मोदी की गारंटी गांव गांव फेल,
सरकारी महकमा और ठेकेदार पास ?
भाग ——- 2
जल जीवन मिशन की पोल: खाली बर्तन लेकर कलेक्टर से पानी मांगने पहुंची महिलाएं
बैतूल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन को अफसरों ने किस कदर पलीता लगाया है इसका उदाहरण गुरुवार को कलेक्ट्रेट में सामने आया। दर्जनों महिलाएं सिर पर खाली गुंडी और हाथ में खाली बर्तन लेकर कलेक्टर के पास पानी मांगने पहुंच गईं। इस अनूठे विरोध प्रदर्शन को देखकर नवागत कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी भी हैरान रह गए।
मामला बैतूल जिले के चिचोली ब्लाक में आने वाली ग्राम पंचायत पाटाखेड़ा के ग्राम टाढर और कहुपानी का है। ग्राम के लोग जल जीवन मिशन के तहत अधूरे पड़े काम और घटिया टंकी निर्माण के कारण दो से तीन किमी की दूरी से सिर पर पानी लाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। ग्रामीणों ने खाली बर्तन लेकर कलेक्टर से ही पानी मांगने का निर्णय ले लिया और कलेक्ट्रेट पहुंच गए।
कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा है कि ग्राम टाडर एवं कहूपानी ग्राम पंचायत पाटाखेड़ा विकासखंड चिचोली में 400 मकान है जिसमे कुल जनसंख्या 3000 के आसपास है। जहां हम निवास के साथ-साथ कृषि/मजदूरी का कार्य करते है। ग्राम पंचायत पाटाखेड़ा के ग्राम-टाढर में नलजल योजना के तहत् पीएचई विभाग / ग्राम पंचायत द्वारा पेयजल समस्या के निवारण हेतु टंकी निर्माण कार्य किया गया था। जिसमें ठेकेदार द्वारा लापरवाही कर घटिया सामग्री का उपयोग कर पानी की टंकी को भूमिगत रूप में बनाया गया है। जो निर्माण कार्य के तत्पश्चात् ही दरार आने से खराब स्थिति में है।जिससे ग्रामवासी सहमत नहीं है। तथा भूमिगत पानी की टंकी के स्थान पर बड़ी पानी की टंकी का निर्माण करवाना चाहते है।
वर्तमान में हमारे ग्राम में पेयजल की समस्या निरंतर बनी हुई है जिससे पीने योग्य पानी की उपलब्धता ग्राम में नहीं हो पा रही है। हमारे ग्राम टाढर में नलजल योजना को स्वीकृत हुए 2 वर्ष से अधिक समय हो चुका है, परन्तु आज भी पेयजल समस्या जस की तस बनी है।
ग्रामीणों ने कहा है कि निरंतर कलेक्टर की जनसुनवाई के माध्यम से आवेदन पत्र प्रस्तुत कर हमारे ग्राम की समस्याओं से अवगत कराया जा चूका है किन्तु अभी तक पानी की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। ग्रामीणों ने मांग की है कि ग्राम पंचायत पाटाखेड़ा के ग्राम-
टाढर में नलजल योजना के अन्तर्गत पेयजल की समस्या का निवारण करने की कृपा करें।