Madhya Pradesh Latest News

पीरियड्स के दौरान मानसिक यातनाओं को दूर करने की जरुरत-ऋतु खण्डेलवाल

By, बैतूल वार्ता

विश्व मांगल्य सभा ने जेएच कॉलेज की छात्राओं को दिया सशक्त सुरक्षा पैड बैंक का उपहार

उन दिनों में फिजिकल एक्सरसाईज भले न करना पड़े पर ग्राउंड पर जाना था अनिवार्य- एएसपी

पीरियड्स के दौरान मानसिक यातनाओं को दूर करने की जरुरत-ऋतु खण्डेलवाल

बैतूल। डीएसपी की ट्रेनिंग के दौरान भी मासिक धर्म के दिनों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। हमारा बैच 6 लड़कियों और 6 लडक़ों का था। उन दिनों में हमें भले ही फिजिकल एक्सरसाईज ना करने की छूट थी, लेकिन हमें ग्राउंड अनिवार्य रुप से जाना होता था। जब सब एक्सरसाईज करते थे उस वक्त पीरियड्स के दौर से गुजर रही ट्रेनी ऑफिसर को ग्राउंड के बाहर खड़े रहना पड़ता था। वह बड़ी ही असहज स्थिति रहती थी। इसके लिए हमने वरिष्ठ अधिकारियों से बात भी की थी उन दिनों में फिजिकल वाले टाईम में रुम में ही रहने दिया जाए।
यह अनुभव जेएच कॉलेज में छात्राओं से जिले की एएसपी कमला जोशी ने विश्व मांगल्य सभा के तत्वावधान में जयवंती हॉक्सर शासकीय पीजी कॉलेज में खोले गए सशक्त सुरक्षा पैड बैंक के शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान सुनाएं। पैड बैंक का संचालन जिले में सशक्त सुरक्षा पैड बैंक की अवधारणा को प्रारंभ करने वाली बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति द्वारा किया जाएगा।
इस अवसर पर आरडी पब्लिक स्कूल की संचालक एवं जेएच कॉलेज की जनभागीदारी समिति की सदस्य ऋतु खण्डेलवाल, सायबर सेल प्रभारी कविता नागवंशी, कॉलेज प्राचार्य एवं विश्व मांगल्य सभा बैतूल की अध्यक्ष डॉ विजेता चौबे, सशक्त सुरक्षा बैंक संस्थापक एवं बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति की अध्यक्ष गौरी बालापुरे पदम, विश्व मांगल्य सभा की सचिव सोनाली वागद्रे, श्रद्धा खण्डेलवाल सहित मेहरप्रभा परमार, प्रचिति कमाविसदार सहित प्राध्यापक एवं बड़ी संख्या में छात्राएं मौजूद थी।
इस दौरान अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर विश्व मांगल्य सभा ने सम्मानित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एएसपी जोशी ने आगे कहा कि मुझे याद है मां हमेशा मुझे पूजा घर में जाने और अचार को छूने से मना करती थी, हमारा परिवार पहाड़ी क्षेत्र का है, जहां हम रहते थे वहां पास ही नदी बहती थी। जिन महिलाएं एवं युवतियां मासिक धर्म के बाद घर के कपड़े लेकर नदी पर धोने के लिए जाती थी। घर में बर्तन, कपड़े सहित अन्य काम कराए जाते थे..तब अक्सर मैं कहती भी थी कि बर्तन-कपड़े भी तो हम छू ही रहे है। अक्सर अचार भी छू लेती थी और बाद में पूछती भी थी कि कहां हुआ अचार खराब। इस अवसर पर उन्होंने छात्राओं को अपराधों के प्रति सावधान रहने एवं किसी परेशानी में होने पर हेल्प लाईन नंबर पर कॉल करने के लिए कहा। उन्होंने सभी छात्राओं के साथ कंट्रोल रुम का नंबर भी शेयर किया।
