‘चुनाव के समय जप रहे थे गारंटी का माला- कमलनाथ
शिवराज सिंह चौहान बने कृषि मंत्री तो कमलनाथ बोले, ‘जब खुद CM थे तब…’
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान अब केंद्र सरकार में कृषि मंत्री हैं. उनके कृषि मंत्री बनते ही कमलनाथ ने चुनावी वादा याद कराया.
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा चुनाव में जीत के बाद 11 जून को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया. शिवराज द्वारा कृषि मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालते ही पूर्व सीएम कमलनाथ ने उनपर निशाना साधा है. कमलनाथ ने 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान गेहूं और धान की कीमत को लेकर किए वादे की याद दिलाई है.
कमलनाथ ने ‘एक्स’ पर लिखा, ”मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बने छह महीने बीत चुके हैं और अब तो केंद्र में नई सरकार का गठन भी हो चुका है तथा आचार संहिता भी समाप्त हो चुकी है. इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने अब तक किसानों से किया अपना कोई वादा नहीं निभाया है. भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि प्रदेश में किसानों को गेहूं का MSP 2700 रुपया प्रति क्विंटल और धान का MSP 3100 रुपया प्रति क्विंटल दिया जाएगा.”
कृषि मंत्री के रूप में सीएम मोहन यादव की सहायता करें शिवराज – कमलनाथ
कमलनाथ ने आगे लिखा, ”मैं मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव और नवनियुक्त केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से पूछना चाहता हूं कि अब वह कौन सी वजह है जिस कारण भाजपा मध्य प्रदेश के किसानों से किया अपना वादा नहीं निभा रही है. जब चुनाव में भाजपा यह वादा कर रही थी तो शिवराज जी ख़ुद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. जो वादा उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए किया है, उसे निभाने में कृषि मंत्री के रूप में वर्तमान मुख्यमंत्री की सहायता करना उनका कर्तव्य है.”
चुनाव के समय जप रहे थे गारंटी का माला- कमलनाथ
पूर्व सीएम कमलनाथ ने सोशल मीडिया साइट पर सवाल किया, ”चुनाव के समय गारंटी की माला जपने वाले अब गारंटी से पीछे क्यों हट रहे हैं? वैसे मध्य प्रदेश की जनता अब धीरे-धीरे समझ चुकी है कि भारतीय जनता पार्टी के खाने के दांत और, दिखाने के दांत और हैं. चुनाव से पहले जो भाजपा किसानों से बड़े-बड़े वादे करती है, चुनाव के बाद उन वादों से पीठ फेर लेना उसकी फ़ितरत है.”