कलेक्टर के आदेश को भी नहीं मान रहा एकलव्य का प्राचार्य , प्रस्ताव पर कार्यवाही नहीं हुई
By, बैतूल वार्ता
कलेक्टर के आदेश को भी नहीं मान रहा एकलव्य का प्राचार्य
निर्देश के बावजूद नहीं हटाया अथिति अधीक्षकों को
बैतूल।। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शाहपुर में लाखों रुपये का फर्जी वाड़ा करने वाले प्राचार्य एस के डोनिवाल ने कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवँशी के आदेशों को भी मानने से इनकार कर दिया है। जिससे
प्रतीत हो रहा है कि प्राचार्य अपने आप को कलेक्टर से भी ज्यादा पावरफुल मानकर चल रहे हैं।
शिकायत कर्ता मुन्ना लाल वाड़ीवा का कहना है कि 15 फरवरी 2024 को पत्र क्रमांक 817 में कलेक्टर ने प्राचार्य एस के डोनिवाल को संबोधित करते हुए स्पस्ट निर्देश दीए हैं कि एकलव्य आवासीय विद्यालय शाहपुर में पदस्थ अतिथि छात्रावास अधीक्षक आशीष यादव एवं अतिथि अधीक्षिका स्वेता बिसेन तत्काल पद से पृथक किया जाए परंतु इस आदेश को प्राचार्य ने मानने से इनकार कर दिया है परंतु आज 7 मार्च तक कोई कार्रवाई नही की गई एवं अतिथि छात्रावास अधीक्षकों को पूरे माह का भुगतान करने के साथ साथ इनकी सेवाएं भी ली जा रही हैं। जबकि इस पूरे घटना क्रम में दोनों अथिति अधीक्षक भी उतने ही दोषी हैं जितने की प्राचार्य, व्याख्यता और पीजीटी हैं। लेकिन टीम भरस्टाचारी कलेक्टर के आदेश को दरकिनार करते हुए अभी भी अपने मंसूबों को अमलीजामा पहना रहे हैं।
क्या कहते हैं कलेक्टर के निर्देश
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शाहपुर में हुए फर्जी वाड़े को लेकर जांच के बाद मामला पानी की तरह साफ हो गया था। इसके बाद कलेक्टर ने जारी आदेश में उल्लेखित किया कि, वित्तीय वर्ष 2023-24 में क्रय की गई सामग्रियों में भ्रष्टाचार होने संबंधी शिकायत की जांच तीन सदस्यीय दल गठित कर कराई गई। जांच उपरान्त पाया गया कि सामग्री क्रय उपरान्त विद्यालय में स्थानीय स्तर पर सत्यापन के लिये गठित की गई समिति में अतिथि अधीक्षक आशीष यादव एवं अतिथि अधीक्षिका सुश्री श्वेता बिसेन को भी सदस्य बनाया गया था। समिति के सदस्यों के द्वारा सामग्री के सत्यापन के दौरान गंभीर लापरवाही बरती गई है। सामग्रियां क्रय आदेश, अनुबंध एवं देयक में अंकित स्पेशिफिकेशन के अनुसार सामग्री प्राप्त नहीं होने के उपरान्त भी गुणवत्ताहीन प्राप्त सामग्री का सत्यापन कर भुगतान की अनुशंसा की गई है। इसके अलावा माह जुलाई एवं अगस्त 2023 में मेस संचालक ठेकेदार को मेस व्यय के भुगतान से संबंधित देयक का परीक्षण किये जाने पर यह पाया गया है कि माह जुलाई, अगस्त 2023 में देयक के साथ अधीक्षकों के द्वारा उपस्थिति के आधार पर व्यय का जो आंकलन किया गया है, उसमें विद्यार्थियों की उपस्थिति को बढ़ाकर राशि रूपये 2 लाख 43 हजार का अधिक भुगतान कराया जाकर शासन को हानि पहुँचाई गई है। इस प्रकार कार्यरत अतिथि अधीक्षक ,अधीक्षिका के द्वारा अपने कर्तव्य का निर्वहन निष्ठापूर्वक नहीं किया गया है ।
अतः उपरोक्त अनियमितताओं के फलस्वरूप आशीष यादव, अतिथि अधीक्षक एवं सुश्री श्वेता बिसेन, अतिथि अधीक्षिका, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शाहपुर को अतिथि अधीक्षक के पद से पृथक किये जाने की कार्यवाही तत्काल की जाना सुनिश्चित करें ।
