एकलव्य शाहपुर के प्राचार्य ने पाठ्य पुस्तक खरीदी में नियमों को दर किनार कर बजट से की ज्यादा राशि खर्च
By, बैतूल वार्ता
एकलव्य शाहपुर के प्राचार्य ने पाठ्य पुस्तक खरीदी में नियमों को दर किनार कर बजट से ज्यादा राशि खर्च की
कलेक्टर के अनुमोदन को भी दिखा दिया ठेंगा
बैतूल। एकलव्य आवासीय विद्यालय परिसर में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि करोड़ों के बजट को ठिकाने लगाए जाने में जहां नियम कायदे और कानूनों की धज्जियां उड़ा कर रख दी गई। खरीदी में कलेक्टर को ही मद परिवर्तन करने का अधिकार है। कलेक्टर एकलव्य आवासीय विद्यालय के अध्यक्ष है, इसीलिए अनुमोदन लिया जाना आवश्यक था उसे भी ठेंगा दिखा दिया गया। खरीदी के सभी मापदण्डों को ताक पर रखकर जिस तरह लाखों रुपये का फर्जी वाड़ा किया गया है उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस फर्जीवाड़े में कई बड़ी मछलियां भी भ्रष्टाचारी समुद्र में गोते लगा रही थी।
इस तरह उड़ाई नियमो की धज्जियां, आंखे मूंदे रहे अधिकारी
कार्यालय आयुक्त जनजाति कार्य सहसचिव, मध्य प्रदेश स्पेशल एंड रेसिडेंशियल एकेडमिक सोसायटी भोपाल के पत्र क्रमांक 242 दिनांक 20 मार्च 2023 से शैक्षणिक सत्र 2023, 24 हेतु मदवार बजट एकलव्य आदर्श आवासीय के प्राचार्य को आवंटित किया गया था। जिसके तहत उक्त पत्र के कंडिका तीन के अनुसार समस्त एकलव्य आवासीय विद्यालय की ई मार्केट प्लस जेम पोर्टल पर पंजीकृत होंगे तथा भारत सरकार के सामान्य वित्तीय नियम तथा मध्य प्रदेश भंडार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम के अनुसार क्रय संबंधी कार्यवाही करेंगे का लेख है। उक्त पत्र की कंडिका चार के अनुसार शैक्षणिक सत्र 23, 24 में आयुक्त द्वारा जारी पत्र क्रमांक 215 दिनांक 7 मार्च 2023 के दिशा निर्देशों के अनुसार डीजीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से एमपी सरस बायलाज में उल्लेखित है एवं समय-समय पर जारी अन्य वित्तीय प्रावधानों के अनुसार आवंटित राशि का उपयोग किया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इन नियमों की धज्जियां उड़ाकर रख दी गयी और स्वहित साधने के चक्कर में आदिवासी छात्र छात्राओं के हक और अधिकार पर डाका डाला गया। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शाहपुर के द्वारा आयुक्त के पत्र क्रमांक 242 दिनांक 20 मार्च 2023 के परिशिष्ट दो के बिंदु तीन में उल्लेखित है कि आदिवासी विद्यार्थियों के लिए पाठय पुस्तक प्रति विद्यार्थी मासिक 102 रुपए वार्षिक व्यय प्रति विद्यार्थी 1020 इस तरह कुल राशि 4 लाख 89 हजार 600 जवाहर नवोदय विद्यालय के मासिक मापदंडों के अनुसार व्यय किये जाए। परंतु ऐसा ना कर प्राचार्य एसके डोनीवाल ने विद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2023,24 में वाउचर क्रमांक 106 से 2 लाख 19 हजार 402 रुपये वाउचर क्रमांक 107 से 176-166 वाउचर क्रमांक 109 से 75 हजार 458 रुपये, वाउचर क्रमांक 112 से 1360 वाउचर क्रमांक 113 से 46 हजार 812 रुपये, वाउचर क्रमांक 114 से 40 हजार 800 रुपये वाउचर क्रमांक 115 से 46 हजार 964 रुपये इस तरह 6 लाख 6 हजार 962 रुपये का कुल व्यय किया गया। जबकि विद्यालय में अध्यनरत 430 विद्यार्थियों के मान से 4 लाख 38 हजार 600 रुपये का व्यय किया जाना था। प्राचार्य के द्वारा सभी नियमों की धज्जियां उड़ाकर 1 लाख 68 हजार 362 रुपए का अत्यधिक व्यय कर दिया गया।
— नई पुस्तकों की खरीदी बताकर थमाई पुरानी पुस्तकें–
शिकायतकर्ता मुन्नालाल वाडिवा ने उक्त वाउचरों को कलेक्टर से भी जांच में सम्मिलित करने की मांग की है। साथ में यह भी मांग की गई है कि उक्त वाउचरों से आदिवासी विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक सत्र 23-24 में पाठ्य पुस्तक जो क्रय की गई है वह वास्तविक क्रय की गई है कि नहीं तथा आदिवासी विद्यार्थियों को वितरित किया गया है कि नहीं यह भी जांच का विषय है। सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि हर साल पाठ्य पुस्तकों की खरीदी के लिए बजट आता है परंतु विद्यालय के बच्चों से पुरानी पुस्तके जमा करा ली जाती हैं और फिर वही पुरानी पुस्तके नए शैक्षणिक सत्र में बच्चो को वितरित कर दी जाती है और इसी तरह फर्जी बिल बाउचर लगाकर पाठ्य पुस्तकों के नाम पर राशि आहरित कर ली गई ।
— मद परिवर्तन किए बिना ही खर्च कर दिए लाखों–
एकलव्य आवासीय विद्यालय में कलेक्टर पदेन अध्यक्ष होते है, किसी भी खरीदी में यदि तय बजट से अधिक राशि खर्च होती है तो नियमानुसार राशि के मद परिवर्तन के लिए कलेक्टर की अनुमति ली जाती है तब ही अतिरिक्त राशि खर्च करने का प्रावधान हैं। लेकिन पाठ्य पुस्तक खरीदी के मामले में एकलव्य आवासीय विद्यालय ने नियमों को ताक पर रखकर 1 लाख 68 हजार 362 रुपए अपने बजट से अधिक ठिकाने लगा दिए।
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