मौसमी बीमारियों ने पसारे पांव, 800 के पार पहुंचा ओपीडी का आंकड़ा बच्चे, युवा, बुजुर्ग सब मौसमी बीमारी के चपेट में
By, बैतूल वार्ता
मौसमी बीमारियों ने पसारे पांव, 800 के पार पहुंचा ओपीडी का आंकड़ा
बच्चे, युवा, बुजुर्ग सब मौसमी बीमारी के चपेट में
बैतूल। लगातार मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है। कभी बारिश तो कभी तेज धूप और गर्मी। मौसम में बदलाव के चलते बच्चों में बीमारी तेजी से बढ़ रही है। इधर जिला अस्पताल में मौसमी बीमारियों के मरीज बड़ी संख्या में उपचार करवाने के लिए पहुंच रहे है। ओपीडी का आंकड़ा भी अब धीरे-धीरे बढ़ते ही जा रहा है। सबसे ज्यादा डायरिया से पीड़ित बच्चे अस्पताल में पहुंच रहे हैं। साथ ही सर्दी, जुकाम जैसी बीमारियों से पीड़ित बच्चे लेकर माता-पिता अस्पताल पहुंच रहे हैं।
गौरतलब है कि इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। छोटे बच्चों में वायरल के साथ उल्टी-दस्त और पानी की कमी के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। साथ ही बड़ों में भी गले में खराश, जुकाम, खासी, बदन दर्द और बुखार, अस्थमा अटैक जैसे मामले बढ़ रहे हैं।
800 के पार पहुंचा ओपीडी का आंकड़ा
पिछले कुछ दिनों से जिला अस्पताल में उपचार करवाने के लिए बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे है। जिसमें मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीज भी शामिल है। कुछ दिनों से ओपीडी का आंकड़ा भी 800 के पार चल रहा है। मौसमी बीमारियों का असर बच्चों पर सबसे ज्यादा दिखाई दे रहा है। कुछ बच्चों की तबीयत अधिक बिगड़ने पर भर्ती करने तक की नौबत आ रही है। इसी तरह मौसम बना रहा तो आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या में इजाफा होने की संभावना है।
माता-पिता बच्चों का रखें विशेष ख्याल
डॉक्टरों का कहना है कि कुछ दिनों से बच्चों की ओपीडी संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसमें डायरिया की संख्या ज्यादा है। इसके अलावा बच्चों में वायरल, निमोनिया और उल्टी दस्त के आ रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे गर्मी से हो रहे हैं। यह मौसमी रोग है, इसमें सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। डॉक्टरों ने बताया कि इसके लिए बच्चों के माता-पिता को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। अपने बच्चों को बाहर लेकर नहीं जाएं।
साथ ही ओआरएस का सेवन कराएं। समय-समय पर बच्चों को पानी पिलाएं, जिससे उन में पानी की कमी न हो सके। कमरे के तापमान को सामान्य बनाए रखें। रात को तेज ऐसी में बच्चों को न सुलाएं। बच्चों का स्वास्थ्य जरा सा भी बदलाव देखे तो डाक्टर को दिखाएं, जिससे समय रहते बीमारी को फैलने से रोका जा सके।