एकलव्य मामले में सख्त कार्यवाही नहीं, सांसद ,विधायको ने 20 दिन बाद चुप्पी तोड़ी आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग में धूल खा रहा कार्यवाही का प्रस्ताव
By, बैतूल वार्ता
एकलव्य मामले में सख्त कार्यवाही नहीं,
सांसद ,विधायको ने 20 दिन बाद चुप्पी तोड़ी
आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग में धूल खा रहा कार्यवाही का प्रस्ताव
बैतूल।।आदिवासी छात्र छात्राओं के हक और अधिकार पर डाका डालकर लाखों रुपयों का फर्जीवाड़ा करने वाले प्राचार्य , व्याख्याता और पीजीटी पर कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवँशी ने तो कार्यवाहीं कर इनके खिलाफ अनुशात्मक कार्यवाही के लिए आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग भोपाल को प्रस्ताव भेज दिया है लेकिन एक सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद आयुक्त ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं कि है और प्रस्ताव आयुक्त कार्यालय में धूल खाते पड़ा हुआ है। आदिवासियों के हक और अधिकार को लेकर खुद आदिवासी जनप्रतिनिधि भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि, खुद आदिवासी जनप्रतिनिधि भी शायद इस मामले पर कार्यवाही के मूड में नहीं दिख रहे। जब इस संबंध में भैसदेही विधायक महेंद्र सिंह चौहान से चर्चा की गई लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि उन्होंने इस मामले की कोई जानकारी होने से अनभिज्ञता जाहिर कर दी। हालांकि उन्होने कार्यवाहि का भरोसा जरूर दिया है।
सांसद बोले गंभीर मामला कार्रवाही के लिए कलेक्टर से कहा
इस मामले में क्षेत्रीय सांसद दुर्गादास उइके के देर आए दुरुस्त आए की तर्ज पर अपनी चुप्पी तोड़ी और बताया कि गुरुवार को विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने कलक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी के समक्ष एकलव्य आवासीय विद्यालय का मुद्दा उठाया था इस मामले में कार्रवाई भी की गई है लेकिन सांसद ने स्पष्ट कहा कि मामले की सूक्ष्मता से जांच कराई जाकर ऊपर से लेकर नीचे तक जो भी अधिकारी और कर्मचारी मामले में दोषी पाया जाता है कार्यवाही की जाए उन्होंने कहा कि वह खुद इस मामले में आदिवासी कल्याण मंत्री से चर्चा करेंगे
बात बड़ी तो घोड़ाडोगरी विधायक बोली मुख्यमंत्री से बात करूंगी
अपने विधानसभा क्षेत्र में हुए करोड़ों के फर्जीवाड़े के मामले में शुक्रवार को विधायक गंगाबाई उइके ने 25 दिनों बाद अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि फर्जीवाडा सामने आने के बाद उन्होंने परिसर का निरीक्षण किया था मेरे ही हस्तक्षेप के बाद ही जांच करवाई गई साथ कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही भी हुई है टीम का प्रस्ताव भोपाल भेजा गया है उन पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई मुझे नहीं मालूम लेकिन शीघ्र ही इस भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री को अवगत कराऊंगी
अधिकारियों से करेंगे चर्चा , दोषियों के खिलाफ होगी कार्यवाही। महेंद्र सिंह
लाखों के फर्जीवाड़े से जुड़े इस मामले को लेकर भैसदेही विधायक महेंद्र सिंह चौहान से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि, यह मामला अभी जानकारी में आया है। आदिवासियों के उत्थान और विकास के लिए प्रदेश भाजपा सरकार दृढ़ संकल्पित है। यह मामला गम्भीर है। इस संबंध में कलेक्टर महोदय सहित सम्बन्धित अधिकारियों से जानकारी लूंगा की अभी तक क्या कार्यवाही की गई है। यदि एकलव्य आवासीय विद्यालय में नियमों के विपरीत जाकर वित्तीय अनियमितता की गई है तो निश्चित रूप से आदिवासियों के हक में दोषियों को कार्यवाही झेलनी पड़ेगी।
मरम्मत कार्य का फर्जीवाड़ा जांच से गायब
शिकायत कर्ता मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष मुन्ना लाल वाड़ीवा ने समूची जांच पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए बताया है कि , जांच दल ने अपनी जांच के दौरान कई अनियमितताओं को अपनी जांच में शामिल नहीं किया है। मुन्ना लाल ने बताया कि भ्रष्टाचारियों ने बालक बालिका छात्रावासों की मरम्मत के नाम पर लगभग 3 लाख 42 हजार 501 रुपये कागजों पर खर्च कर दिए लेकिन जांच दल ने इस फर्जीवाड़े को अपनी जांच में शामिल नहीं किया है। ऐसे कई फर्जीवाड़े है जिसे नजर अंदाज किया जाना समूची जांच पर ही सवाल खड़े कर रहा है। मुन्ना लाल का कहना है कि वे आदिवासियों के हक और अधिकारों को लेकर गम्भीर हैं। यदि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही नहीं कि जाती है तो उन्हें न्यायालय का दरवाजा खटखटाने पर मजबूर होना पड़ेगा।