भाजपा स्टार प्रचारकों के सहारे, कांग्रेस को हाईटेक प्रचार और गठबंधन से उम्मीद
मतदान को एक सप्ताह का समय शेष, दोनों पार्टियों में मुंह जुबानी तेज, मौकों को भुनाने का नहीं छोड़ रहे कोई मौका
बैतूल ।। बैतूल-हरदा-हरसूद संसदीय क्षेत्र में मतदान के लिए महज एक सप्ताह का समय शेष बचा है। ऐसे में दोनों पार्टियों ने प्रचार में एढ़ी चोटी का जोर लगा दिया है। भाजपा जहां दिग्गज स्टार प्रचारकों के अलावा अपने बूथ मैंनेजमेंट के भरोसे बड़ी जीत हासिल करने का दावा कर रही है। इसके विपरित कांग्रेस हाईटेक चुनाव प्रचार कर इंडिया गठबंधन के स्थानीय नेताओं को साथ लेकर नुक्कड़ सभा और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार की कमान थामे हुए हैं। कुल मिलाकर भाजपा और कांग्रेस के बीच प्रचार को लेकर तुलना की जाए तो उन्नीस-बीसा ही अंतर दिखाई दे रहा है। अंतिम दौर में जिस तरह से दोनों पार्टियों ने ताकत झोंकी है। इससे परिणाम चौकाने वाले भी आ सकते हैं।
वर्ष 1996 के चुनाव से भाजपा के लिए बैतूल सीट अभेद गढ़ बन गई है। पिछले चुनाव में सारे रिकार्ड ध्वस्त करते हुए जिस तरह भाजपा ने यहां 3 लाख 59 हजार मतों से जीत हासिल की थी, तब से पार्टी ने इस सीट को अपने लिए सुरक्षित मान लिया है। प्रदेश से होकर केंद्रीय नेतृत्वके पास पहुंचे रिपोर्ट कार्ड के अनुसार भाजपा ने भले ही इसे अपनी सुरक्षित सीट मान लिया है, लेकिन प्रचार प्रसार में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। चूंकि सुरक्षित सीट होने के बावजूद भाजपा ने जिस तरह से हर बूथ से अपने वोट बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके बाद भाजपा नेताओं भी जिम्मेदारी निभाते हुए हर बूथ पर ध्यान दे रहे हैं।
मोदी-सीएम की सभा से माहौल बनाने का प्रयास
भाजपा ने इस बार गत चुनाव के रिकार्ड को तोड़ने के लिए सुरक्षित सीट होने के बावजूद संसदीय क्षेत्र के हरदा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 24 अप्रैल को बड़ी सभा करवाई। इसमें जिले से भी 20 हजार से अधिक कार्यकर्ता एवं अन्य लोग शामिल हुए। भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए विधानसभा चुनाव में पराजय झेलनी वाली हरदा और टिमरनी सीट को कवर करने के उद्देश्य भाजपा ने बह्मास्त्र फेंका। भाजपा प्रत्याशी डीडी उइके की नामांकन रैली में भी मुख्यमंत्री खुद शामिल होने आए तो रविवार यादव बाहुल्य क्षेत्र मलाजपुर में भी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने हुंकार भरी। कुछ दिनों बाद भाजपा के बड़े नेता आमला और भैंसदेही विधानसभा में सभा ले सकते हैं, इसकी तैयारियां की जा रही हैं। कुल मिलाकर भाजपा सुरक्षित मानने के बावजूद तगड़ा चक्रव्यू रचकर अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए बड़े नेताओं की सभाओं पर निर्भर है। पांच विधायकों का भी भाजपा को सहारा मिल रहे हैं। इसलिए पार्टी के लोग अपनी जीत का दावा कर रहे हैं।
इंडिया गठबंधन के पक्ष में आने से कांग्रेस मजबूत
जानकार बताते हैं कि अब तक विपक्ष का वोट बैंक बिखरा हुआ रहता था, लेकिन इस बार राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस, सपा, आप और अन्य दलों का गठबंधन हुआ है। बैतूल जिले में भी इस गठबंधन का असर दिखाई दे रहा है। पूर्व विधायक डॉ सुनीलम, आप नेता अजय सोनी समेत सपा के जिला अध्यक्ष और अन्य पार्टियों के पदाधिकारी, कांग्रेस के अन्य जिम्मेदारों के साथ नुक्कड़ सभा और गांवों में घूमकर प्रचार के अलावा रामू टेकाम के समर्थन में सभा कर रहे हैं। खुद टेकाम अपने उद्बोधन में भाजपा को घेरने के किसी भी प्रयास में पीछे नहीं हट रहे हैं। वे सोशल मीडिया पर सक्रिय होकर अपने हाईटेक उद्बबोधन के सहारे भाजपा पर गंभीर आरोप लगाने से नहीं चूक रहे हैं। जबकि पूर्व विधायक सुखदेव पांसे, जिला अध्यक्ष हेमंत वागद्रे भी उनके समर्थन में लगातार सक्रिय देखे जा रहे हैं।
मतदान के प्रतिशत पर टिकी है सभी की निगाहें
पिछले दो चरणों में मतदान हो चुके हैं। गत 26 अप्रैल को प्रदेश की जिन 6 सीटों पर मतदान हुआ है, उसका प्रतिशत कम होने पर भाजपा और कांग्रेस खेमे में हलचल मची है। कहा जााता है कि जितना प्रतिशत मतदान होता आया है, उतना फायदा भाजपा को मिलता है। इस बार दूसरे चरण की 6 सीटों पर वोटिंग का प्रतिशत काफी कम होने से कांग्रेस खेमे में उत्साह देखा जा रहा है। अब सभी की नजर सात मई को होने वाले बैतूल लोकसभा में होने वाले मतदान पर टिकी है। कहा जा रहा है कि भाजपा अधिक मतदान कराने के लिए भाजपा कार्यककर्ताओं को प्रेरित कर रही है। हालांकि कई मर्तबा कम मतदान के बावजूद परिणाम चौकाने वाले रहे हैं, इसलिए कोई दावे से नहीं कहा जा सकता है कि कम- अधिक मतदान से किस पार्टी को फायदा पहुंचेगा।