छात्रावास अधीक्षिका के बचाव में आगे आई छात्राएं और परिजन कस्तूरबा गांधी छात्रावास दामजीपुरा की अधीक्षिका के निलंबन का मामला छात्राएं बोली हम अपनी मर्जी से पालकों के साथ धार्मिक आयोजन में हुए थे शामिल
छात्रावास अधीक्षिका के बचाव में आगे आई छात्राएं और परिजन
कस्तूरबा गांधी छात्रावास दामजीपुरा की अधीक्षिका के निलंबन का मामला
छात्राएं बोली हम अपनी मर्जी से पालकों के साथ धार्मिक आयोजन में हुए थे शामिल
कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, द्वेषवश झूठी शिकायत करने का आरोप
बैतूल। कस्तूरबा गांधी हॉस्टल की अधीक्षिका के निलंबन मामले में शनिवार को नया मोड़ आ गया है। इस मामले में छात्राओं और उनके पालकों ने छात्रावास अधीक्षिका के बचाव में आगे आते हुए द्वेषवश झूठी शिकायत करने का आरोप लगाया है। छात्राओं का कहना है कि वह 12वीं की परीक्षा देने के बाद 13 मार्च के पूर्व ही अपने-अपने घर चली गई थी। छात्राओं ने बताया कि हॉस्टल में मूर्ति स्थापना का कार्यक्रम था, इसी दिन गांव में भी धार्मिक आयोजन किया जा रहा था। हॉस्टल के शिव मंदिर में मूर्ति स्थापना के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वह अपने परिजनों के साथ गईं थीं। छात्राएं विगत चार वर्ष से उसी हॉस्टल में रहकर पढाई कर रही थी, इसलिए अधीक्षिका द्वारा उन्हें बुलाया गया था। इस मामले में परिजनों का कहना है कि गांव के कुछ लोगों ने ईर्ष्या, जलन की भावना से इस कार्यक्रम का वीडियो वायरल कर दिया। बिना जांच निलंबन का आदेश कर दिया गया है जबकि वायरल वीडियो की कोई विधिवत जांच भी नहीं की गई हैं। पालकों ने आग्रह किया कि निलंबन आदेश वापसकर पुनः बहाल कर दिया जाए। पालकों ने बताया कि विगत पांच वर्ष से अधीक्षिका का बच्चों के प्रति व्यवहार संतोषजनक हैं। पालकों ने इस मामले में उचित जांच कर निष्पक्ष कार्यवाही की मांग की। ज्ञापन सौंपने वालों में छात्राओं के परिजन फगनसिंह, मुन्नालाल, बालाराम धुर्वे, संजय भटकरे, शिवप्रसाद बटके, करण, कृपाराम, विनोद, भीमसिंह सलामे, प्रेमलाल, मुनीश, जीवनलाल, इमरत आदि शामिल है।