960 किलोमीटर की यात्रा कर वापस उद्गम स्थल मुलताई पहुंची मां ताप्ती पदयात्रा 34 दिनों की पदयात्रा के बाद ताप्ती सरोवर में हुआ महा आरती का आयोजन
By, बैतूल वार्ता
960 किलोमीटर की यात्रा कर वापस उद्गम स्थल मुलताई पहुंची मां ताप्ती पदयात्रा
34 दिनों की पदयात्रा के बाद ताप्ती सरोवर में हुआ महा आरती का आयोजन
मां ताप्ती को अर्पित की 120 साड़ियों की चुनरी
मां ताप्ती परिक्रमा यात्रा का भव्य समापन, संगम स्थल गुजरात से उद्गम स्थल मुलताई पहुंची पदयात्रा
बैतूल। मां ताप्ती उद्गम स्थल मुलताई में रविवार को मां ताप्ती पदयात्रा का भव्य महाआरती के साथ समापन हुआ। उल्लेखनीय है कि सभी पदयात्री अपनी स्वेच्छा से परिक्रमा पदयात्रा में सम्मिलित हुए थे। यह यात्रा इस वर्ष विगत 15 जनवरी को संगम स्थल डूमस हजीरा के एक छोर से चली थी और वापस मुलताई उद्गम स्थल में पहुंची। यात्रा लगभग 34 दिनों में पूर्ण हुई जिसमें यात्रियों ने लगभग 960 किलोमीटर की दूरी की। इस महाआरती में मुलताई, बैतूल के नागरिकों के साथ पदयात्री भी सम्मिलित हुए। मां ताप्ती परिक्रमा समिति के अध्यक्ष ने बताया कि पंडित संतोष महाराज ने विधिवत् पूजन पाठ कर 120 साड़ियों की चुनरी मां ताप्ती को अर्पित की। इस महाआरती के आयोजन में ताप्ती न्यास समिति मुलताई के हेमंत शर्मा, गुड्डू पवार, मनीष माथनकर, डॉ. राजेन्द्र ठाकुर, मुकेश वागद्रे एवं अन्य सदस्य सम्मिलित हुए। आरती के पूर्व परिक्रमा पदयात्री मुलताई हाइवे पर पहुंचे थे। तब यहां पर सुखदेव प्रसाद सोनी के नवनिर्मित लॉन में सभी भक्तों के पैर धोकर पूरे परिवार ने स्वागत किया। यहां पंजाबराव बोडखे, मंगला गव्हाडे, गुड्डू पवार, राजरानी परिहार, मोहन परिहार, रामदास देशमुख एवं अन्य धर्मप्रेमी बन्धु उपस्थित थे। बैतूल से अरुण किलेदार, राजू अग्रवाल, जितेन्द्र कपूर, राजीव खंडेलवाल, ब्रजपाण्डे, उषा द्विवेदी, संगीता अवस्थी एवं अन्य धर्मप्रेमी सम्मिलित थे। पदयात्रा में विभिन्न ग्रामों के पदयात्री, सेन्दूरझना, डोहलन आदि ग्रामों की महिलाएं सम्मिलित हुईं थीं। ताप्ती मैरिज लॉन मुलताई से बैण्ड बाजे के साथ शोभा यात्रा मुलताई नगर का भ्रमण कर ताप्ती सरोवर तट पर पहुंची। मुलताई में यात्रियों के ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था कुन्बी भवन में की गई। मां ताप्ती परिक्रमा समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र कपूर ने बताया कि आगामी वर्ष में 15 जनवरी, 2025 से पुनः परिक्रमा पदयात्रा मुलताई से डुमस (सूरत) तक जाएगी
यह भी पढ़ें