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‘हिंदू मुसलमान नहीं करूंगा’, पीएम मोदी इस बयान से पहले और बाद में मुसलमानों पर क्या-क्या बोले?

By, बैतूल वार्ता

‘हिंदू मुसलमान नहीं करूंगा’, पीएम मोदी इस बयान से पहले और बाद में मुसलमानों पर क्या-क्या बोले?

15 मई 2024

पीएम नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के नासिक की रैली में बुधवार को एक बार फिर मुसलमानों के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर आरोप लगाए हैं.

पीएम मोदी नें कहा “बाबा साहेब धर्म के आधार पर आरक्षण के ख़िलाफ़ थे. लेकिन कांग्रेस कह रही है कि एसटी, एससी, ओबीसी और ग़रीबों का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को दे देंगे. कांग्रेस आपकी संपत्ति को भी ज़ब्त करके अपने वोट बैंक को देने की तैयारी में हैं.”

कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में मुसलमानों को आरक्षण या संपत्ति दिए जाने को लेकर कोई बात नहीं कही है. पीएम मोदी ने इससे पहले भी जब ऐसे दावे किए थे, तब कांग्रेस नेताओं ने पीएम मोदी के दावों को झूठा बताया था.

मुसलमानों का नाम लिए बगैर पीएम मोदी ने कहा, “कांग्रेस की सोच है कि देश की सरकारें जितना बजट बनाती हैं, उसका 15 प्रतिशत सिर्फ़ अल्पसंख्यकों पर ख़र्च हो. यानी धर्म के आधार पर बजट का भी बँटवारा. धर्म के आधार पर इन्होंने देश को बाँटा. आज भी धर्म के आधार पर भांति-भांति के बँटवारे करने में लगे हुए हैं.”
अपनी सरकार की तारीफ़ करते हुए पीएम मोदी बोले, “हमने न कभी किसी का धर्म देखा है. न किसी का धर्म पूछा है. योजना सबके लिए बनाई जाती हैं. सबको योजनाओं का लाभ दिया जाता है.”

बुधवार को नासिक की रैली में पीएम मोदी बोले, “कई साल पहले कांग्रेस ने धर्म के आधार पर बजट के आवंटन को हरी झंडी दिखा दी थी. आप कल्पना कर सकते हैं कि बजट के इस तरह से टुकड़े करना कितना ख़तरनाक विचार है. आप जानते हैं कि कांग्रेस के लिए माइनॉरिटी सिर्फ़ एक ही है… उसका प्रिय वोट बैंक.”

पीएम मोदी ने दावा करते हुए कहा, “मैं सीएम था, जब कांग्रेस ने ये बात उठाई थी. मैंने सीएम रहते हुए इसका विरोध किया था. कांग्रेस चाहती थी कि देश के बजट का 15 प्रतिशत सिर्फ़ मुसलमानों पर ख़र्च हो. बीजेपी की कोशिश से तब ये योजना कामयाब नहीं हो पाई थी. मोदी धर्म के आधार पर न बजट बाँटने देगा, न धर्म के आधार पर आरक्षण देगा.”

‘ज़्यादा बच्चे पैदा करने’ और ‘घुसपैठिए’ वाला बयान

इससे पहले 21अप्रैल  को राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी रैली में दिए एक भाषण में बीजेपी नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक पुराने भाषण का हवाला दिया और मुसलमानों पर टिप्पणी की.

पीएम मोदी ने अपने भाषण में समुदाय विशेष के लिए ‘घुसपैठिए’ और ‘ज़्यादा बच्चे पैदा करने वाला’ जैसी बातें कहीं.

पीएम मोदी ने कहा था, “पहले जब उनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है, इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठा करके किसको बांटेंगे- जिनके ज़्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे, घुसपैठियों को बांटेंगे. क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंज़ूर है ये?”

मोदी ने कहा था, “ये कांग्रेस का मैनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है. भाइयों बहनों ये अर्बन नक्सल की सोच, मेरी मां-बहनों ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे, ये यहां तक जाएंगे.”

