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राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बारे में विदेशी मीडिया क्या लिख रहा है?

By, बैतूल वार्ता

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बारे में विदेशी मीडिया क्या लिख रहा है?

अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे. इस कार्यक्रम पर पूरी दुनिया की नज़र है.

कई प्रमुख विदेशी अख़बारों और पत्रिकाओं ने इस कार्यक्रम पर टिप्पणी की है.

वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि उत्तर भारत के शहर अयोध्या में भगवान राम मंदिर के उद्घाटन की जोरदार तैयारियां की जा रही है.

अखबार लिखता है, ”सोमवार को राम मंदिर के उद्घाटन के साथ ही हिंदू राष्ट्रवादियों का संकल्प पूरा हो जाएगा और माना जा रहा है कि अप्रैल या मई में होने वाले राष्ट्रीय चुनावों में वोटरों में इसकी अनुगूंज देखने को मिलेगी.”

अख़बार ने लिखा है कि अयोध्या में कई टेंट शहर बसाए गए हैं और उनमें हजारों लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है.

दर्जनों उड़ानें वहां के लिए शुरू की गई, जिनमें कई वीआईपी इस शहर की उड़ान के लिए तैयार हैं. मूवी स्टार और सेलिब्रिटीज भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देखने के लिए जाएंगे.

अख़बार लिखता है, ”अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनाव से पहले भारत के सबसे विवादास्पद धार्मिक स्थलों में से एक में मंदिर के उद्घाटन से नरेंद्र मोदी की राजनीति को बड़ी रफ़्तार मिलेगी.”

”वो रिकार्ड तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश में हैं. वो हिंदुओं को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश में हैं जो भारत की आबादी का 80 फीसदी हैं.”

अख़बार ने अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि 7,500 लोग उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेंगे. साल के अंत तक यहां हर दिन एक लाख श्रद्धालु पहुंच सकते हैं.

फाइनेंशियल टाइम्स ने लिखा है कि ‘अयोध्या में हिंदू कट्टरपंथियों की ओर से एक मस्जिद गिराए जाने के तीन दशक बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसी जगह भव्य हिंदू मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लेंगे.’

अखबार लिखता है, ”ऐसा करके वो अगले लोकसभा चुनाव का अभियान शुरू कर रहे हैं और इसमें धार्मिक राष्ट्रवाद अहम भूमिका अदा करेगा.”

अख़बार लिखता है कि उस मंदिर का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए 4,500 श्रमिक रात-दिन काम कर रहे हैं.

अख़बार ने लिखा है कि विश्लेषकों का कहना है कि एक बार बन जाने के बाद मंदिर इंदिरा गांधी के बाद भारत के सबसे ताकतवर नेता नरेंद्र मोदी मजबूत और स्थायी विरासत हो जाएगा.

अख़बार ने लिखा है कि नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की ओर से पैदा किए हिंदू पुनरुत्थानवादी आंदोलन की लहर पर चढ़ कर सत्ता में आए हैं.

अख़बार ने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लिखी एक किताब के लेखक नीलांजन मुखोपाध्याय कहते हैं कि मोदी अयोध्या को हिंदुत्व का वेटिकन बनाना चाहते हैं.

वो कहते हैं कि इतिहास में महत्वपूर्ण व्यक्ति होने की हमेशा से उनकी इच्छा रही है. वो चाहते हैं कि भविष्य में उनके बारे दूसरे राष्ट्रीय महापुरुषों के जैसे ही श्रद्धा से बात हो.

‘बीजेपी के चुनावी नारों से आगे की बात’

द इकोनॉमिस्ट ने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों पर टिप्पणी करते हुए लिखा है कि बीजेपी हिंदुत्व के आधार पर एक राष्ट्रीय पहचान बनाना चाहती है.

पत्रिका लिखती है, ”बीजेपी का कहना है कि हिंदुत्व या हिंदूवाद को वर्षों तक मुस्लिम और ब्रिटिश हमलावरों ने दबाया है. इसलिए अयोध्या में जो कुछ हो रहा है वो बीजेपी के चुनावी नारों से कहीं आगे की बात है. हालांकि ये आयोजन गैर आधिकारिक तौर पर बीजेपी की चुनावी कैंपेनिंग होगा. ‘

पत्रिका ने लिखा है, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिन लोगों को दिवाली मनाने के लिए कहा है. हालांकि अस्सी फीसदी हिंदुओं में बहुतों का मानना है कि अयोध्या में मंदिर का निर्माण कोई जीत नहीं है. इनमें 14 फीसदी मुसलमान भी हैं.”

