भारत के सोनागाछी में रेड लाइट एरिया है, क्या पाकिस्तान में भी है ऐसा कोई इलाका?
जिस जगह वेश्यावृत्ति की जाती है. उस जगह को रेड लाइट एरिया कहां जाता है. समय के साथ वेश्यावृत्ति का व्यापार बहुत तेजी से बड़ा है. अगर एक तरह से देखा जाए तो वेश्यावृत्ति अब सिर्फ रेड लाइट एरिया तक ही सीमित नहीं रह गई है.
यह बहुत से ऐसे स्थानों पर भी पहुंच गया है. जहां रोजाना आम इंसानों का आना जाना होता है. भारत में वेश्यावृत्ति के कुल कारोबार की बात की जाए तो यह करीब 66 हजार करोड़ रुपये के आसपास है.
वेश्यावृत्ति का एक पुराना इतिहास रहा है. यह मुगलों के समय से चली आ रही है. और फिर अंग्रेजों के जमाने में भी इसका खूब विस्तार हुआ. भारत में वेश्यावृत्ति के लिए सबसे बड़े रेड लाइट एरिया की बात की जाए तो वह कोलकाता में है. सोनागाछी में भारत का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया है. क्या पाकिस्तान में भी कोई इस तरह का रेड लाइट एरिया है. चलिए जानते हैं इस बात का जवाब.
हीरामंडी पाकिस्तान का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया
हाल ही में नेटफ्लिक्स पर एक फिल्म रिलीज हुई है जिसका नाम है हीरा मंडी. इस फिल्म का निर्देशन किया है भारत के मशहूर निर्देशक संजय लीला भंसाली ने, फिल्म वेश्यावृत्ति के एक खास इलाके को लेकर बनाई गई है. इस इलाके का नाम ही है हीरा मंडी. यहां पाकिस्तान का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया है. मुगलों के समय से इसका अस्तित्व है. यहां आज भी जिस्म फरोशी का बाजार सजता है. लाहौर में यह इलाका पाकिस्तान का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया कहा जाता है.
मुगलों के समय तक इस एरिया में वेश्यावृत्ति के व्यापार का चलन नहीं था. तब यहां पर सिर्फ संस्कृतिक कार्यक्रम ही हुआ करते थे. जैसे संगीत और नाचना गाना. मुगल राज्य परिवार के कई राजकुमार राजकुमारियां यहां कला सीखने आते थे. और यही कारण था किस जगह को शाही मोहल्ला भी कहा जाता था. हीरा मंडी में घर वर्तमान स्थिति की बात की जाए तो आज भी दिन में तो यहां आम बाजारों की तरह बाजार लगता है. लेकिन रात होते ही वेश्यावृत्ति का व्यापार शुरू होने लगता है.
कैसे नाम पड़ा हीरामंडी?
अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि पाकिस्तान के रेड लाइट एरिया का नाम हीरा मंडी है. तो क्या पहले यहां हीरे बेचे जाते थे या हीरो को कारोबार हुआ करता था. दरअसल ऐसा कुछ नहीं है. इस एरिया का नाम हीरा मंडी इसलिए पड़ा क्योंकि इसे बसाने वाले शख्स का नाम था हीरा हीरा सिंह डोगरा, जिसे हीरा सिंह नाभा के नाम से भी जाना जाता है.
हीरा के पिता राजा ध्यान सिंह लाहौर के महाराजा रणजीत सिंह के बेहद गरीबी हुआ करते थे. राजा ध्यान सिंह लाहौर के प्राइम मिनिस्टर थे. उसी दौरान उनका इंतकाल हो गया. इसके बाद हीरा को वहां का प्राइम मिनिस्टर बनाया गया. हीरा ने उस एरिया में अनाज की मंडी खोली और इसी वजह से उस जगह का नाम हीरा मंडी पड़ गया. और आज तक उस जगह का यही नाम है.