बेटी किसी की भी हो संकट के समय मदद करना चाहिए: साध्वी रंजना दीदी
बैतूल। श्री हनुमान मंदिर ग्राम कोदारोटी में आयोजित 9 दिवसीय संगीतमय श्री राम कथा के सातवें दिन रविवार को कथावाचक साध्वी रंजना दीदी ने माता शबरी की कथा का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि माता शबरी की भक्ति के आगे भगवान को भी आना पड़ा। माता सीता की खोज में जब श्रीराम शबरी की कुटिया पहुंते तो वह भाव विभोर हो गईं और उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। कहते हैं कि शबरी ने श्रीराम को स्वयं चखकर सिर्फ मीठे बेर खिलाये, जिसे भगवान राम ने भी भक्ति के वश होकर प्रेम से खाए। शबरी की भक्ति देखकर श्रीराम ने उन्हें मोक्ष प्रदान किया। कथा में साध्वी जी ने जाति प्रथा पर प्रहार किया। उन्होंने कहा भगवान सभी के हैं। 22 जनवरी को भगवान के अयोध्या आगमन पर दीपावली मनाने का आग्रह किया। कथा में उन्होंने बताया कि भगवान श्री राम ने सीता जी की खोज में पशु, पक्षी, वानर सभी की मदद ली। जटायु की कथा के माध्यम से कहा कि समाज में किसी की भी बेटी हो संकट के समय मदद जरूर करना चाहिए चाहे अपने प्राणों की आहुति देना पड़े। पूर्व विधायक अलकेश आर्य ने कथा स्थल पर पहुंचकर कथावाचक साध्वी रंजना दीदी का आशीर्वाद लिया। इसके साथ ही उन्होंने कथा पंडाल में बैठकर कथा श्रवण की।