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रिशु कुमार नायडू स्वतंत्र पत्रकार ,,बैतूल की सड़कें : वाहनों और सड़कों के बीच रोज़ हो रहा गैंगवार, गम्भीर रूप से घायल वाहन नागपुर- भोपाल रैफर सड़क गैंग को घातक गड्ढे उपलब्ध करवा रहे ठेकेदार

By,वामन पोटे

बैतूल की सड़कें : वाहनों और सड़कों के बीच रोज़ हो रहा गैंगवार

गम्भीर रूप से घायल वाहन नागपुर- भोपाल रैफर सड़क गैंग को घातक गड्ढे उपलब्ध करवा रहे ठेकेदार

बैतूल । बैतूल शहर में वाहनों के एक अस्पताल में ओपीडी खस्ताहाल घायल वाहनों से ठसाठस भरी हुई है । अस्पताल के आईसीयू बेड फुल हैं । डॉक्टर श्रीमान मेकेनिक जी परेशान हैं कि अब क्या किया जाए क्योंकि इतने सारे घायल वाहनों का इलाज बैतूल में तो सम्भव नहीं इसलिए श्रीमान मेकेनिक भी धड़ाधड़ रैफर पर्ची बनाकर गम्भीर घायल वाहनों को भोपाल और नागपुर रैफर किये जा रहे हैं ।

लेकिन आखिर ये सब हुआ कैसे तो बता दें कि बैतूल शहर में सड़कों और वाहनों के बीच रोजाना गैंगवार हो रहे हैं जिसमे सड़कों का पलड़ा भारी है । सड़कें अपने अचूक और घातक हथियार के रूप में कीचड़ से भरे दो ढाई फ़ीट गहरे गड्ढों का इस्तेमाल करके हमला कर रही हैं जिनसे बचना मोटरसाइकिल और मारुति 800 से लेकर 50 लाख की एसयूवी तक किसी के लिए मुमकिन नहीं है । सड़कों के पास शहर में कई गैंग हैं और हर गैंग के पास घातक गड्ढों का जखीरा है जो इन्हें स्थानीय ठेकेदार रूपी माफिया ने करोड़ो खर्च करके उपलब्ध करवाए हैं । तो जनाब वाहनों के एक अस्पताल में जब हम घायल वाहनों का साक्षात्कार करने पहुंचे तो वार्ड का नज़ारा कुछ यूं था ।

दृश्य क्रमांक- 1 
सबसे पहले हमने देखा अस्पताल का ओपीडी जहां इलाज करवाने वाले वाहनों की लंबी कतार लगी थी । सड़क गैंग के गड्ढों से किसी वाहन का सस्पेंशन टूटा हुआ था ,किसी का शीशा तो किसी वाहन के टायर का डिस्क गोल से चपटा बन गया था । किसी वाहन की एक आंख यानी लाइट फूटी थी तो कोई वाहन नेत्रहीन हो चुका था । ओपीडी में घायल वाहनों की भीड़ के बीच डॉक्टर श्री मेकेनिक जी सबकी दवाएं लिख रहे थे और अपना सिर धुन रहे थे कि आखिर वाहनों की ऐसी हेल्थ इमरजेंसी की नौबत आई कैसे ??
दृश्य क्रमांक – 2

जब ओपीडी में साक्षात्कार के लिए कोई भी वाहन फिट नहीं दिखा तो हम वार्ड में भर्ती वाहनों से मिलने पहुंचे जहां एक पलंग पर लेटी मारुति 800 से मिलने उसकी बेटी एसयूवी आई थी और अपनी माँ पर गुस्सा तोड़ रही थी । बेटी एसयूवी ने कहां की माँ इस उम्र में तुम्हे सड़कों से झगड़ने की ज़रूरत क्या थी । तुम्हे पता नहीं कि उनके पास घातक गड्ढों वाले आधुनिक हथियार रखे हैं । तुम्हारे ऊपर किस जगह हमला हुआ ? तो मरी हुई सी आवाज़ में माँ मारुति 800 बोली ,बेटी मैं तो सब्जी लेने कोठी बाजार गई थी । वहां मरोठी ज्वेलर्स के सामने सड़क से झगड़ा हो गया तो उसने सामने रखा एक बड़ा सा गड्ढा मेरी टांग पर दे मारा बस वहीं मेरी एक टांग टूट गई । मेरे पीछे और भी कारें और बाइक थीं वो भी घायल हो गईं । बेटी एसयूवी मारे दहशत के सबकुछ सुन रही थी ।
दृश्य क्रमांक -3 

मारुति 800 की व्यथा सुनकर हम द्रवित हो उठे और अगले वार्ड की ओर गए जहां ज्यादातर मोटरसाइकिल एडमिट थीं । किसी पर दिलबहार चौक से भग्गुढाना के बीच हमला हुआ था तो किसी पर बाबू चौक की सड़क गैंग के गड्ढे बरसाए थे । यहां आजुबाजू के पलंग पर पड़ी बाइक आपस मे बातें कर रही थीं । एक बाइक ने दूसरी बाइक से पूछा बहन ये सड़क गैंग से तुम्हारी क्या दुश्मनी है ? तब रुआंसी होकर दूसरी बाइक बोली अरे क्या बताऊँ बहन मेरी कोई दुश्मनी नहीं है ,मैं तो टिकारी अखाड़ा चौक से इटारसी रोड की तरफ जा रही थी । बालाजी विहार के सामने दो तीन बाइक का सड़क गैंग से झगड़ा हो रहा था । मैं वहाँ से चुपचाप निकलना चाहती थी लेकिन तभी सड़क गैंग ने दो बड़े बड़े गड्ढों से हमला बोल दिया और मुझे उठाकर वहीं पटक दिया । मैं यहां अस्पताल में हूँ और मेरे मालिक ऊपर वाले मालिक के पास जा बसे हैं ।
दृश्य क्रमांक – 4 

अब अगला जो दृश्य हमने देखा वो दिल दहला देने वाला था । कोठीबाजार ,गंज और टिकारी की सड़क गैंग ने मिलकर कई वाहनों का इतना बुरा हाल कर दिया था कि लोकल वाले डॉक्टर उनका इलाज करने में असमर्थ हो रहे थे । गम्भीर रूप से घायल कई चौपहिया और दोपहिया वाहनों को धड़ाधड़ नागपुर और भोपाल रैफर किया जा रहा था । गम्भीर वाहनों के पास उनके मालिक बिलख बिलख के रो रहे थे क्योंकि वाहनों का कोई आयुष्मान कार्ड नही बनता और बीमा कम्पनी गैंगवार का मुआवजा नहीं देती इसलिए इलाज का सारा खर्च जेब से ही देना था ।

दृश्य क्रमांक -5 

वाहनों और सड़कों के गैंगवार का दिल दहला देने वाला नतीजा देखकर अब जैसे तैसे हम वाहनों के अस्पताल से बाहर निकले तो क्या देखते हैं कि घायल वाहनों के परिजन पुलिस पर लाल पीले हुए जा रहे थे । वाहनों के परिजन सड़क गैंग पर सख्त कार्यवाही की मांग कर रहे थे । वाहनों के परिजनों ने पुलिस को बताया कि सड़क गैंग का आतंक रोकने में नगरपालिका और पीडब्ल्यूडी पूरी तरह नाकाम साबित हुई है । शहर के ठेकेदार सड़क गैंग को करोड़ों खर्च करके गड्ढे सप्लाई कर रहे हैं जिससे हमला जानलेवा स्तर पर घातक हो । आए दिन सड़क गैंग अपने घातक हथियार रूपी गड्ढों से हमारे प्यारे मासूम वाहनों को घायल कर रही हैं । सड़क गैंग के गड्ढों से कानून व्यवस्था चौपट हुई जा रही है आखिर आप कर क्या रहे हैं ???
अंतिम और निर्णायक दृश्य क्रमांक -6 

वाहनों पर गड्ढों से हुए हमलों और इस पर तीखी प्रतिक्रिया से पुलिस भी सकते में है लेकिन जो जवाब पुलिस ने वाहन मालिकों को दिया जरा वो भी पढ़िए । पुलिस ने घायल वाहनो ने मालिकों से कहा कि देखिए जिस समस्या से आप पीड़ित हैं उस समस्या का हल हमारे विभाग के पास नहीं है । हम खुद ही अपने घायल वाहनों का इलाज करवा करवा के परेशान हैं । अपराधियों की धरपकड़ करने जाओ तो घायल वाहन ना जाने कब जवाब दे जाएं कोई भरोसा नहीं । हम तो खुद ही सड़क गैंग के हमलों का शिकार हैं फिर भला आपकी क्या मदद कर सकते हैं । इतना सुनते ही घायल वाहनों के मालिक निराशा भरे चेहरे लिए शांत हो गए और शिकायत करना छोड़कर बस ये सोचने लगे कि अपने घायल वाहनों का इलाज कैसे ,कहाँ करवाएं और इन सड़क गैंग के घातक गड्ढों से कैसे निपटा जाए ।
वाहनों के अस्पताल से लाइव
रिशु कुमार नायडू
स्वतंत्र पत्रकार ,बैतूल

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