शाहपुर ब्लॉक में 117 जल जीवन मिशन योजना पर लगा ग्रहण
हजारों ग्रामीणों को नहीं मिल पा रही शुद्ध पेयजल की उपलब्धता
बैतूल।। जिले की लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों में करोड़ो-अरबों रुपए की जल जीवन मिशन के अंतर्गत आने वाली नल-जल योजना की दुर्दशा को लेकर लगातार समाचार प्रकाशित किए जा रहे हैं। अभी तक भीमपुर, भैंसदेही, आमला के हालात उजागर किए गए और अब इसी श्रेणी में घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र भी शामिल नजर आ रहा हैं, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामीणों के घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने की यह योजना अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही हैं, लेकिन ना ही इस तरफ किसी भी जनप्रतिनिधि की नजरें इनायत हो नही हो रही है और ना ही अधिकारियों को इसकी चिंता हैं। हालात यह है कि नल-जल योजना के काम करीब 3-4 साल पहले शुरु किए गए थे, लेकिन अधिकांश ग्रामों में यह योजना इतने सालों बाद भी मूर्तरूप नहीं ले सकी हैं। योजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर करोड़ों-अरबों रुपए फूंक दिए गए, लेकिन ग्रामीण आज भी कई किलोमीटर दूर चलकर निजी जल स्त्रोतों से पानी की आपूर्ति किए जाने पर मजबूर हैं।
7 साल पहले बनी टंकी, 2 लाख 50 हजार की फिर बना दीं दूसरी टंकी
घोड़ाडोंगरी विधानसभा की ग्राउंड रिपोर्ट में यह प्रमुखता से देखने को मिला और यह जानकारी भी मिली कि देशावाड़ी ग्राम पंचायत में 7 साल पहले जलापूर्ति के लिए एक पानी की टंकी बनाई गई थीं, लेकिन इस टंकी में आज तक पानी नहीं भरा जा सका। इसी बीच जल जीवन मिशन की योजना के तहत ठेकेदार ने 2 लाख 50 हजार लीटर की एक अतिरिक्त टंकी का निर्माण यहां कर दिया। बीते एक साल से गांव में पाइप लाइन बिछाई गई है, लेकिन विडंबना है कि पाईप लाईन में अभी तक पानी नहीं पहुंच चुका है। चैंबर वाल भी खुले पड़े हुए है। टंकी के समीप ही सम्पवेल बनाया गया और विद्युत विभाग से ट्रांसफार्मर भी लगाया गया हैं, लेकिन नियमों के तहत ट्रांसफार्मर के चारों ओर मजबूत लोहे के एंगल और फेंसिंग लगाई जानी थीं, लेकिन जालियों को मात्र तारों से बांध दिया गया है। गांव की महिलाओं का कहना है कि योजना के नाम पर सरकारी पैसों की बर्बादी कर दी गई और गांव के लोग आज भी पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। जानकारी मिली हैं कि शाहपुर ब्लॉक में जल जीवन मिशन के अंतर्गत 117 नल-जल योजनाओं पर काम शुरु किया गया था, लेकिन यह सभी योजनाएं आज भी अधूरी पड़ी हुई हैं।
— पानी की चकचक में बीत रहा पूरा दिन
देशावाड़ी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले माली, सिलपटी और हरमा ढ़ाना में भी नल-जल योजना के बुरे हाल नजर आएं। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीणों के घरों तक पाइप लाईन के जरिए पानी पहुंचाया जाना था, लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी योजना का लाभ आज भी ग्रामीणों को नहीं मिल पाया हैं। ग्रामवासियों का कहना है कि गांव में हैंडपंप तो लगे है, लेकिन उसमें गंदा पानी आने से यह ग्रामवासियों के किसी उपयोग में नहीं आ रहा। गंदे पानी के उपयोग से ग्रामीणों में बीमारियां आदि फैलने का भी डर बना रहता हैं। पानी लाने के लिए गांव के बाहर स्थित खेतों में लगे हुए ट्यूबवेलों से ग्रामीणों को पानी लाना पड़ता है। दूरी ज्यादा होने की वजह से एक साथ पानी नहीं ढोया जा सकता। जिसके चलते हम ग्रामीणों का पानी की चक-चक में ही पूरा दिन बीत जाता हैं। ग्रामीणों की मांग है कि पिछले कई सालों से चल रही इस योजना को यदि अधिकारी और जनप्रतिनिधि गंभीरता से लें तो हम ग्रामीणों की पानी समस्या हमेशा-हमेशा के लिए खत्म हो सकती हैं।
इनका कहना
पीएचई विभाग ने कई ग्रामों में योजना की शुरआत की जानकारी दी जो गलत है। मेरी विधान सभा की कई ग्राम पंचायतों में योजना का काम अधूरा पड़ा हुआ है। इसको लेकर पीएचई मंत्री को पत्र लिखकर कलेक्टर से भी चर्चा करूंगी।
श्रीमती गंगा सज्जन सिंह उइके विधायक घोड़ाडोंगरी विधान सभा क्षेत्र