एकलव्य के फर्जीवाड़े में कलेक्टर सख्त, कार्यवाही के लिए भेजेंगे रिमाइंडर
डोनिवाल पुराने बिलों का धड़ल्ले से कर रहा भुगतान
बैतूल।। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शाहपुर में किये गए लाखों रुपयों के फर्जी वाड़े का खुलासा कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवँशी द्वारा कराई गई जांच में हो चुका है। लेकिन आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग द्वारा इस फर्जी वाड़े पर कार्यवाही नहीं किये जाने से प्राचार्य डोनिवाल अभी भी अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर शासकीय राशि को ठिकाने लगाए जाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। जिसके आहरण संवितरण अधिकार पर तत्काल रोक नहीं लगाई गई तो फर्जी वाड़े का आंकड़ा बढ़ता ही चला जायेगा।
बोले कलेक्टर कार्यवाही के लिए भेजेंगे रिमांडर
इस गम्भीर मामले को लेकर जिला कलेक्टर ने तत्काल तीन सदस्यीय जांच दल गठित कर जांच कराई थी। जांच में फर्जी वाड़ा सामने आने के बाद श्री सूर्यवँशी ने फर्जी वाड़े के मुख्य सूत्रधार प्राचार्य एस के डोनिवाल व्याख्यता और पीजीटी के निलंबन का प्रस्ताव आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग को भेजा था लेकिन इसे विडम्बना ही कहेंगे कि पूरे 20 दिन बाद भी आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग ने निलंबन की कार्यवाही नहीं कि। चूंकि निलंबन का अधिकार कलेक्टर को नहीं है इस स्थिति में कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवँशी ने कार्यवाही के लिए पुनः आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग को रिमाइंडर भेजे जाने की बात कही है। कलेक्टर को जब प्राचार्य द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग किये जाने की जानकारी दी गयी तो उन्होंने इसके लिए शासन से मार्गदर्शन लिए जाने के लिए कहा है।
इनका कहना,,,
प्रस्ताव पर कार्यवाही नहीं हुई है जिसके लिए रिमांडर भेजा जाएगा। आहरण संवितरण अधिकार पर रोक लगाने के लिए मार्गदर्शन लेने के बाद कार्यवाही करेंगे।
नरेंद्र कुमार सूर्यवँशी। कलेक्टर बैतूल
1997-98 में हुई एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय
भारत सरकार ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए 1997-98 में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (Eklavya Model Residential School) की शुरुआत की. वर्ष 2018-19 में इसके लिए विशेष योजना बनाई गई. तय किया गया कि छठी से 12वीं कक्षा तक के स्कूल में 480 छात्र होंगे. शुरू में संविधान के अनुच्छेद 275(1) के तहत इन स्कूलों को अनुदान दिया गया. वर्ष 2018-19 में सरकार ने तय किया कि 50 फीसदी या अधिक और 20 हजार एसटी आबादी वो हर ब्लॉक में एक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की स्थापना होगी. ये मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय के समकक्ष होगा. वर्ष 2021-22 में यह भी तय किया गया कि ऐसे प्रत्येक स्कूल की लागत को 20 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 37.8 करोड़ रुपए कर दिया जाएगा. पहाड़ी और कठिन क्षेत्रों के लिए इस राशि को बढ़ाकर 48 करोड़ रुपए कर दिया गया है. भारत सरकार का मानना है कि इससे जनजातीय छात्रों के लिए बेहतर बुनियादी सुविधाएं बनाने में मदद मिलेगी.