Madhya Pradesh Latest News

बेरहम ट्रक चालक ने नेत्रहीन से पैसे छीनकर ट्रक से दिया धक्का, BJP मंडल अध्यक्षों ने की मदद

The merciless truck driver snatched money from the blind and pushed it from the truck, BJP Mandal Presidents helped

बैतूल। हाल ही में 16 मई को आधी रात में एक नेत्रहीन दिव्यांग को ट्रक चालक ने खंडवा-बैतूल मार्ग पर छोड़ देने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि ट्रक चालक ने दिव्यांग को एक कांगे्रस नेता की पुण्यतिथि के कार्यक्रम से बाहर निकलते वक्त ट्रक में बिठाया गया, बंधक बनाकर दिव्यांग से ट्रक चालक ने पैसे छीनकर लिए और उसे खंडवा-बैतूल मार्ग पर ट्रक से धक्का दे दिया।

तीन दिनों से यह नेत्रहीन दिव्यांग आते-जाते लोगों से रास्ता पूछकर अपने घर की तरफ बढ़ रहा है। इस बीच शहर के कई लोगों ने उसकी मदद की। आज सुबह जब बडोरा स्थित वैष्णवी मोटर्स के संचालक विशाल पंवार ने बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति की अध्यक्ष गौरी पदम को इस संबंध में जानकारी दी तो उन्होंने युवा समाजसेवी एवं भाजपा नेता विकास एवं विक्रम वैद्य को युवक की मदद के लिए तैयार किया।

Vikas Mishar-Vikram Vaidhya

यह है पूरा मामला

16 मई को महाराष्ट्र के कांग्रेसी नेता राजू जी सातो की पुण्यतिथि पर उनकी पत्नी द्वारा ग्राम गाड़ीबोरी के दिव्यांगों को भोजन के लिए आमंत्रित किया था। गाड़ीबोरी से दिव्यांगों को कांग्रेसी नेता के निवास पर एक गाड़ी से लाया गया था। यहां सभी दिव्यांगों को भोजन कराने के बाद नगद राशि भी भेंट की गई। इस पूरे वाकये के एक ट्रक चालक देख रहा था। जब गाड़ीबोरी का निवासी नानेश्वर कारबोड़े भोजन करने के बाद कार्यक्रम स्थल से बाहर की तरफ आया तो उसे गांव छोड़ देने का कहकर ट्रक चालक ने अपने ट्रक में बिठा लिया। शहर से बाहर निकलने के बाद उसके हाथ बांध दिए गए और जेब में रखी राशि निकाल ली। रात करीब 12 बजे उसे ट्रक से बाहर धक्का दे दिया गया।

वैष्णवी मोटर्स में पानी पीने रुका तो सच आया सामने

16 मई की रात से नेत्रहीन दिव्यांग जिले में ही भटक रहा है। आज तीन दिन बीत चुके है। वह लोगों से पूछ-पूछकर अपने घर का रास्ता तय कर रहा है। इस बीच उसे ढाबा संचालकों ने भोजन भी कराया। आज बडोरा के पास वैष्णवी मोटर्स में जब वह पानी पीने रुका तो शोरुम मैनेजर विशाल पंवार को उसकी हालत देखकर शंका हुई। दिव्यांग को पानी पिलाने के बाद उन्होने नाश्ता कराया इसके बाद उससे जानकारी ली तो उसने अपने साथ हुए घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी।

दिव्यांग का कहना है कि इस बीच वह पुलिस थाने भी गया था, लेकिन पुलिस वालों ने उसकी मदद करने की बजाय उसके साथ मारपीट की। शहर में अंजान होने की वजह से वह यह बता पाने में भी अक्षम है कि किस थाने में वह मदद के लिए गया था।

इस संबंध में जब शोरुम के मैनेजर ने श्रीमती पदम से मदद मांगी उसके बाद विकास और विक्रम ने उसे सुरक्षित घर पहुंचवाने की जिम्मेदारी ली। दिव्यांग को आर्थिक मदद देकर ट्रेन से घर के लिये रवाना किया गया। विकास और विक्रम ने दिव्यांग को टिकट एवं नगद राशि देकर खुद ट्रेन में बिठाया भी।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Leave A Reply

Your email address will not be published.