मानवता हुई शर्मसार ,मृत बच्चे को झोले में लेकरघूमते रहे परिजन,
बैतूल जिला अस्पताल में लापरवाही से आदिवासी महिला और नवजात की मौत
बैतूल।। जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से एक आदिवासी महिला और उसके नवजात बच्चे की मौत हो गई। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। राष्ट्रीय हिंदू सेना के पदाधिकारियों ने परिजनों के साथ मिलकर अस्पताल में विरोध प्रदर्शन किया और दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल जिला अस्पताल पहुंच गया।।अपर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार सहित तीन थाना क्षेत्र के टीआई ने मोर्चा संभाला।
जिला अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना हुई जब मृत बच्चे को घंटों झोले में लेकर परिजन घूमते रहे। जिससे उनकी तकलीफ और बढ़ गई। अस्पताल में भर्ती मरीज़ों की निरंतर मौतों के कारण डॉक्टरों और स्टाफ़ की लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं। इस घटना ने फिर से जिला अस्पताल की लापरवाही को उजागर किया है, जहां डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक और आदिवासी महिला और उसके नवजात की जान चली गई। राष्ट्रीय हिंदू सेना के पदाधिकारियों ने दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
मृतिका के पति अर्जुन कासदे ने बताया कि उनकी पत्नी सावित्री कासदे को घोड़ाडोंगरी अस्पताल से बैतूल जिला अस्पताल डिलीवरी के लिए भेजा गया था। सावित्री के साथ उनकी सास
शुसिला भी मौजूद थीं। रात्रि में सावित्री को बहुत दर्द हुआ, लेकिन डॉक्टरों ने उसकी डिलीवरी नहीं की। अगले दिन करीब 1 बजे सावित्री को डिलीवरी के लिए अंदर ले जाया गया, जहां कुछ देर बाद बताया गया कि उसने एक बालक को जन्म दिया है। कुछ घंटे बाद नर्सों ने आकर बताया कि सावित्री की हालत बिगड़ गई है और नवजात की भी मौत हो गई है।
परिवार का आरोप–
सुसिला बाई ने बताया कि डिलीवरी के पहले सावित्री स्वस्थ थी, लेकिन डिलीवरी के दौरान ही उसकी तबीयत बिगड़ गई। डॉक्टरों ने डिलीवरी के बाद मिलने नहीं दिया और उसे दूसरे वार्ड में भर्ती कर दिया। शाम 6 बजे डॉक्टरों ने बताया कि सावित्री की इलाज के दौरान मौत हो गई है।रात में ही जिला अस्पताल पहुंचकर राष्ट्रीय हिंदू सेना के पदाधिकारियों ने परिजनों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन किया। संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि जिला अस्पताल में मरीजों के इलाज में लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है। कुछ दिनों पूर्व भी एक महिला की डिलीवरी के दौरान मौत हो गई थी और अब फिर एक आदिवासी महिला की मौत हो गई है।
बाहर के सर्जन डॉक्टरों से पीएम करवाने की मांग —
राष्ट्रीय हिंदू सेना के प्रदेश अध्यक्ष दीपक मालवीय ने बताया कि महिला और बच्चे की मौत के पीछे डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही है। सबसे बड़ी लापरवाही यह थी कि मृत बच्चे को झोले में डालकर परिवार को सौंप दिया गया। परिवार ने बच्चे के मृत शरीर को दिन भर और रात भर झोले में सफेद कपड़े में ढककर रखा। इस घटना से मानवता शर्मसार हो गई है।
महिला और बच्चे की मौत की सूचना लगते ही राष्ट्रीय हिंदू सेना के पदाधिकारी जिला अस्पताल पहुंचे और लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की। राष्ट्रीय हिंदू सेना के जिला अध्यक्ष अनुज राठौर ने बताया कि संगठन ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर मांग की कि मृत महिला का पोस्टमार्टम बाहर के सर्जन डॉक्टरों द्वारा किया जाए और मौत के कारण का खुलासा हो।
दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग–
घटना के बाद, प्रदेश संयोजक पवन मालवीय, प्रांत प्रवक्ता अखिलेश वाघमारे, प्रांत सह संगठन मंत्री बन्टी सरियाम, जिला युवा सह संयोजक नितिन पटेल, प्रखंड अध्यक्ष सोमेश सोनी, नगर महामंत्री बिटू गोयल, प्रांत सह संगठन मंत्री बन्टी सरियाम, विभाग अध्यक्ष दीपक कोसे, विभाग युवा अध्यक्ष मनीष मालवीय, जिला सह संयोजक अमित यादव, जिला संयोजक नवीन पटेल, तहसील संयोजक विक्रांत कनाठे, तहसील सह संगठन मंत्री सचिन विश्वकर्मा, नगर अध्यक्ष शनि साहू, नगर उपाध्यक्ष प्रवीण साहू, प्रखंड अध्यक्ष राहुल खवादे, नगर महामंत्री बिटू गोयल, प्रखंड अध्यक्ष सोमेश सोनी, प्रखंड मंत्री अरविंद मासोदकर, प्रखंड उपाध्यक्ष राधेश्याम यादव, प्रखंड संगठन मंत्री योगेश दरवाई, वरिष्ठ सहयोगी गब्बर राठोर, मनोज राठौर, सागर पवार, प्रिश साहू, अभिषेक काले, सोनू खवादे, राज यादव, शुभम पवार मौजूद रहे।