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परीक्षा स्थगित होने से संकट में फिजियोथेरेपी और पैरामेडिकल विद्यार्थियों का भविष्य , विद्यार्थियों ने दी भूख हड़ताल की चेतावनी

By, बैतूल वार्ता

परीक्षा स्थगित होने से संकट में फिजियोथेरेपी और पैरामेडिकल विद्यार्थियों का भविष्य , विद्यार्थियों ने दी भूख हड़ताल की चेतावनी
बैतूल। मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (एमपीएमएसयू), जबलपुर द्वारा फिजियोथेरेपी सत्र 2021-22 की परीक्षा अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिए जाने से सैकड़ों छात्रों का भविष्य संकट में है। एनएसयूआई के कार्यकर्ता संकल्प मिश्रा ने बताया कि यदि जल्द से जल्द परीक्षा नहीं करवाई गई तो सभी पैरामेडिकल छात्र भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
संकल्प मिश्रा ने बताया कि सत्र 2021-22 के पैरामेडिकल छात्र-छात्राओं की परीक्षा अभी तक नहीं हो पाई है, जिससे वे और उनके परिवारजन मानसिक एवं आर्थिक रूप से परेशान हैं। यह परीक्षा 29 मई 2024 से प्रारंभ होने वाली थी, लेकिन कुछ अपरिहार्य कारणों से इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
छात्र-छात्राओं ने बताया कि 10 नवंबर 2021 को निर्धारित प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण कर उन्होंने चोइथराम  कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंस इंदौर में प्रवेश लिया मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के नियम अनुसार महाविद्यालय द्वारा पाठ्यक्रम पूर्ण पूर्ण हो चुका है उसके पश्चात 2 साल हो चुके हैं लेकिन अभी तक के परीक्षा नहीं हो पाई है
— यह है विवाद की जड़–
विश्वविद्यालय द्वारा जारी अधिसूचना में विद्यार्थियों ने सम्बद्धता शुल्क का भुगतान कर नामांकन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूर्ण कर दी थी। विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी समिति की बैठक में 9 जनवरी 2024 को संस्था को सत्र 2021-22 हेतु सम्बद्धता प्रदान की गई थी। परंतु विश्वविद्यालय की अधिसूचना (क्र. म.प्र.आ.वि.वि./परीक्षा/2024/6657) के अनुसार किसी अपरिहार्य कारण से परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। परीक्षाओं के बार-बार निरस्त होने से विद्यार्थियों एवं अभिभावकों की आर्थिक एवं मानसिक स्थिति अत्यंत खराब हो गई है। लंबे समय से प्रथम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित नहीं हो पाई हैं, जिससे छात्रों का भविष्य अनिश्चितता में है।
— यह है विद्यार्थियों की मांग–
विद्यार्थियों ने मांग की है कि विश्वविद्यालय उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए और सहानुभूति के साथ विचार करे। उनका अनुरोध है कि महाविद्यालय द्वारा आयोजित प्रि-यूनिवर्सिटी परीक्षा के प्राप्तांकों के अनुसार प्रथम वर्ष का परीक्षा परिणाम घोषित किया जाए और आगामी वर्षों की परीक्षाएं नियत समय पर आयोजित करवाई जाएं। संकल्प मिश्रा ने बताया यदि विद्यार्थियों की मांगों को जल्द से जल्द नहीं माना गया तो सभी पैरामेडिकल छात्र छात्राएं भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर हो जाएंगे। विश्वविद्यालय को छात्रों की समस्याओं का समाधान करने और उनकी परीक्षा शीघ्र आयोजित करने की दिशा में त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता है।

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