मासिक धर्म की यातनाओं के विरुद्ध आवाज उठाना जरुरी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरडीपीएस संचालक ऋतु खण्डेलवाल ने कहा कि मासिक धर्म के दिनों में दी गई मानसिक यातानाओं की वजह से वर्ष 2017 में एक 12 वर्ष की बालिका ने आत्महत्या कर ली थी। यह बात ज्यादा पुरानी भी नहीं है। इस तरह के कार्यक्रम जागरुकता लाने के लिए जरुरी है। उन्होंने मासिक धर्म दिवस के संबंध में भी छात्राओं को जानकारी देते हुए बताया कि मासिक धर्म का सायकल 28 दिन का होता है और करीब 5 दिन यह क्रम चलता है इसलिए 28 मई को मासिक धर्म दिवस घोषित किया गया है। इसके पीछे भी महिलाओं में उन दिनों स्वास्थ्य एवं हाइजिन के प्रति जागरुकता लाना है।
सायबर अपराधों से बचाव के लिए सतर्कता जरुरी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सायबर सेल प्रभारी कविता नागवंशी ने कहा कि सायबर अपराधों से बचाव के लिए सतर्कता जरुरी है। हर दिन सायबर के नए-नए मामले सामने आते है। क्लोनिंग,एटीएम फ्रॉड, ओटीपी फ्रॉड एवं सोशल मीडिया पर अश्लील फोटो वायरल करने जैसी धमकियों की शिकायतें मिलती है। हमारे हाथ में मोबाईल के रुप में बूम नहीं बम है। इसका उपयोग सावधानी से कही करें।
जिले के 70 फीसदी गांव रुढिय़ों की गलियों के गिरफ्त में
सशक्त सुरक्षा बैंक संचालक गौरी पदम ने कहा कि जिले के गांवों में आज भी मासिक धर्म के दिनों में महिलाओं को अपने ही घर के कुछ दरवाजों से गुजरने का हक नहीं है। उन्हें घर के पीछे जाने के लिए बाजू में बनी गलियों का उपयोग ठंड, बारिश में करना होता। उन्हें जमीन पर सोना होता है, घर की चीजों को छूने तक की मनाही रहती है। कई बार मासिक धर्म पारिवारिक कलह का भी कारण बन रहा है। कार्यक्रम में मौजूद छात्राओं ने भी बताया कि वे भी पीरियड्स के दिनों में उन गलियों का उपयोग कर रही है। श्रीमती पदम ने कहा कि सशक्त सुरक्षा बैंक का उद्देश्य जागरुकता लाने के साथ जिले के ग्रामों को रुढिय़ों की अंधेरी गलियों से मुक्त करना भी है।
मां बच्चों की पहली गुरु
कॉलेज प्राचार्य डॉ विजेता चौबे ने इस अवसर पर कहा कि विश्व मांगल्य सभा का उद्देश्य परिवारों को संगठित और संस्कारित करना है। बच्चे के लिए मां ही पहली गुरु होती है, इसलिए परिवार रुपी पहली पाठशाला में संस्कारित बच्चों को तैयार करना मां की जिम्मेदारी है। कार्यक्रम की रुपरेखा रखते हुए श्रद्धा खण्डेलवाल ने बताया कि कॉलेज में सेनेटरी पैड के लिए मशीने पहले से है लेकिन कई बार तकनीकि परेशानी से मशीन काम नहीं कर पाती ऐसे में यह पैड बैंक मददगार साबित होगा। सोनाली वागद्रे ने विश्व मांगल्य सभा की विभिन्न गतिविधियों एवं किए जा रहे कार्यों से अवगत कराते हुए कहा कि छात्र सभा, युवा सभा एवं मातृ सभाओं के माध्यम से विश्व मांगल्स सभा संस्कारित परिवारों को गढऩे का कार्य कर रही है।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Leave A Reply

Your email address will not be published.