प्रदेश के स्वैच्छिकता तंत्र के विकास में परिषद की भूमिका पर अवधारणात्मक विमर्श एवं उपाध्यक्ष का पदभार ग्रहण कार्यक्रम
मेरे लिए यह पदभार ग्रहण नहीं, दायित्व बोध कार्यक्रम है- मोहन नागर
मेरे लिए यह पदभार ग्रहण नहीं, दायित्व बोध कार्यक्रम है- मोहन नागर
भोपाल। बैतूल जिले के भारत भारती आवासीय विद्यालय के सचिव, प्रख्यात शिक्षाविद्, सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता, जल शक्ति मंत्रालय से जल प्रहरी सम्मान प्राप्त पर्यावरण विद् मोहन नागर ने शुक्रवार को मप्र जन अभियान परिषद् के राज्य कार्यालय में जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया। इस अवसर पर परिषद् द्वारा सभाकक्ष में प्रदेश के स्वैच्छिकता तंत्र के विकास में परिषद की भूमिका पर अवधारणात्मक विमर्श भी आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्री दुर्गादास उईके, विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्य शासन के मंत्री गौतम टेटवाल, नारायण सिंह पंवार, राजगढ़ सांसद रोडमल नागर, मुख्यमंत्री कार्यालय में ओएसडी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी महेश चौधरी उपस्थित रहे। इस अवसर पर परिषद के कार्यपालक निदेशक डॉ. धीरेन्द्र कुमार पाण्डेय ने परिषद् संरचना और कार्यप्रणाली पर प्रकाश डाला।
आयोजन में अनेक बैतूल विधायक हेमंत खण्डेलवाल, घोड़ाडोंगरी विधायक गंगाबाई उईके, मोहन शर्मा, अमर सिंह यादव, मुलताई विधायक चन्द्रशेखर देशमुख, पूर्व विधायक अलकेश आर्य, स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिनिधि, विषय विशेषज्ञ, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भरत मिश्रा सहित राज्य कार्यालय के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।
आयोजन में अनेक बैतूल विधायक हेमंत खण्डेलवाल, घोड़ाडोंगरी विधायक गंगाबाई उईके, मोहन शर्मा, अमर सिंह यादव, मुलताई विधायक चन्द्रशेखर देशमुख, पूर्व विधायक अलकेश आर्य, स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिनिधि, विषय विशेषज्ञ, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भरत मिश्रा सहित राज्य कार्यालय के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।
समाज, संगठन और सरकार के बीच सेतु है परिषद्- मोहन नागर
इस अवसर पर नवनियुक्त परिषद के उपाध्यक्ष मोहन नागर ने कहा कि परिषद् समाज, संगठन और सरकार के बीच सेतु है। उन्होंने कहा कि ग्राम में जो भारत है उसके लिए काम करना है। परिषद स्व. अनिल माधव दवे की कल्पना थी जो ग्राम विकास को लेकर रही। श्री नागर ने कहा कि यह पदभार ग्रहण कार्यक्रम नहीं बल्कि मेरे लिए यह दायित्व बोध का कार्यक्रम है।
परिषद लोक मंगल के लिए समर्पित है – दुर्गादास उईके
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री दुर्गादास उईके ने कहा कि म.प्र. जन अभियान परिषद् लोक मंगल के कार्यों के लिए समर्पित है। शासन प्रशासन की अनेकों योजनाओं का लाभ अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचाने का काम परिषद द्वारा किया जा रहा है। परिषद नर सेवा ही नारायण सेवा की तरह कार्य कर रही है। दुर्गादास उईके ने कहा कि शासन ने एक सही व्यक्ति को सही दायित्व सौंपा है। मोहन नागर एक अच्छे चिंतक, विचारक, यशस्वी लेखक, कवि एवं संवेदनशील चेतना पुरूष हैं। उन्होंने कहा कि सही व्यक्ति को सही काम मिलना सामान्य काम नहीं है। मुझे उम्मीद है कि जिस उद्देश्य के लिए उन्हें जो दायित्व सौंपा गया है उसमें वे खरा उतरेंगे।
सरकार का दूरदर्शी कदम है – नारायण सिंह पंवार
इस अवसर पर नारायण सिंह पंवार ने कहा कि परिषद् के उद्देश्य पवित्र हैं। जनसमुदाय के साथ उद्देश्य कैसे पूरे किये जायें इन सब चीजों पर काम करना परिषद् का दायित्व। है जिससे अधिक से अधिक लोगों तक शासकीय योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि मोहन नागर की नियुक्ति शासन का दूरदर्शी कदम है। मुझे उम्मीद है कि वे जमीन पर उतरकर इन उद्देश्यों को पूरा करेंगे।
जौहरी की तरह काम करते हैं मोहन नागर -गौतम टेटवाल
इस अवसर पर राज्य मंत्री गौतम टेटवाल ने कहा कि मोहन नागर पिछले 25-30 वर्षों से बैतूल जैसे बेल्ट में जौहरी की तरह काम कर रहे हैं। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण के साथ ही शोषित, वंचित, गरीब लोगों के कल्याण के लिए काफी काम किया है।
वैचारिक अनुष्ठान के साथ काम कर रही है परिषद – रोडमल नागर
इस अवसर पर राजगढ़ सांसद रोडमल नागर ने अपने उद्बोधन में कहा कि म.प्र. जन अभियान परिषद जिस वैचारिक अनुष्ठान के साथ कार्य कर रही है और व्यवहारिक अभिव्यक्ति का जो दायित्व मोहन नागर को मिला है उसमें और ज्यादा पंख लगेंगे। इनमें सबके साथ समन्वयन बैठाकर कार्य करने की क्षमता है। परिषद की टीम ने अब अगले सदस्य की नियुक्ति हुई है। उम्मीद है कि शासन -समाज में वे तालमेल बिठायेंगे।
महत्वपूर्ण हैं परिषद के कार्य – महेश चौधरी
मुख्यमंत्री कार्यालय में ओएसडी महेश चौधरी ने कहा कि परिषद के कार्य अनोखे हैं। परिषद के सदस्य लगन, निष्ठा के साथ काम करते है। नदी, पर्यावरण के क्षेत्र में परिषद की अनोखी भूमिका रही है।
महत्वपूर्ण हैं परिषद के कार्य – महेश चौधरी
मुख्यमंत्री कार्यालय में ओएसडी महेश चौधरी ने कहा कि परिषद के कार्य अनोखे हैं। परिषद के सदस्य लगन, निष्ठा के साथ काम करते है। नदी, पर्यावरण के क्षेत्र में परिषद की अनोखी भूमिका रही है।
परिषद का विजन है स्वैच्छिकता, सामूहिकता एवं सहभागिता – डॉ. धीरेन्द्र कुमार पाण्डेय
कार्यक्रम के प्रारंभ में परिषद् के कार्यपालक निदेशक डॉ. धीरेन्द्र कुमार पाण्डेय ने परिषद की संरचना, उपलब्धियों पर विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि परिषद का विजन – स्वैच्छिकता, सामूहिकता एवं सहभागिता हैं। जबकि मिशन समाज और शासन के बीच काम करना है। उन्होंने परिषद् की तीन प्रमुख योजनाओं – प्रस्फुटन, नवांकुर, सृजन एवं सीएमसीएलडीपी के विषय में विस्तृत जानकारी दी। आयोजन के अवसर पर अतिथियों का पुष्पगुच्छ और शॉल श्रीफल से स्वागत किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती माता एवं भारत माता के पूजन से हुआ।
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