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एकलव्य शाहपुर में फैला रायता बटोरने की पुरजोर कोशिश, फर्जीवाड़े मामले में जिम्मेदारों पर कार्यवाही से परहेज क्यों?

By, बैतूल वार्ता

एकलव्य शाहपुर में फैला रायता बटोरने की पुरजोर कोशिश, फर्जीवाड़े मामले में जिम्मेदारों पर कार्यवाही से परहेज क्यों?

बैतूल एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय परिसर में अंजाम दिया गया फर्जीवाड़ा अब उच्च अधिकारियों के अभयदान पर जाकर रुक गया है। इसके बाद अब उन अधिकारियों पर भी उंगली उठनी शुरू हो गई हैं, जो लाखों का फर्जीवाड़ा होने की जानकारी के बाद भी कार्रवाई करने से बच रहे हैं। सूत्र बता रहे कि इसके चलते इस फर्जीवाड़ा को अंजाम देने वाले उन अधिकारियों को इतना समय दिया जा रहा है कि उनके द्वारा फैलाया गया रायता बटोरा जा सके। इधर कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने मामले की गंभीरता को देखते जांच के बाद अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली कार्यवाही तो कर दी, लेकिन जांच में ऐसे कई बिंदु हैं, जिन्हें शामिल नहीं किए जाने से कई फर्जीवाड़ा दबा दिए हैं। इसके बाद अब शिकायतकर्ता आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष मुन्नालाल वाड़िवा न्यायालय जाने की तैयारी कर रहे हैं।

हर सवाल का देना होगा न्यायालय में जवाब

आदिवासी विद्यार्थियों के हक और अधिकार से जुड़े इस गंभीर मामले में चल रही सुस्त कार्यवाही से शिकायतकर्ता खुद आश्चर्य में हैं। शिकायकर्ता वाड़िवा ने बताया कि अपने आप को आदिवासियों की पैरोकार कहने वाली प्रदेश भाजपा सरकार के रहते इतना बड़ा फर्जीवाड़ा कर दिया गया और सरकारी अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही, इसका मतलब है कि या तो पूरी सरकार मिली हुई है या फिर अधिकारी सरकार को आदिवासियों के नाम पर गुमराह कर रहे हैं। इसका उदाहरण यह है कि प्राचार्य एसके डोनीवाल सहित व्याख्यता और पीजीटी का सख्त कार्यवाही का प्रस्ताव आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग में धूल खा रहा है।

चार गुणा ज्यादा कीमतों पर खरीदी सामग्री

मुन्नालाल वाड़िवा ने आरोप लगाते हुए बताया कि शिकायत के तत्काल बाद कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दे दिए थे, लेकिन जांच में गणवेश खरीदी, मरम्मत कार्य सहित क्रय की गई उन सामग्रियों के बिंदुओं को शामिल नहीं किया गया। इनमें लाखों रुपए का घोटाला किया गया है। बाजार मूल्य से 4 गुना ज्यादा कीमतों पर यह सामग्रियां क्रय की गई हैं। इस पर कलेक्टर को भी संज्ञान लेने की जरूरत है। वहीं दूसरी तरफ प्राचार्य को दिए गए आहरण संवितरण अधिकार वापस नहीं लिए गए हैं और प्राचार्य इसका सीधा फायदा उठाते हुए ठेकेदार को धड़ल्ले से लाखों का भुगतान रोजाना कर रहे हैं। शिकायतकर्ता मुन्नालाल ने पुन: कलेक्टर को पत्र देकर प्राचार्य से आहरण संवितरण अधिकार वापस लिए जाने की मांग की है।

इनका कहना…

हमने जांच के बाद कार्रवाई की है। तीन लोगों का निलंबन का प्रस्ताव शासन के स्तर के अधिकारियों को भेजा है। वहां से कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद अन्य मामलों की भी जांच कराई जाएगी।

नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी, कलेक्टर बैतूल।

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