अधीकारियों की अनदेखी और ठेकेदार की मनमानी ने करोड़ों रुपए की कर दी मिट्टी पलीत, भीमपुर ब्लाक में घरों के ऊपर लटक रही नलजल योजना की पाइप लाइन
By,वामन पोटे
भीमपुर ब्लाक में घरों के ऊपर लटक रही नलजल योजना की पाइप लाइन
अधीकारियों की अनदेखी और ठेकेदार की मनमानी ने करोड़ों रुपए की कर दी मिट्टी पलीत
बैतूल।। जिले में नलजल योजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा आवंटित करोड़ो रुपये की रकम खर्च करनी बता दी गई है। लेकिन नलजल योजना की पाईप लाइने ग्रामीणों के घरों के ऊपर लटक रही हैं जिससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। कि केंद्र सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना की किस तरह मिट्टी पलीत की गई है। साँझवीर टाइम्स अलग अलग हिस्सों में इस योजना में बरती गई लापरवाही कि लगातार पोल खोल रहा है। पिछले अंक में ब्लाक के बक्का, कुनखेड़ी, महतपुरजावरा और ग्राम टीट्वी के हालातों को एक्पोज किया गया था। आज इसी ब्लाक के ग्राम बाटला कला, केकड़िया कला , हिडली, देसली और झाकस ग्रामों की स्तिथि ये है कि वर्ष 2022 से शुरू हुए इस योजना के काम घटिया माप दण्डों से किये गए जिसके नजारे गांव में आसानी से देखे जा सकते हैं। नलजल योजना में बनी टँकी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है तो वहीं लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने के लिए डाली गई पाइप लाइन लोगों के घरों पर लटकी हुई हैं। बताया जा रहा है कि कलेक्टर के लगातार निर्देश के बावजूद पीएचई विभाग के ईई आर एन सेकवार ग्राउंड लेबल की स्थिति देखने के बजाय खुद उस ठेकेदार मेसर्स कोठारी इंफ्रास्ट्रक्चर से अपने कार्यालय में बैठकर मीटिंगे करने में व्यस्त हैं। जिसने इस ब्लाक में कमीशन खोरी को बढ़ावा देते हुए करोड़ों रुपयों की इस योजना का काम तमाम कर दिया है। और बेशर्म अधिकारी अपनी तिजोरी भरने के बाद इस बर्बादी को अपनी आंखों से देख रहे हैं।
2 करोड़ 42 लाख 27 हजार के हुए घटिया काम
दरअसल नलजल योजना के
ठेकेदार को पीएचई विभाग द्वारा 2 करोड़ 42 लाख 27 हजार रुपए के काम दिए गए थे। ठेकेदार कोअनुबन्ध के मुताबिक ग्राम बाटला कला, केकड़िया कला, हिडली, देसली और झाकस में नलजल योजना को मूर्त रूप देने की जिम्मेदारी दी गयी थी। इन कार्यों में 50 हजार लीटर की तीन तथा 75 हजार लीटर के एक टँकी बनाई तो गयी है लेकिन पुरे ढाई साल बाद भी इन टँकीयों का काम अधूरा पड़ा हुआ है। टँकीयों से पानी सप्लाई की टेस्टिंग तक नहीं कि जा सकी है। पानी सप्लाई के लिए बिछाई गई पाइप लाइन लोगो के घरों पर लटका कर छोड़ दी गयी हैं। जबकि इन पाईप लाइनों में टोंटी के साथ साथ स्टैंड भी लगाया जाना था। घटिया चेम्बर वाल बनाकर इन्हें खुला छोड़ दिया गया है। भीमपुर ब्लाक के करीब 70 प्रतिशत से अधिक ग्रामों में नलजल योजना के हालात कुछ इसी तरह के नजर आ रहे हैं जिसका परिणाम है की बारिश के मौसम में ग्रामीणों को कुएं, बावली और हैण्ड पम्पो से निकल रहे गंदे पानी को पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। और दूषित पानी पीने से ग्रामीण बीमारी भी झेल रहे हैं।
ईई के चेम्बर की शोभा बढ़ा रहा ठेकेदार, महिला इनिजिनियर ने खुद बन्द करवाये वाल चेम्बर
सूत्रों से जानकारी मिली है कि, कलेक्टर नरेंद्र कुमार सुर्यवंशी ने जब इन हालातों को अपनी आंखों से देखा तो ठेकेदार की मौके पर ही क्लास लगा डाली थी। व्यस्था में सुधार के निर्देश कलेक्टर के पीठ फेरते ही हवा हो चुके थे। ठेकेदार ने जब तीन दिनों तक चेम्बर वाल्व के गड्ढे सुरक्षित नहीं किये तो मजबूरी में महिला इनिजिनियर को खुद यह काम करवाना पड़ा था। बताया जा रहा है की ठेकेदार विभाग के ईई का इतना ज्यादा चहेता हो चुका है कि वह इनके आगे किसी भी अधिकारी की बात को तवज्जो देना पसन्द नहीं करता है। बताया जा रहा है कि ठेकेदार किसी भी काम के लिए केवल ईई सेकवार से ही संपर्क करने में ज्यादा विश्वास रखता है। और बैतूल कार्यालय में घण्टो बैठकर गोपनीय मीटिंगे की जा रही हैं। अब यह मीटिंग व्यवस्था सुधार के लिए की जा रही या फिर स्वहित साधने के लिए यह तो ठेकेदार और अधिकारी ही जाने लेकिन हकीकत ये है कि करोड़ों की इस योजना को जिन अधीकारियों और ठेकेदार ने मिलकर पलीता लगाया गया है उनके खिलाफ सरकारी धन के दुरुपयोग की कार्यवाही होती है या नहीं।
इनका कहना
जिन ग्रामों में नलजल योजना में काम प्रभावित हुआ है उनकी सूची वाट्सएप पर डाल दीजिए मैं दिखवाता हूँ इसे।
आर एन सेकवार, ईई पीएचई बैतूल