समोरी में मनाया वीर बाल दिवस, वीर बालकों को किया याद
बैतूल। ग्राम सिमोरी में ताप्ती आनंद क्लब सिमोरी द्वारा वीर बाल दिवस मनाया गया। यह दिवस प्रतिवर्ष 26 दिसंबर को मनाया जाता है। ताप्ती आनंद क्लब के शैलेन्द्र बिहारिया ने बताया कि वीर बाल दिवस खालसा के चार साहिबजादों के बलिदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। अंतिम सिख गुरु गोबिंद सिंह के छोटे बच्चों ने अपनी आस्था की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। यह उनकी कहानियों को याद करने का भी दिन और यह जानने का भी दिन है कि कैसे उनकी निर्मम हत्या की गई। खासकर जोरावर और फतेह सिंह की। सरसा नदी के तट पर एक लड़ाई के दौरान दोनों साहिबजादे को मुगल सेना ने बंदी बना लिया था। इस्लाम धर्म कबूल नहीं करने पर उन्हें क्रमशः 8 और 5 साल की उम्र में कथित तौर पर जिंदा दफन कर दिया गया था। दफन करने के पूर्व कई प्रलोभन दिए गए जब प्रलोभन का रास्ता सफल नही हुआ तो नवाब वजीर खान ने तरह तरह की कई यातनाएं दी लेकिन उन वीर बालकों ने इस्लाम कबूल नहीं किया और वे शहीद हो गए। कार्यक्रम में वीर बालकों की याद में मीडिल स्कूल सिमोरी में वीर जोरावर सिंह व वीर फतेहसिंह के चित्र पर शाला के विद्यार्थियों ने पुष्प अर्पित कर उनकी आरती उतारी। इस अवसर पर वीर बालकों पर बनी डॉक्युमेंट्री फ़िल्म भी बच्चों को दिखाई गई। शिक्षकों ने कहा कि ऐसे वीर बालकों को पाठ्यपुस्तक में पढ़ाया जाना चाहिए। बाल केबिनेट के प्रधान मंत्री मयूर काकोडिया, वित्त मंत्री शिवम बडौदे ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला।