स्कूल जाने की उम्र में पानी भरने में व्यस्त बच्चे– ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की गंभीर समस्या, नल जल योजना की विफलता आई सामने
By, बैतूल वार्ता
ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की गंभीर समस्या, नल जल योजना की विफलता आई सामने
जयस जामवन्त कुमरे ने प्रभातपट्टन विकासखंड में ग्रामीणों की चिंताजनक स्थिति पर रोष व्यक्त किया
बैतूल। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली, नल जल योजनाओं की अयोग्य प्रबंधन के कारण पानी की समस्या में सुधार नहीं हो रहा है। कई गांवों में लोग अभी भी पीने के पानी के लिए बूँद-बूँद की तरह तरस रहे हैं। एक ऐसे उदाहरण के रूप में, प्रभातपट्टन विकासखंड में स्थित ग्राम पंचायत चिखलीमाल के कुंदारैयत गांव के ग्रामीण तीन किलोमीटर दूर से बैलगाड़ी में पानी भरकर ला रहे हैं।
ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों को अपनी शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन अभी तक सुधार नहीं हुआ है। सरकार द्वारा चलाई गई बहुत सारी योजनाओं के बावजूद भी, आदिवासी क्षेत्रों में पानी की समस्या अभी भी अधूरी है।
जयसप्रदेश संयोजक जामवंत कुमरे ने कहा, ग्रामीण क्षेत्रों में जनप्रतिनिधी सिर्फ चुनाव के समय दिखाई देते है, परन्तु जब समस्याओं की बात आती है तो वे जनता से दूरी बनाए रखते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बहुत सारी सरकारी योजनाओं के बावजूद आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पानी की समस्या अभी भी हल नहीं हुई है। जामवन्त कुमारे ने बताया कि बीज को लेकर आठनेर के किसानों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है।
— किसानों की मुख्य समस्या: बिजली और पानी–
जामवंत कुमरे ने कहा, ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश लोग खेती मजदूरी से जुड़े हुए हैं और उन्हें अक्सर बिजली की समस्याओं से जूझना पड़ता है। बिजली की उपलब्धता के अभाव में वे अपनी फसल को पानी देने में विलंबित हो जाते हैं, जिससे उनकी दिनचर्या पर बुरा असर पड़ता है। ग्रामीणों और किसानों के जीवन में सुविधाओं का बदलाव कब आएगा, यह विचारणीय मुद्दा है। प्रशासन को ग्रामीणों की समस्याओं का स्थाई निराकरण करने की आवश्यकता है।
— स्कूल जाने की उम्र में पानी भरने में व्यस्त बच्चे–
दिलीप धुर्वे ने बताया कि ग्रामीण जनों के बच्चे, जो कि स्कूल जाने के उम्र में होते हैं, वे भी पानी भरने में व्यस्त रहते हैं। इससे ग्रामीण जीवन की कठिनाइयाँ साफ़ दिखाई देती हैं और देश के भविष्य को अंधकारमय जीवन से गुजारने की पीड़ा सिर्फ़ वही लोग अनुभव करते हैं। इस परिस्थिति में, सामूहिक प्रयास करके सुविधाओं में सुधार करने की जरूरत है ताकि ग्रामीणों और किसानों को जीवन के मौलिक सुविधाएं समय पर मिल सकें, जिससे देश का जीडीपी भी बढ़ सके।
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