हालांकि पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह के जिस 18 साल पुराने भाषण का ज़िक्र किया है, उसमें मनमोहन सिंह ने मुसलमानों को पहला हक़ देने की बात नहीं कही थी.

मनमोहन सिंह ने साल 2006 में कहा था, “अनुसूचित जातियों और जनजातियों को पुनर्जीवित करने की ज़रूरत है. हमें नई योजनाएं लाकर ये सुनिश्चित करना होगा कि अल्पसंख्यकों का और ख़ासकर मुसलमानों का भी उत्थान हो सके, विकास का फायदा मिल सके. इन सभी का संसाधनों पर पहला दावा होना चाहिए.”

मनमोहन सिंह ने अंग्रेज़ी में दिए गए भाषण में ‘क्लेम’ शब्द का इस्तेमाल किया था.

मैं हिंदू मुसलमान नहीं करूंगा: पीएम मोदी

‘ज़्यादा बच्चे पैदा करने’ और ‘घुसपैठिए’ वाले पीएम मोदी के बयान पर काफ़ी विवाद हुआ था और चुनाव आयोग से भी शिकायत की गई थी.

अब 14 मई को एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी.

 पीएम मोदी से एक चैनल की एंकर ने सवाल पूछा, “स्टेज पर जब आपने मुसलमानों का ज़िक्र किया तो ज़्यादा बच्चे पैदा करने वाला, घुसपैठिया… इसकी क्या ज़रूरत आन पड़ी?”

पीएम मोदी ने इसका जवाब दिया, “मैं हैरान हूं जी. ये आपसे किसने कहा कि जब ज़्यादा बच्चों की बात होती है तो मुसलमान की बात जोड़ देते हैं. क्यों मुसलमान के साथ अन्याय करते हैं आप. हमारे यहां गरीब परिवारों में भी ये हाल है जी. उनके बच्चों को पढ़ा नहीं पा रहे हैं. किसी भी समाज के हैं. गरीबी जहां है, वहां बच्चे भी ज़्यादा हैं.”

पीएम मोदी बोले, “मैंने न हिंदू कहा है, न मुसलमान कहा है. मैंने कहा कि आप उतने बच्चे हो (करो) जिनका आप लालन-पालन कर सको. सरकार को करना पड़े, ऐसी स्थिति मत करो.”

इस बार आपको मुसलमान वोट देगा, आपको उनके वोट की चाहत है?

पीएम मोदी ने इसका जवाब दिया, “मैं मानता हूं कि मेरे देश के लोग मुझे वोट देंगे. मैं जिस दिन हिंदू मुसलमान करूंगा, उस दिन मैं सार्वजनिक जीवन में रहने योग्य नहीं रहूंगा. मैं हिंदू मुसलमान नहीं करूंगा. ये मेरा संकल्प है.”

ईद पर क्या बोले पीएम

मंगलवार को ही वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन भरने से पहले एक निजी चैनल को इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा था, “मेरा जो घर है न…मेरे अगल-बगल में सारे मुस्लिम परिवार हैं.”

उन्होंने कहा, “तो हमारे घर में ईद भी मनती थी. हमारे घर में और भी त्योहार होते थे. मेरे घर में ईद के दिन खुद का खाना नहीं पकता था, सारे मुस्लिम परिवारों से मेरे यहाँ खाना आ जाता था.”

“मेरे घर से पांच कदम की दूरी पर मुस्लिम परिवार हैं. जब मुहर्रम (ताजिया) निकलता था तो हम उसके नीचे से निकलते थे, जैसे मंदिर में परिक्रमा करते हैं…वैसे…ये हमें सिखाया जाता था.”

जब पीएम मोदी सिदी सईद मस्जिद गए

साल 2017 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे के भारत दौरे के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें लेकर अहमदाबाद के सिदी सईद मस्जिद लेकर गए थे.

पीएम मोदी अहमदाबाद में शिंज़ो आबे की मेज़बानी कर रहे थे और उस वक़्त जापानी मेहमानों के लिए बुटीक हेरीटेज होटल हाउस ऑफ़ मंगलदास गिरधरदास में ख़ास डिनर का आयोजन किया गया था.

