BJP शासित मध्यप्रदेश में भी जांच के लिए CBI को लेनी होगी अनुमति, नोटिफिकेशन जारी
मध्यप्रदेश की मोहन सिंह यादव सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर घोषणा की है कि बिना उससे इजाजत लिए CBI और सभी केंद्रीय जांच एजेंसियां कोई जांच नहीं कर पाएंगी.
मध्यप्रदेश में CBI समेत तमाम केंद्रीय एजेंसियों को जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी. बिना इजाजत के CBI और अन्य जांच एजेंसियां कोई जांच नहीं कर पाएंगी. सीएम मोहन सिंह यादव के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के गृह विभाग ने इस संबंध में 16 जुलाई को गजट नोटिफिकेशन जारी किया है, जो इसी महीने की शुरुआत यानी 1 जुलाई से प्रभावी माना जाएगा.
नोटिफिकेशन के मुताबिक, केंद्रीय एजेंसियों को जांच के लिए अनुमति लेनी होगी. सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के आपराधिक मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति जरूरी होगी. नोटिफिकेशन कहता है कि बिना लिखित अनुमति के जांच नहीं की जा सकेगी. सरकार का कहना है कि उसने दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम की धारा 3 की शक्तियों का उपयोग किया है.
गृह विभाग ने अपने आदेश में लिखा,
“इसलिए इस अधिनियम की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लेते हुए, शासन द्वारा नियंत्रित लोक सेवकों से संबंधित मामलों में ऐसी कोई जांच राज्य सरकार की पूर्व लिखित अनुमति के बिना नहीं की जाएगी. किन्हीं भी अपराधों के लिए पिछली सभी सामान्य सहमति और राज्य सरकार द्वारा किसी अन्य अपराध के लिए मामले -दर-मामले के आधार पर दी गई सहमति भी लागू रहेगी. यह नोटिफिकेशन 1 जुलाई से प्रभावी समझा जाएगा.”
राज्य सरकार के फैसले के बाद गृह विभाग के सेक्रेटरी गौरव राजपूत ने ये नोटिफिकेशन जारी किया है.इसके पहले नवंबर 2018 में पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने एक आदेश में कहा था कि सीबीआई को उसे क्षेत्राधिकार में जांच के लिए उसकी अनुमति लेनी होगी. ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली बंगाल सरकार ने दिल्ली पुलिस विशेष स्थापना (DSPE) अधिनियम की धारा 6 के तहत सीबीआई को मिली पूर्व सहमति को वापस ले लिया था. इसके अलावा तमिलनाडु, केरल और पंजाब में भी किसी केस की जांच के पहले CBI को वहां की सरकार से अनुमति लेनी होती है.
कई राज्यों में नियम लागू
इस नोटिफिकेशन के जारी होते ही मध्य प्रदेश भी उन राज्यों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जहां पहले से ही जांच के लिए CBI को मंजूरी की जरूरत है. इनमें पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पंजाब, केरल और तेलंगाना जैसे राज्य शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक जल्द ही सभी BJP शासित राज्यों में इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी होंगे.