भाजपा के आमला विधायक के क्षेत्र में जल जीवन मिशन योजना में गड़बड़ी,
अब पीएचई मंत्री को लापरवाही से अवगत करायेगे
टावर लाइन के नीचे बना दी आधी टंकी, खतरे का पता चला तो दूसरी जगह किया निर्माण
आमला ब्लाक की 65 ग्राम पंचायतों में नल जल योजना के बुरे हाल, योजना के नाम पर छले गए ग्रामवासी
बैतूल। जिले के लगभग सभी ब्लाकों में करोड़ों अरबों रुपए कि नल जल योजना को किस कदर तोड़ा मरोड़ा गया है। इसका पता इसी से चलता है कि केंद्र सरकार की ग्रामीणों के हित में शुरू की गई इस योजना में हद पार कर लापरवाही बरती गई है। जानकारी मिली है कि अकेले आमला ब्लॉक में 68 पंचायतों में से 65 पंचायते ऐसी हैं जहां योजना पर काम तो किया गया लेकिन घटिया काम की वजह से यह योजना अभी तक शुरू नहीं हो पाई है।प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट की मिट्टी पलीत को लेकर अब आमला विधायक डॉ योगेश पण्डागरे ने मोर्चा संभाल लिया है। बुधवार उन्होंने अपने विधान सभा क्षेत्र की अधिकांश ग्राम पंचायतों में पहुंचकर बदहाली अपनी आंखों से देखी और सरपंच, सचिव सहित ग्रामीणों से मिलकर हो रही समस्या पर सीधी चर्चा की है। पीएचई के अधिकारियों और ठेकेदार की लापरवाही का नमूना ग्राम महोली में देखने को मिला जहां ठेकेदार ने टावर लाइन के ठीक नीचे टंकी निर्माण का काम शुरू कर दिया। लेकिन जब खतरे का अहसास हुआ तो टंकी निर्माण की जगह बदल दी गयी।
टावर लाइन के नीचे बना दिया टंकी का ढांचा
ग्राम माहोली में इस योजना को लेकर बरती गई लापरवाही धरातल पर ही नजर आ रही हैं। जब इस ग्राम में जल जीवन मिशन के तहत टंकी का निर्माण किया जाना शुरु किया गया, तो ठेकेदार की लापरवाही भी खुलकर सामने आ गई। दरअसल, योजना के तहत जिस पानी की टंकी का निर्माण किया जाना चाहिए था, उस पर ना ही अधिकारियों ने और ना ही ठेकदार ने कोई विचार विमर्श करना उचित समझा और टंकी का निर्माण उस टॉवर लाईन के नीचे शुरू कर दिया, जिसके तारों में 24 घंटे हाई वोल्टेज करंट दौड़ता हैं। ठेकेदार ने टंकी निर्माण के लिए टॉवर लाईन के नीचे आधा से ज्यादा ढ़ांचा खड़ा कर दिया, लेकिन किसी भी अधिकारी ने मौके पर जाकर यह तक देखना मुनासिब नहीं समझा कि टंकी का निर्माण जिस जगह पर किया जा रहा हैं, वह ग्रामवासियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ग्रामीणों के मुताबिक जब कुछ अधिकारी काम देखने मौके पर पहुंचे तो उन्हें इस खतरे का एहसास हुआ, लेकिन तब तक टंकी ढांचा आधे से ज्यादा खड़ा किया जा चुका था। खतरे को भांपते हुए अधिकारियों ने टंकी निर्माण की जगह बदलने के निर्देश दिए, उसके बाद टंकी का निर्माण टावर लाइन से हटकर किया गया। ग्राम वासी उमेश मर्सकोले ने बताया कि योजना में बरती जा रही लापरवाहियों की कई बार शिकायतें की गई, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं होने के बाद अब ग्रामीण खुद अपने पीने के पानी के लिए इधर-उधर व्यवस्थाओं की तलाश करने को मजबूर हैं।
68 में से 65 पंचायतों में नल जल योजना के बुरे हाल
आमला ब्लॉक में चल रही नल जल योजना के संबंध में जब जानकारी निकाली गई, तो पता चला कि ब्लॉक की 68 ग्राम पंचायतों में से 65 ग्राम पंचायतें ऐसी है, जहां इस योजना पर काम तो शुरु किया गया, लेकिन आज भी ग्रामवासियों को निजी जलस्त्रोतों पर निर्भर होना पड़ रहा है। जानकारी मिली हैं कि अकेले आमला ब्लॉक में ही इस योजना के तहत लगभग 100 करोड़ रुपए के काम शुरु किए गए थे, लेकिन जिस उद्देश्य को लेकर जनता का यह पैसा जनता के लिए ही खर्च किया जाना था, उसकी पूर्ति नहीं हो पाई और पानी के लिए केन्द्र सरकार द्वारा दिया गया पैसा पानी में ही बहा दिया गया।
कोर्ट नोटिस के बावजूद विभाग नहीं दे रहा जवाब
पूरे ब्लॉक में जल जीवन मिशन के तहत शुरु किए गए कार्यों को लगभग 3 से 4 साल बीत चुके है, लेकिन आज भी ग्रामवासियों को पीने के पानी की व्यवस्था करने के लिए कई किमी दूर खेतों में बने ट्यूबवेल और कुओं पर निर्भर होना पड़ रहा हैं। आमला ब्लॉक की ही ग्राम पंचायत झिटापाटी में विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के चलते नलजल योजना का काम अधूरा पड़ा हुआ है। सूत्रों से जानकारी मिली हैं कि योजना के क्रियान्वयन के समय ही ठेकेदार को लापरवाही बरतने के आरोप में पीएचई अधिकारियों द्वारा ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था, जिसके खिलाफ ठेकेदार हाईकोर्ट पहुंच गया और वहां से उसे स्टे भी दे दिया गया। सूत्र बताते हैं कि इसका जवाब देने के लिए विभागीय अधिकारियों को नोटिस भी जारी किए, लेकिन ना अधिकारी कोर्ट में उपस्थित हो रहे है और ना ही इसका जवाब दिया जा रहा है। इसी तरह ग्राम देवपिपरिया में भी सम्पवेल बनाकर छोड़ दिया गया है और बताया जा रहा है कि इस ग्राम में भी पिछले एक वर्ष से नल-जल योजना का काम बंद पड़ा हुआ है।
इनका कहना
मेरे द्वारा अपने विधान सभा क्षेत्रो की सभी ग्राम पंचायतों से जानकारी ली गयी। पीएचई मंत्री को लापरवाही से अवगत कराया गया है। अधिकारियों को अल्टीमेटम दिया गया है कि जल्द व्यवस्था में सुधार लाएं अन्यथा कार्यवाही के लिए तैयार रहें।
डॉ योगेश पण्डागरे, विधायक आमला विधान सभा