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माता पिता के आपसी विवाद में मासूम का भविष्य दांव पर केंद्रीय विद्यालय से टीसी नहीं मिलने दे रहा पिता, तलाक के बाद मां के पास है बेटे की जिम्मेदारी

By, बैतूल वार्ता

माता पिता के आपसी विवाद में मासूम का भविष्य दांव पर

केंद्रीय विद्यालय से टीसी नहीं मिलने दे रहा पिता, तलाक के बाद मां के पास है बेटे की जिम्मेदारी
बैतूल आपसी विवाद को लेकर कोर्ट ने हम पति पत्नी के बीच तलाक तो करवा दिया, लेकिन अब मेरे बेटे के भविष्य पर पिता लगातार अड़ंगे लगा रहा है। केंद्रीय विद्यालय में पीजीटी के पद पर पदस्थ किशोर साहू अपनी ही संतान के के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। बच्चे की आगे की पढ़ाई ना हो पाए इसके लिए केंद्रीय विद्यालय से टीसी नहीं मिलने दी जा रही है। यह कहना है बच्चे की माता पूजा साहू का जिन्हें तलाक के बाद न्यायालय ने बच्चे की जिम्मेदारी सौंपी है। केंद्रीय विद्यालय प्रबंधन भी बच्चे को टीसी दिए जाने के बजाए नियमों का हवाला दे रहा है। ऐसे में बच्चे के भविष्य का आगे क्या होगा इससे ना पिता को मतलब है और ना ही प्रबंधन को, बच्चे की मां पूजा साहू अब कलेक्टर से शिकायत करने की बात कर रही है।
2018 में ही कुटुंब न्यायालय से हो चुका तलाक
पूरे मामले को लेकर केंद्रीय विद्यालय में 9 वीं क्लास में पढ़ने वाले छात्र सेम पिता किशोर साहू की माता पूजा साहू ने बताया कि उनका विवाह 13 साल पूर्व किशोर साहू से हुआ था। वर्तमान में किशोर केंद्रीय विद्यालय बैतूल में पदस्थ है। पति से अनबन के चलते वर्ष 2018 में कुटुंब न्यायालय के आदेश से दोनों के बीच तलाक हुआ और न्यायालय ने बेटे की कस्टडी मुझे सौंपी थी। बेटा सेम केंद्रीय विद्यालय बैतूल में कक्षा 9 वीं में अध्ययनरत है। जिसे मैं इंदौर में अपने साथ रखकर पढ़ाना चाहती हूं। मेरे द्वारा टीसी प्राप्त करने के लिए सभी दस्तावेज विद्यालय में जमा किये जा चुके हैं, लेकिन टीसी दिए जाने के लिए किशोर साहू अपने पद और रसूख का बेजा इस्तेमाल करते हुए टीसी नहीं मिलने दे रहा है और बच्चे का भविष्य खराब किये जाने की कोशिश की जा रही है।

प्राचार्य दे रहे नियमों का हवाला

पूरे मामले में एक बात साफ है कि माता-पिता की लड़ाई में पिसकर मासूम बेटे का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। इस मामले को लेकर जब केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य से पूछा गया तो उन्होने भी टीसी दिए जाने में असमर्थता जाहिर की है। प्राचार्य आरएन पांडे ने बताया कि दम्पत्ति का तलाक तो हो चुका है, लेकिन अभी भी न्यायालय में प्रकरण चल रहा है। नियम के मुताबिक जब तक प्रकरण फाइनल नहीं हो जाता बच्चे को टीसी प्रदान नहीं कि जा सकती है।

पिता मांग रहा बच्चे की जिम्मेदारी

न्यायालय में चल रहे मामले को लेकर पूजा साहू ने बताया कि वर्ष 2018 में न्यायालय से जब दोनो के बीच तलाक हुआ था तो बच्चे के कहने पर ही न्यायालय ने कस्टडी मुझे सौंपी थी, लेकिन मेरे बेटे का भविष्य खराब हो जाये इसके लिए किशोर साहू ने पुन: न्यायालय में प्रकरण दाखिल कर बच्चे की जिम्मेदारी उन्हें सौंपने की दरख्वास्त की है। इसी प्रकरण को आधार बनाकर मेरे बेटे की टीसी मुझे नहीं दी जा रही है। इसे विडम्बना और अज्ञानता ही कहा जाएगा कि माता-पिता का आपसी विवाद तलाक में तब्दील हो जाने के बाद भी उस मासूम बच्चे का भविष्य दांव पर लगाया जा रहा है, जिसका इस पूरे प्रकरण से कोई लेना देना तक नहीं है।
इनका कहना……
बच्चे के माता पिता का प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। नियमानुसार जब तक प्रकरण का निराकरण नहीं हो जाता बच्चे को टीसी प्रदान नहीं कि जा सकती है।
आरएन पांडेय, प्राचार्य, केंद्रीय विद्यालय, बैतूल

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