साल 1924 में बना ये हाउस एक रईस कपड़ा कारोबारी का घर हुआ करता था जिसे बाद में होटल में बदल दिया गया था.

लेकिन इससे पहले मोदी शिंज़ो आबे को शहर की सिदी सईद मस्जिद लेकर गए.

गुजरात के पर्यटन विभाग के मुताबिक शहर के नेहरू पुल के पूर्वी छोर पर बनी इस मस्जिद का निर्माण साल 1573 में हुआ था और ये मुग़ल काल में अहमदाबाद में बनी सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है.

इसका नाम इसे बनाने वाले पर रखा गया है. सिदी सईद यमन से आए थे और उन्होंने सुल्तान नसीरुद्दीन महमूद III और सुल्तान मुज़फ़्फ़र शाह III के दरबार में काम किया.

प्रियंका गांधी क्या बोलीं

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को पीएम मोदी के हिंदू मुसलमान वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी है.

पीएम मोदी ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में मंगलवार को कहा था, “मैं जिस दिन हिंदू मुसलमान करूंगा, उस दिन मैं सार्वजनिक जीवन में रहने योग्य नहीं रहूंगा. मैं हिंदू मुसलमान नहीं करूंगा. ये मेरा संकल्प है.”

प्रियंका गांधी  ने पीएम मोदी के बयान पर कहा, “अब वो उन भाषणों से इनकार नहीं कर सकते, जो उन्होंने दिए हैं. उन्होंने पूरी दुनिया के सामने वो भाषण दिए हैं. आपने देखा, मैंने देखा, पूरे देश ने देखा. अब वो पलट जाएंगे और कहेंगे कि मैंने वो भाषण नहीं दिए.”

वो बोलीं, “हम प्राचीन युग में नहीं रहे हैं कि जो वो बोले हैं, उसके बारे में लोगों को पता नहीं चलेगा. सब रिकॉर्ड में है कि उन्होंने कब, किस धर्म के बारे में क्या कहा है. उन्होंने कैसे धर्म का राजनीति में इस्तेमाल किया.”

प्रियंका कहती हैं, “शायद पीएम मोदी को अहसास हो गया है कि 10 साल बाद लोग ऐसी बातें सुनना नहीं चाहते. वो उन समस्याओं का समाधान चाहते हैं, जो वो झेल रहे हैं. जब वो ये कहते हैं कि कांग्रेस आपका मंगलसूत्र या भैंस ले लेगी तो उन्हें वैसी प्रतिक्रियाएं नहीं मिल रही हैं.”

प्रियंका ने पीएम मोदी को सलाह देते हुए कहा, “पहले हमारा घोषणापत्र पढ़ें, क्योंकि वो वैसी बातें कह रहे हैं जो हमारे घोषणापत्र में नहीं हैं.”

ओवैसी की प्रतिक्रिया

एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी
ने    पीएम मोदी के टीवी इंटरव्यू पर मंगलवार को प्रतिक्रिया दी थी.

ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट किया, “मोदी ने अपने भाषण में मुसलमानों को घुसपैठिया और ज़्यादा बच्चे वाला कहा था. अब वो कह रहे हैं कि वो मुसलमानों की बात नहीं कर रहे थे, उन्होंने कभी हिन्दू-मुस्लिम नहीं किया.”

ओवैसी बोले, “ये झूठी सफ़ाई देने में इतना वक़्त क्यों लग गया? मोदी का सियासी सफ़र सिर्फ़ और सिर्फ़ मुस्लिम विरोधी सियासत पर बना है. इस चुनाव में मोदी और बीजेपी ने मुसलमानों के ख़िलाफ़ अनगिनत झूठ और बेहिसाब नफ़रत फैलाई है.”

ओवैसी ने लिखा, “कटघरे में सिर्फ़ मोदी नहीं हैं, बल्कि हर वो वोटर है जिसने इन भाषणों के बावजूद बीजेपी को वोट दिया.”

( साभार :  बीबीसी हिन्दी )

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