बेटी ने पहले दी परीक्षा, फिर किया पिता का अंतिम संस्कार पिता के सपनों को साकार करने 6 घंटे घर में रही पिता की पार्थिव देह
By, बैतूल वार्ता
बेटी ने पहले दी परीक्षा, फिर किया पिता का अंतिम संस्कार
पिता के सपनों को साकार करने 6 घंटे घर में रही पिता की पार्थिव देह
बैतूल। बेटे का ना होना कोई दुख की बात नहीं, क्योंकि आज बेटियां भी बेटों से कम नहीं हैं। ऐसी ही एक बेटी ने अपने ऊपर पड़े दुख के पहाड़ को बर्दाश्त कर पहले परीक्षा सेंटर पर पेपर दिया और बाद में घर में अपने पिता की मृत देह का अंतिम संस्कार भी किया। बिटिया के घर वापस लौटने तक पिता की मृत देह घर में ही रखी गई। एक बेटी का अपने पिता के प्रति यह फर्ज देखकर अंतिम यात्रा में शामिल हर आंखे उस समय हम हो गई, जब बेटी ने अपने पिता के सपनों को साकार करने की बात कही।
दरअसल गौठाना की अष्ट विनायक कालोनी में रहने वाले शरद पोटफोड़े पिछले 4 साल से बीमार थे। गुरुवार अचानक सुबह 10.30 बजे उनका निधन हो गया था। श्री पोटफोड़े के निधन के बाद उनकी दोनों बेटियों और परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, क्योंकि पिता का साया दोनों बेटियों के सिर से उठ चुका था। दुखदाई स्थिति तब निर्मित हो गई, जब इसी दिन सुबह 11 बजे बड़ी बेटी खुशी को बीसीए का पेपर देने जाना था।
चूंकि पिता के सपनों को भी साकार करने की जिम्मेदारी बेटी की ही थी इसलिए परिजनों की सहमति से यह तय किया गया कि खुशी पहले पेपर देगी, उसके बाद पिता का अंतिम संस्कार। भारी मन से खुशी पेपर देने पहले सेंटर गई और उसके वापस आने तक पिता की मृत देह घर में ही रखी गई। दोपहर 3 बजे खुशी अपने घर पहुंची और कोठीबाजार मोक्षधाम में पिता का अग्नि संस्कार किया । इस दौरान अंतिम यात्रा में शामिल लोगों की आंखे उस समय नम हो गई, जब बड़ी बेटी खुशी और छोटी बेटी अक्षरा ने अपने पिता के सपनों को साकार करने का संकल्प लिया।
बेटे नहीं थे, इसलिए बेटियों ने निभाया फर्ज
बताया जाता है कि अष्टकालोनी निवासी शरद पोटफोड़े की दो पुत्रियां थीं। वे पुत्र की तरह दोनों का पालन पोषण करते आ रहे हैं। उनके निधन से अचानक परिवार सदमे में था। हालांकि हिंदू धर्म में अग्नि संस्कार पुरूषों द्वारा किया जाता है, लेकिन यहां भी पुत्र न होने पर दोनों पुत्रियों ने जब अपने पिता को कोठीबाजार मोक्षधाम पर मुखाग्नि दी तो कई आंखें नम हो गई। अंतिम संस्कार के बाद भी काफी देर तक मोक्षधाम में माहौल गमनीन देखा गया।