा इस प्रकार की दोहरी नीति अपनाई जा रही जो नगर परिषद् के लिए दुखदाई बन गई है।
— व्यापारियों की महापंचायत में सीएम ने की थी घोषणा–
गौरतलब है कि ठेके प्रथा की समस्या को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा छोटे व्यापारियों की महापंचायत लगाई गई थी, जिसमें छोटे-छोटे व्यापारियों द्वारा अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया था कि तहबाजारी/ बाजार ठेके प्रथा से वसूली किये जाने पर ठेकेदारों द्वारा उनसे मनमाना शुल्क वसूल किया जाता है, अनेक बार प्रताड़ित भी किया जाता है। हितग्राहियों के अनुरोध पर विचार करते हुये मुख्यमंत्री द्वारा ठेकेदारों के माध्यम से की जाने वाली बाजर बैठकी/तहबाजारी शुल्क वसूली प्रथा को तत्काल समाप्त किये जाने की घोषणा की थी। जिस पर कारवाही करते हुए नगर विकास एवं आवास विभाग के उप सचिव आरके कार्तिकेय के द्वारा सभी नगरीय निकाय को आदेश क्रमांक 244/1363069/2023/18=3 दिनांक 15/6/ 2023 को आदेश देकर प्रतिदिन तहबाजारी/ बजार बैठक शुल्क की दरों के स्थान पर अर्द्धवार्षिक/ वार्षिकी दर का, परिषद् का विशेष सम्मेलन आहूत कर 15 दिवस में निर्धारण किया जाने एवं नई गाइडलाइन के अनुसार बाजार बैठकी वसुली के आदेश दिए गए थे।
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