शिव पार्वती विवाह का प्रसंग सुन श्रद्धालु हुए भावविभोर
श्री हनुमान मंदिर ग्राम कोदारोटी में चल रही नौ दिवसीय संगीतमयी श्री राम कथा
बैतूल। श्री हनुमान मंदिर ग्राम कोदारोटी में चल रही नौ दिवसीय संगीतमयी श्री राम कथा के तीसरे दिन शिव-पार्वती विवाह का वर्णन किया गया। उत्तराखंड से पधारी अंतरराष्ट्रीय कथावाचक साध्वी रंजना दीदी ने जीवन में राम नाम स्मरण का महत्व समझाते हुए शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया। सुंदर-सुंदर भजन का श्रद्धालुओं ने आनंद लिया व शिव विवाह प्रसंग का वर्णन सुन मंत्रमुग्ध हो गए।
राम कथा के तीसरे दिन भगवान शंकर पार्वती विवाह के साथ ही साध्वी रंजना दीदी ने अपनी ओजस्वी वाणी से बेटी है तो कल है, सास ससुर की सेवा का महत्व, बेटी के विवाह में शिक्षा का एवं संस्कार का दान, सास का कर्तव्य, बहू का कर्तव्य, संयुक्त परिवार को ही राम राज्य बताया।
कथा वाचिका ने कहा कि श्रद्धा स्वरूपा मां पार्वती व विश्वास रूपी भगवान शिव हैं। उन्होंने कहा कि जैसा कि रामायण में लिखा है कि श्रद्धा बिना धर्म नहीं कोई। अर्थात श्रद्धा और विश्वास का सम्मिलन ही शिव और पार्वती का विवाह है। विवाह के उपरांत ही मां पार्वती शिव को प्रसन्न करती हैं और शिवजी श्रीराम कथा प्रारंभ करते हैं। इसी से राम कथा और श्रीराम जी के जन्म दोनों का प्रत्यक्ष रूप से रामकथा सुनने और भगवान राम के जन्म के बाद दर्शन करने का अवसर मानव के जीवन में आता है। यही शिव और पार्वती के विवाह का धार्मिक व आध्यात्मिक पक्ष है।