”मोदी की तारीफ करने इसमें कई बॉलीवुड स्टार भी शामिल होंगे लेकिन ज्यादातर विपक्षी नेता और कई बड़े हिंदू संत इस आयोजन से दूर ही रहेंगे.”

”नरेंद्र मोदी के विरोधियों का कहना है कि अयोध्या में मंदिर का निर्माण करना लोगों के बीच वैमनस्य को और बढ़ावा देगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुर्भावना का एक प्रतीक है.”

”उन्हें डर है कि अगर मंदिर अभियान के जरिये बीजेपी को तीसरी बार सत्ता मिलती है तो भारत एक अधिनायकवादी शासक का देश बन सकता है.”

पत्रिका ने लिखा है, ”लेकिन सिर्फ अयोध्या ही एक मात्र परियोजना नहीं है जिस पर बीजेपी गर्व करती है. वो लगभग 9.6 अरब डॉलर की परियोजना के जरिये अयोध्या के आसपास की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने का दावा करती है. इसे एक टूरिस्ट हॉटस्पॉट में बदलने का अभियान पूरे जोरों पर है.”

पत्रिका ने लिखा है प्रधानमंत्री अचानक इतने लोकप्रिय नहीं हुए हैं. बीजेपी ने एक सोची-समझी रणनीति के तहत यह सुनिश्चित किया है कि मीडिया सिर्फ पॉजीटिव कवरेज पर ध्यान दे. पिछले साल जुलाई में एक सर्वे हुआ था, जिसमें 82 फीसदी मीडिया घरानों का मानना था कि उनके कर्मचारी बीजेपी का समर्थन करते हैं.

पत्रिका ने ये भी लिखा है कि विपक्ष मोदी की नाकामी के बारे में बढ़-चढ़ कर बोल रहा है. इसमें नोटबंदी, किसान कानून को वापस लेना जैसा मुद्दा रहा है.

उनका कहना था कि मोदी ने किसानों की आय दोगुना करने का वादा किया था. उन्होंने भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का भी वादा किया था. लेकिन ये पूरा नहीं हुआ.

भगवान राम के सोने की मूर्तियों की भारी मांग

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने भी अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर एक विस्तृत रिपोर्ट छापी है.

उसने लिखा है भारतीय शहर अयोध्या के पास हवाई अड्डों पर निजी जेट के पार्किंग स्पेस में अब कोई जगह नहीं है. यहां की दुकानों में सोने की परतों वाली मूर्तियां का स्टॉक भी खत्म हो गया है.

क्योंकि अमीर श्रद्धालु हिंदू धर्म के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े समारोह की तैयारियों में लगे हैं.

”भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी सोमवार को राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में मौजूद रहने वाले आठ हजार से अधिक लोगों में से एक होंगे.

मंदिर का निर्माण करने वाले ट्रस्ट द्वारा आयोजित उद्घाटन समारोह आम चुनाव से चंद महीनों पहले हो रहा है. चुनाव बीजेपी के पाले में जाने की उम्मीद है. ”

रॉयटर्स ने लिखा है कि भारतीय लग्जरी चार्टर सेवा क्लब वन एयर के सीईओ राजन मेहरा के मुताबिक, “इस कार्यक्रम में आमंत्रित होना एक स्टेटस सिंबल हो गया है.’’

अधिकारियों का मानना है कि 22 जनवरी को कम से कम यहां 100 निजी विमान उतरेंगे. जिससे यहां विमान पार्किंग स्पेस पूरी तरह भर जाएगी. यहां से चार घंट दूरी पर स्थित शहर वाराणसी में भी पार्किंग स्लॉट भरे हुए हैं. गोरखपुर हवाई अड्डे में भी पार्किंग लॉट भरे मिलेंगे. गोरखपुर यहां से तीन घंटे की दूरी पर है.

अयोध्या में हो रहे समारोह ने ज्वैलर्स और सोना-चांदी के कारोबारियों का बिजनेस बढ़ा रहा है.

यहां के कुछ रिटेल ज्वैलर्स का कहना है कि भगवान राम की सोने और सोने की परत चढ़ी मूर्तियां और मंदिरों की इतनी मांग है कि उनका स्टॉक खत्म हो गया है. उन्होंने बताया कि कुछ आइटम थाईलैंड से मंगाने पड़े हैं.

समाचार एजेंसी के मुताबिक़ लखनऊ में एचएस ज्वैलर्स के प्रबंधक बलदेव सिंह ने कहा, “ग्राहक उपहार देने और घरों रखने के लिए इस तरह की मूर्तियों की मांग कर रहे हैं. लेकिन अभी भी दो महीने का वेटिंग पीरियड चल रहा है.”

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