बिना अनुबंध के मजदूरों से काम करवा रहे एमपीईबी के ठेकेदार
ठेकेदार की लापरवाही से गंभीर रूप से झुलसा मजदूर
जयस ने ठेकेदार पर कार्यवाही और घायल मजदूर को मुआवजा दिलाने की मांग की
जिला कलेक्टर और श्रम अधिकारी से की शिकायत, तत्काल कार्यवाही की मांग
बैतूल। एमपीईबी अंतर्गत रजिस्टर्ड एवं पेट ठेकेदारों द्वारा मजदूरों से बिना अनुबंध के काम करवाने का आरोप लगाते हुए जयस संगठन ने कलेक्टर से शिकायत की है। जयस प्रदेश संयोजक जामवंत सिंह कुमरे ने बताया कि एमपीईबी के पेट ठेकेदार राहुल दुबे ने बिना अनुबंध किए मजदूरों से कार्य करवाया, जिसके चलते 20 वर्षीय मजदूर आशिक इवने गंभीर रूप से झुलस गया। यह घटना 26 अप्रैल को चिखली के पास हुई, जब आशिक को बिना अनुमति के बिजली पोल पर चढ़ाया गया था और पास ही चालू लाइट थी, जिससे वह चपेट में आ गया।
पीड़ित मजदूर के परिवार ने इस मामले की शिकायत भैंसदेही थाने में दर्ज कराई है। श्रम विभाग में भी इस मामले की शिकायत की गई है। प्रदेश संयोजक का कहना है कि बिना अनुबंध के मजदूरों से कार्य करवाना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह उनकी सुरक्षा और अधिकारों के लिए भी हानिकारक है। इस प्रकार की लापरवाही के कारण मजदूरों और उनके परिवारों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
— यह है मामला —
राबड़या आठनेर निवासी 20 वर्षीय मजदूर आशिक इवने पिछले 6 महीनों से ठेकेदार राहुल दुबे के साथ बिजली ट्रांसफार्मर आदि का काम कर रहा था। 26 अप्रैल को चिखली के पास बिना अनुमति के बिजली पोल पर चढ़ाए जाने के दौरान पास में ही चालू बिजली तारों की चपेट में आने से वह गंभीर रूप से झुलस गया। आशिक को तत्काल बंसाली हॉस्पिटल, परतवाड़ा में भर्ती किया गया, जहाँ इलाज का खर्च लगभग 3 लाख रुपये तक पहुँच गया। प्रारंभ में ठेकेदार ने पूरा खर्च देने का वादा किया था, लेकिन बाद में वह मुकर गया। जयस प्रदेश संयोजक ने ठेकेदार की इस लापरवाही और धोखाधड़ी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
— बिजली कंपनी और ठेकेदार की लापरवाही–
प्रदेश संयोजक ने बताया कि यह मामला बिजली कंपनी और ठेकेदारों की लापरवाही और अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है, जो मजदूरों के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर रहा है। यह महत्वपूर्ण है कि मजदूरों को अनुबंध के आधार पर ही काम पर रखा जाए और सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जाए। मजदूरों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए संबंधित अधिकारियों को तत्काल और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।
जयस प्रदेश संयोजक ने बताया कि एमपीईबी अंतर्गत रजिस्टर्ड एवं पेट ठेकेदारों द्वारा मजदूरों से बिना अनुबंध के काम करवाया जाता है। ट्रांसफार्मर आदि की स्वीकृति, फिटिंग, स्थापित करने और हैंडओवर करने की प्रक्रिया एमपीईबी के मुख्य प्रबंधक और जूनियर इंजीनियरों के निर्देशन में ही संचालित होती है। इस संदर्भ में कड़ी कार्यवाही की मांग की गई है।
–सुरक्षा और बीमा प्रावधानों की मांग–
जयस प्रदेश संयोजक ने ठेकेदार की जिम्मेदारियों की जांच कर कड़ी कार्यवाही की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने आरोपी ठेकेदार राहुल दुबे का लाइसेंस रद्द करने और धोखाधड़ी के मामले में उचित कार्यवाही करने की अपील की है। साथ ही, फरियादी मजदूर को मुआवजा दिलाने की भी मांग की है। जयस प्रदेश संयोजक ने प्रशासन से अपील की है कि वे मजदूरों की सुरक्षा और बीमा प्रावधानों की जांच करें और दोषी ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं। ज्ञापन की प्रतिलिपि एमपीईबी के मुख्य अभियंता को भी प्रेषित की गई।
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