एकलव्य चिचोली , भैसदेही में भी सहायक आयुक्त का बड़ा खेल ? आवासीय विद्यालय भैसदेही चिचोली में अपनी पसंद के छात्रावास अधीक्षकों को किया पदस्थ
एकलव्य चिचोली , भैसदेही में भी सहायक आयुक्त का बड़ा खेल ? आवासीय विद्यालय भैसदेही चिचोली में अपनी पसंद के छात्रावास अधीक्षकों को किया पदस्थ
बैतूल।।एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय परिसर में करोड़ों रुपये के फर्जी वाड़े की परत खुलने के बावजूद जनजातीय कार्य विभाग की सहायक आयुक्त पर कार्यवाही ना होना यह बता रहा है कि, इस फर्जीवाड़े में बड़े मगरमच्छ भी शामिल हो सकते हैं। क्योंकि बिना सहायक आयुक्त की जानकारी के बिना अधीनस्थ कर्मचारियों का इतना साहस हो ही नहीं सकता कि वे नियमों को ताक पर रखकर लाखों की वित्तीय अनियमितता को अंजाम दे सकते थे। इधर चिचोली ओर भैसदेही में भी संचालित एकलव्य आवासीय विद्यालय परिसर में अधीक्षकों की नियुक्ति पर सवाल खड़े हो रहे हैं। नियुक्ति में केंद्र सरकार की गाईड लाइन को दरकिनार करते हुए नियम विरुद्ध तरीके से शिक्षकों को अधीक्षक के पद पर नियुक्त किया गया है जबकि इन पदों पर अतिथि अधिक्षकों को नियुक्त करने का प्रावधान है।
पसंदीदा शिक्षकों को क्यों बनाया अधीक्षक
मध्य प्रदेश स्पेशल एंड रेसिडेंशियल एकेडमिक सोसायटी एमपी सरस भोपाल के पत्र क्रमांक 1680 दिनांक 19 दिसंबर 2022 सहायक आयुक्त जनजाति को संबोधित कर जारी किया गया था। पत्र में शैक्षणिक सत्र 23,24 में अतिथि पीजीटी टीजीटी एवं हॉस्टल वार्डन के एंपेलमेंट की व्यवस्था के तहत एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय चिचोली , भैंसदेही के बालक बालिका छात्रावास में अधीक्षकों को भारत सरकार की गाइडलाइन के आधार पर पदस्थ किया जाना था ।परंतु सहायक आयुक्त जनजाति कार्य बैतूल के द्वारा आज दिनांक तक उक्त निर्देश के अनुसार अतिथि अधीक्षक भेसदेही चिचोली में पदस्थ करने हेतु कोई कार्यवाही नहीं कि गई। और अपने मनमर्जी के छात्रावास अधीक्षकों को दूसरे विकासखंड से लाकर एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय चिचोली और भैंसदेही के बालक बालिका छात्रावास में छात्रावास अधीक्षक के पद पर जनजाति कार्य विभाग के प्राथमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक को नियम विरुद्ध पदस्थ करके रखा गया है। कलेक्टर को इस मामले की भी जांच की जानी चाहिए ।भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार अतिथि अधीक्षकों का मानदेय 32 हजार रुपए प्रति माह निर्धारित है।
काम अधीक्षक का वेतन निकल रहा स्कूल से
सहायक आयुक्त द्वारा कमाई का जरिया निकालने के लिए नियम कायदे कानूनों की किस तरह धज्जियां उड़ाई गयी है इसका पता इसी से चलता है कि, चिचोली ओर भैसदेही में बालक बालिका छात्रावासों में जो 4 अधीक्षक नियुक्त हैं उनका मूल पद शिक्षक का है। इन्हें अधीक्षक बनाकर एक तरीके से इनका अटैच मेन्ट कर इनकी सेवाएं क्यों ली जा रही है ये जांच का विषय है। नियम के अनुसार किसी भी कर्मचारी को उसका मूल पद या पदस्थापना स्थल बदलकर दूसरी जगह अटैच नहीं किया जा सकता लेकिन बावजूद इसके अपने चहेते शिक्षकों को उपकृत करने वाले 1200 छात्र छात्राओं वाले इन दोनों आवासीय परिसर में कैसे पदस्थ कर दिया गया इसका जवाब सहायक आयुक्त से लिया जाना चाहिए। नियम के मुताबिक अधीक्षक के पद पर अतिथि अधीक्षक ही नियुक्त किये जाने थे। लेकिन ऐसा क्यों नहीं किया गया यह समझ से परे है। इधर जो 4 शिक्षक अधीक्षक के पद का निर्वहन कर रहे हैं उनके विषय में जानकारी मिल रही है कि उनका वेतन उनके मूल पदस्थापन वाले स्कूलों से ही निकाला जा रहा है।