पिकअप वाहन में सब्जी कैरेट के नीचे छिपाकर की जा रही थी सागौन की तस्करी दक्षिण वन मंडल ने की कार्रवाई, 71 हजार 800 की सागौन जप्त, आरोपी फरार
By, बैतूल वार्ता
पिकअप वाहन में सब्जी कैरेट के नीचे छिपाकर की जा रही थी सागौन की तस्करी
दक्षिण वन मंडल ने की कार्रवाई, 71 हजार 800 की सागौन जप्त, आरोपी फरार
बैतूल। दक्षिण वन मंडल ने सागौन तस्करी के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। वन परिक्षेत्र आठनेर मोर्शी अन्तर्गत 17 जनवरी को अवैध सागौन परिवहन की सूचना मिलने पर डीएफओ के निर्देशन में टीम गठित कर सागौन तस्करों की धरपकड़ की गई। दक्षिण वन मंडल से मिली जानकारी के अनुसार पिकअप वाहन में सब्जी कैरेट के नीचे छिपाकर सागौन की तस्करी की जा रही थी। वन विभाग द्वारा की गई कार्रवाई में 71 हजार 800 की सागौन जप्त की गई है।
सागौन तस्करी की सूचना मिलने पर डीएफओ विजयानन्थम टी. आर. तथा उपवनमंडलाधिकारी मुलताई संजय साल्वे के निर्देशन में वन परिक्षेत्र अधिकारी आठनेर सा. अतुल भोयर द्वारा टीम का गठन किया गया। गश्ती दल द्वारा कावला से हीरादेही मार्ग पर छुपकर पिकअप के आने का इंतजार किया गया। कुछ समय बाद एक पिकअप जिसमें ऊपर सब्जी के कैरेट रखे हुये थे जो तेज गति से आते हुए दिखी। स्टाफ द्वारा पीछा करने पर पिकअप अनियंत्रित होकर एक स्थान पर सड़क से नीचे उतर गई। वाहन चालक अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया। वाहन के साथ बाइक से रैकी कर रहे व्यक्ति को स्टाफ द्वारा पकड़ा गया, जिसके द्वारा अपना नाम इर्शद खाँ साकिन ब्राहमणवाडा बताया गया। पिकअप वाहन में सब्जी कैरेट के नीचे सागौन चरपट रखी हुई पाई गई। आरोपी व्यक्ति द्वारा काष्ट से संबंधित कोई वैध कागजात नहीं दिखाए जाने पर आरोपी को पिकअप वाहन तथा बाईक के साथ वन चौकी हीरादेही लाया गया। पिकअप वाहन बाइक तथा सागौन काष्ठ की जप्ती की कार्यवाही की गई तथा भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26(1) (क), 41,42 52 तथा मध्य प्रदेश वनोपज व्यापार (विनियम) अधिनियम 1969 की धारा 5(1), 15 एवं 16 के तहत वन अपराध प्रकरण दर्ज किया गया। जप्त सागौन काष्ट 26 नग = 1.346 घ.मी. है तथा उसकी अनुमानित कीमत 71 हजार 800 रूपये आंकी गई है। आरोपी को माननीय न्यायालय भैंसदेही के समक्ष प्रस्तुत किया गया तथा प्रकरण की विवेचना जारी है। कार्यवाही में परिक्षेत्र सहायक हीरादेही मंगल सिंह सिकरवार, परिक्षेत्र सहायक बैरमढाणा आनन्दराव कुमरे, वनरक्षक मारोती वर्टी, क्रेश इवने, नरसिंह वाडिवा, रविश कंगाले, खेलेन्द्र राहंगडाले, सुरेन्द्र पवार, सुरक्षा श्रमिक बिसन वाड़िवा तथा वाहन चालक नूर मोहम्मद का विशेष योगदान रहा।
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