एकलव्य शाहपुर में बच्चों के निवाले पर भी डाका! वार्डन की शीट में बच्चों की हाजरी संख्या के से ज्यादा का भुगतान 7 लाख के भुगतान के एवज में 9 लाख चुकाएं, बच्चों की संख्या में भी बड़ा हेरफेर…
By, बैतूल वार्ता
एकलव्य शाहपुर में बच्चों के निवाले पर भी डाका!
वार्डन की शीट में बच्चों की हाजरी संख्या के से ज्यादा का भुगतान
7 लाख के भुगतान के एवज में 9 लाख चुकाएं, बच्चों की संख्या में भी बड़ा हेरफेर…
बैतूल।। शाहपुर स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय परिसर में भ्रष्टाचार की सभी सीमाएं लांघ ली गई हैं। करोड़ों रूपए के बजट को ठिकाने लगाने और स्वहित साधने का कोई भी मौका हाथ से ना खिसक जाए इसके लिए जिम्मेदारों सहित ठेकेदार पूरी सतर्कता से इस फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे हैं। आवासीय विद्यालय परिसर में पढऩे वाले उन बच्चों के निवाले में भी भ्रष्टाचार किया गया है। जिन बच्चों को चाय, नाश्ते के साथ-साथ सुबह शाम पौस्टिक भोजन दिए जाने की जिम्मेदारी भी इन्हीं भ्रष्टाचारियों को दी गई है। आरोप हैं कि बच्चों की संख्या सहित भुगतान की शीट बनाकर वार्डन को देना होता है।, लेकिन इस शीट में भी छेड़छाड़ कर लाखों रुपये किया गया है।
7लाख के भुगतान को कर दिया 9 लाख
आवासीय विद्यालय के बच्चों के चाय,नाश्ते और दोनों समय कराए जाने वाले भोजन में किस तरह भ्रष्टाचार किया गया है, इसका प्रमाण अगस्त 2023 में ठेकेदार को किए गए भुगतान में ही सामने आ गया है, जिसके प्रमाण भी मौजूद हैं। नियम के मुताबिक बच्चों को जो आहार प्रतिदिन दिया जाता है उसे बकायदा वार्डन द्वारा संधारित कर सौंपा जाता है। इस चार्ट में बच्चों की उपस्थिति सहित जितना भोजन दिया गया है, उसकी मात्रा के हिसाब से राशि का भी उल्लेख किया जाता है। वार्डन ने अगस्त माह के पूरे 31 दिन का हिसाब 7 लाख 71 हजार 170 रुपये का बनाकर दिया था,लेकिन वास्तविक भुगतान पत्रक और वार्डन द्वारा सौंपे गए पत्रक में जमीन आसमान का अंतर नजर आ रहा है। ठेकेदार को इसी अगस्त माह का भुगतान 7 लाख 71 हजार 170 रुपये नहीं बल्कि 9 लाख 81 हजार 200 रुपये किया गया है, जो मय प्रमाण साफ साफ खुले भ्रष्टाचार की तरफ इशारा कर रहा है।
बच्चों की उपस्थिति में भी हेरफेर
अगस्त माह में पूरे पूरे 2 लाख 5 हजार 29 रुपये का भुगतान ठेकेदार को कैसे कर दिया गया यह जांच का विषय है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि वार्डन द्वारा जो पत्रक सौंपा गया था, उस पत्रक में बच्चों की उपस्थिति की जानकारी में भी छेड़छाड़ साफ नजर आ रही है। वार्डन ने जहां 1 अगस्त को सुबह नाश्ता करने वाले बच्चों की संख्या 425 बताई है। वास्तविक पत्रक में इसी तारीख को नाश्ता करने वाले बच्चों की संख्या 446 बताई गई है। यानी सीधे 21 बच्चों की उपस्थिति बढ़ाकर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है। अगस्त माह के दोनों पत्रकों के विश्लेषण में यह सामने आया है कि सुबह शाम के नाश्ते के साथ साथ दोनो वक्त के भोजन में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाकर करीब 2 लाख रुपए का गोलमाल किया गया। इस पूरे भ्रष्टाचार की शिकायत जन सुनवाई सहित कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी से की गई है। यदि इस गम्ंभीर मामले की जांच की जाती है तो लाखों रुपयों के भ्रष्टाचार की परत खुलती चली जाएगी और भ्रष्टाचार करने वाले जेल की हवा भी खा सकते हैं।