समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीदी: मध्यप्रदेश में 30 प्रतिशत तक चमकविहीन गेंहू खरीदा जाएगा
By, बैतूल वार्ता
समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीदी: मध्यप्रदेश में 30 प्रतिशत तक चमकविहीन गेंहू खरीदा जाएगा
किसानों को प्रति क्विंटल (2275+125) कुल 2400 रूपये का भुगतान मिलेगा
बैतूल: मध्यप्रदेश के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी आ गई है। सरकार ने 30 प्रतिशत तक चमक विहीन होने पर भी गेंहू की समर्थन मूल्य पर खरीदी की अनुमति दे दी है। हालांकि इसके भंडारण और परिवहन को लेकर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। मध्यप्रदेश के किसानों को गेंहू का समर्थन मूल्य और बोनस मिलाकर कुल 2400 रूपये प्रति क्विंटल का भुगतान किया जाएगा।
चमक विहीन गेंहू होने की वजह से अभी तक समर्थन मूल्य पर खरीदी नाम मात्र की ही हो रही थी और किसान औने पौने दाम पर मंडी में गेंहू बेचने के लिए मजबूर हो रहे थे।
किसानों की समस्या को देखते हुए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग मध्य प्रदेश के उप सचिव बीके चंदेल ने आठ अप्रैल को आयुक्त, सहकारिता एवं पंजीयक, सहकारी संस्थाएँ, मध्यप्रदेश, समस्त कलेक्टर्स, मध्यप्रदेश और प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश राज्य सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, भोपाल को रबी विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर चमकविहीन गेहूं का उपार्जन के संदर्भ में संयुक्त आयुक्त (S&R), भारत सरकार का पत्र F.No. 7-5/2023-581 दिनांक 08. 04. 2023 के तहत आदेश जारी किया है।
आदेश में उल्लेख किया गया है कि प्रदेश में असामयिक बारिश एवं ओलावृष्टि के कारण गेहूं के फसल प्रभावित (लस्टर लोस) हो जाने के कारण रबी विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन में 0 से 30% तक लस्टर लॉस बगैर वैल्यूकट के उपार्जन करने की अनुमति जारी की गई है।
इन निर्देशों के परिपालन में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के संबंध में निम्नानुसार कार्यवाही की जाएगी
1.
30% तक लस्टर लॉस उपार्जित गेहूं पर पूर्ण समर्थन मूल्य की राशि मय राज्य बोनस (2275+125) रू. 2400 के किसानों को भुगतान किया जाए।
2.
लस्टर लॉस गेहूं के बोरों पर “Z” मार्का लगाकर पृथक से स्टैकिंग कराई जाए।
3.
उपार्जन केन्द्र के लॉगिन से लस्टर लॉस गेहूं की मात्रा एवं प्रतिशत की जानकारी अनिवार्यता पोर्टल पर प्रविष्ट कराई जाए।
4.
उपार्जन कैन्द्र पर चमकविहीन गेहूं के बोरी पर स्याही लाल कलर से मार्किंग (उदाहरण के रूप में “Z”) करके अलग से थप्पी लगाई जाए। बोरी पर स्याही लाल कलर इस प्रकार से लगाया जाए कि “Z” का निशान स्पष्ट रूप से दर्शित हो।
5.
उपार्जन केन्द्रों में चमकविहीन गेहूं प्राप्त होने पर उपार्जन केन्द्रों द्वारा किसानवार चमकविहीन गेहूं की=अलग-अलग थप्पियां लगाकर संग्रहण किया जाए तथा किसानवार गेहूं की चमकविहीन प्रतिशत का रिकार्ड भी रखा जाए।
6.
उपार्जन केन्द्रों से एफएक्यू एवं चमकविहीन का पृथक-पृथक टुर्की में परिवहन कराया जाए एवं प्रत्येक ट्रक चालान पर चमकविहीन गेहूं का प्रतिशत अंकित किया जाए। एक ट्रक में दोनों प्रकार के गेहूं का परिवहन नहीं कराया जाएगा।
7.
उपार्जन एजेंसी के गोदाम प्रभारी की जिम्मेदारी होगी कि वह संग्रहण में चमकविहीन गेहूं की प्रासि होने पर किसानवार बोरों का परीक्षण करेगा एवं किसानवार चमकविहीन गेहूं के प्रतिशत का मैन्युअल एवं ऑनलाईन जारी किए जाने वाले स्वीकृति पत्रक में प्रविष्टि करेगा।
8.
उपार्जन संस्थाओं से प्राप्त चमकविहीन गेहूं के ट्रक चालानों में चमकविहीन का प्रतिशत नहीं होने पर अथवा भारत सरकार द्वारा चमकविहीन के स्वीकृत प्रतिशत से अधिक चमकविहीन पाए जाने पर ऐसे ट्रकों को भंडारण हेतु स्वीकार नहीं किया जाए एवं संबंधित उपार्जन केन्द्रों को वापस किया जाएगा।
9.
भंडारण एजेंसी के संग्रहण केन्द्र प्रभारी का दायित्व होगा कि संग्रहण हेतु प्राप्त एफएक्यू एवं चमकविहीन गेहूं की उपार्जन संस्थाबार पृथक-पृथक स्टेक लगाए जाएं।
10.
गेहूं के स्टेक कार्ड में गेहूं के एफएक्यू अथवा चमकविहीन होने का पूर्ण विवरण अंकित किया जाएगा जिसमें ट्रक चालान में उल्लेखित चमकविहीन प्रतिशत को दर्ज किया जाएगा।
11.
भंडारण एजेंसी द्वारा स्वयं के संयुक्त भागीदारी योजना एवं अन्य अनुबंधित गोदास मालिकों को लिखित में निर्देशित किया जाए कि एफएक्यू एवं चमकविहीन गेहूं की पृथक-पृथक संस्थावार स्ट्रैक लगाकर भंडारित कराया जाए।
12.
उक्तानुसार चमकविहीन गेहूं का उपार्जन, परिवहन, भंडारण एवं उसके प्रतिशत के निर्धारण इत्यादि हेतु उपार्जन कार्य में संलग्न कर्मियों यथा उपार्जन संस्था प्रभारी, कम्प्यूटर आपरेटर, सर्वेयर तथा उपार्जन/भंडारण एजेंसी के गोदाम में कार्यरत कर्मियों को प्रशिक्षण उपार्जन एजेंसी द्वारा दिया जाए। उक्तानुसार चमकविहीन गेहूं का उपार्जन सुनिश्चित कराया जाए।