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पीएम मोदी ने कहा- हमारे देश में प्राचीन काल से ही तीर्थ यात्राओं का रहा है गौरवशाली इतिहास

By, बैतूल वार्ता

पीएम मोदी ने कहा- हमारे देश में प्राचीन काल से ही तीर्थ यात्राओं का रहा है गौरवशाली इतिहास
अयोध्या (उप्र): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को विभिन्न तीर्थ यात्राओं का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे देश में प्राचीन काल से ही तीर्थयात्रा का अपना महत्व और गौरवशाली इतिहास रहा है.
शनिवार को पुनर्विकसित अयोध्या स्टेशन का उद्घाटन और एक अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन करने तथा 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद यहां एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि अयोध्या में चल रहे निर्माण कार्यों से यहां आने वाले हर राम भक्त के लिए अयोध्या धाम की यात्रा और भगवान का दर्शन आसान हो जाएगा.
विभिन्न ‘यात्राओं’ का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘साथियों, हमारे देश में प्राचीन काल से ही तीर्थ यात्राओं का अपना महत्व रहा है, अपना गौरवशाली इतिहास रहा है. बद्री विशाल से सेतुबंध रामेश्वरम तक ‘यात्रा’, गंगोत्री से गंगासागर तक ‘यात्रा’ , द्वारकाधीश से जगन्नाथपुरी तक ‘यात्रा’, 12 ज्योतिर्लिंगों की ‘यात्रा’, चार धाम की ‘यात्रा’, कैलाश मानसरोवर ‘यात्रा’, कांवड़ ‘यात्रा’, शक्तिपीठों की ‘यात्रा’, पंढरपुर ‘यात्रा’, आज भी भारत के कोने-कोने में कोई ना कोई यात्रा निकलती रहती है, लोग आस्था के साथ उनसे जुड़ते रहते हैं.’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘तमिलनाडु में भी कई यात्राएं प्रसिद्ध हैं. शिव स्थल पाद यात्तिरै, मुरुगनुक्कु कावडी यात्तिरै, वैष्णव तिरुप-पदि यात्तिरै, अम्मन तिरुत्तल यात्तिरै, केरल में सबरीमला यात्रा हो, आंध्र-तेलंगाना में मेदाराम में सम्मक्का और सरक्का की यात्रा हो, नागोबा यात्रा, इनमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं.’

मोदी ने कहा, ‘यहां बहुत कम लोगों को पता होगा कि केरल में भगवान राम और उनके भाइयों भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के धाम की भी यात्रा होती है. ये यात्रा नालंबलम यात्रा के नाम से जानी जाती है.’ उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा देश में कितनी ही परिक्रमाएं भी होती रहती हैं. गोवर्धन परिक्रमा, पंचकोसी परिक्रमा, चौरासी कोसी परिक्रमा, ऐसी यात्राओं और परिक्रमाओं से हर भक्त का ईश्वर के प्रति जुड़ाव और मजबूत होता है.’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बौद्ध धर्म में भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों गया, लुंबिनी, कपिलवस्तु, सारनाथ, कुशीनगर की यात्राएं होती हैं. राजगीर बिहार में बौद्ध अनुयायियों की परिक्रमा होती है.’ उन्होंने कहा कि ‘जैन धर्म में पावागढ़, सम्मेद शिखरजी, पालीताना, कैलाश की यात्रा हो, सिखों के लिए पंच तख्त यात्रा और गुरु धाम यात्रा हो, पूर्वोत्तर में परशुराम कुंड की विशाल यात्रा हो, इनमें शामिल होने के लिए श्रद्धालु पूरी आस्था से जुटते हैं.’

मोदी ने कहा कि ‘देश भर सदियों से हो रही इन यात्राओं के लिए वैसे ही समुचित इंतजाम भी किए जाते हैं. अब अयोध्या में हो रहे ये निर्माण कार्य, यहां आने वाले हर रामभक्त के लिए अयोध्या धाम की यात्रा को, भगवान के दर्शन को और आसान बनाएंगे.’

इसके पहले उन्होंने यह भी कहा कि ‘विकास और विरासत को जोड़ने में वंदे भारत एक्सप्रेस बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है. देश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन, काशी के लिए चली थी. आज देश के 34 मार्गों पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं.’

मोदी ने कहा कि ‘काशी, वैष्णो देवी के लिए कटरा, उज्जैन, पुष्कर, तिरुपति, शिरडी, अमृतसर, मदुरै, आस्था के ऐसे हर बड़े केंद्रों को वंदे भारत जोड़ रही है. इसी कड़ी में आज अयोध्या को भी वंदे भारत ट्रेन का उपहार मिला है.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आज अयोध्या धाम जंक्शन – आनंद विहार वंदे भारत शुरू की गई है. इसके अलावा आज कटरा से दिल्ली, अमृतसर से दिल्ली, कोयंबटूर-बेंगलुरु, मैंगलुरु – मडगांव, जालना- मुंबई इन शहरों के बीच भी वंदे भारत की नई सेवाएं शुरू हुई हैं.’

उन्होंने कहा कि ‘वंदे भारत में गति भी है, वंदे भारत में आधुनिकता भी है और वंदे भारत में आत्मनिर्भर भारत का गर्व भी है. बहुत ही कम समय में वंदे भारत से डेढ़ करोड़ से अधिक यात्री सफर कर चुके हैं. विशेष तौर पर युवा पीढ़ी को ये ट्रेन बहुत पसंद आ रही है.’

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