पीएचई के अधिकारी अपना दामन बचाने विधायकों को दे रहे झूठी जानकारी
घोड़ाडोंगरी विधायक श्रीमती गंगा उइके ने नलजल योजना को लेकर उठाए सवाल
बैतूल। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की परेशानियां और उनके स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जल जीवन मिशन के अंतर्गत नलजल योजना का शुभारंभ किया गया था। इस योजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर प्रत्येक जिलों के पीएचई विभाग को करोड़ों-अरबों रुपए की राशि भेजी गईथीं, लेकिन 3-4 साल बीत जाने के बावजूद बैतूल जिले के लगभग सभी ब्लॉकों में इस योजना की मट्टी पलीत कर लाखों-करोड़ों रूपए खर्च करना बता दिया गया, लेकिन धरातल पर आज भी ग्रामीणों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा हैं। ग्रामीणों से जुड़े इस मामले को लेकर सांझवीर टाईम्स द्वारा भीमपुर, भैंसदेही, आमला, शाहपुर और घोड़ाडोंगरी ब्लॉक में आधी-अधूरी पड़ी नलजल योजनाओं को लेकर लगातार खुलासे किए जा रहे हैं। इस पूरी योजना में बरती गई लापरवाही को लेकर अब जहां पीएचई के अधिकारी पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं विधायकों को गुमराह करने के उद्देश्य से झूठी जानकारियां भी दी जा रही हैं। घोड़ाडोंगरी विधायक श्रीमती गंगा उइके ने खुद स्वीकार किया है कि उन्हें जो जानकारी पीएचई विभाग द्वारा दी गई है, वह पूरी तरह झूठी है।
जहां बता रहे कम्पलीट वहां हालात बेहद खराब
घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र में नलजल योजना की खराब हालत को लेकर जब घोड़ाडोंगरी विधायक श्रीमती गंगा सज्जनसिंह उइके से सवाल किए गए तो उन्होंने इस योजना को लेकर खुद पीएचई विभाग के अधिकारियों को ही कटघरे में खड़ा करते हुए उन्हें झूठी जानकारी देने का आरोप अधिकारियों पर लगाया हैं। श्रीमती उइके ने बताया कि कुछ ही दिनों पहले पीएचई विभाग के अधिकारियों द्वारा मुझे एक सूची दी गई थीं। इस सूची में उल्लेख किया गया था कि इतने गांवों में नलजल योजना कम्पलीट कर दी गई हैं। सूची के अनुसार जिन गांव में योजना को कम्पलीट बताया गया था, उन गांव के ग्रामीणों से जब इस संबंध में जानकारी ली गई तो पता चला कि अधिकांश गांव में योजना अधूरी पड़ी हुई है और इसे पूर्ण बताया जा रहा हैं। इस कृत्य से माननीय मंत्री सहित शासन के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा और यह भी बताया जाएगा कि विभागीय अधिकारियों द्वारा झूठी सूची बनाकर विधायकों को दी जा रही हैं, क्योंकि आए दिन नलजल योजना को लेकर ग्रामीणों की शिकायतें मिलनी शुरु हो गई हैं।
पानी के लिए जद्दोजहद कर रही 3 हजार की आबादी
पीएचई विभाग द्वारा नलजल योजना में बरती गई लापरवाही का ही परिणाम है कि शाहपुर ब्लॉक की रामपुरमाल ग्राम पंचायत में रहने वाली 3 हजार ग्रामीणों की आबादी रोजाना पानी के लिए होने वाली जद्दोजहद में जुटी हुई हैं। ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले गवाड़ीढ़ाना, चिमनढ़ाना, ढोडरीढ़ाना में जल जीवन मिशन की पाइप लाईन तो बिछाई गई है, लेकिन नलों के लिए ना ही स्टैंड लगे हुए है और ना ही टोटियां लगाई गई है। चैंबर वॉल तक खुले पड़े हुए हैं। दो बोरवेल कराए गए। पानी की टंकी सहित सम्पवेल भी बनाया गया, लेकिन बिजली का काम नहीं होने से इसकी टेस्टिंग तक नहीं हो पाई हैैं।
पूर्व विधायक मंगल सिंह के गांव में भी अधूरे पड़े काम
घोड़ाडोंगरी विधानसभा से पूर्व में विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष रहे मंगल सिंह धुर्वे के ग्रहग्राम खोकरा ग्राम पंचायत में भी नलजल योजना के हाल बेहाल पड़े हुए हैं। अपनी विधायकी के कार्यकाल में विधायक मंगल सिंह ने गांव में 5 लाख रुपए की एक योजना से पानी की व्यवस्था करवई थीं, लेकिन इस योजना से मात्र 20 घरों को ही पानी मिल पा रहा हैं। बाकी की आबादी अभी भी कुओं और गंदा पानी उगलने वाले हैंडपंप पर आश्रित है। गांव के सरपंच संतोष वाडि़वा ने बताया कि पंचायत के अंतर्गत आने वाले कुर्सीढाना और पीपल मोहल्ला में ठेकेदार ने अभी तक पाइप लाईन ही नहीं बिछाई हैं। बीते मार्च माह से ठेकेदार एक भी बार गांव में नहीं आया। पिछले दो-तीन दिन पहले ठेकेदार के दो आदमी गांव में आए थे और कह रहे थे कि काम चालू करना हैं। योजना पूरी तो नहीं हुई, लेकिन ठेकेदार के आदमियों ने पंचायत द्वारा बनाई गई सीमेंट सडक़ों को भी जगह-जगह से तोड़ दिया है और इसे भी अभी तक नहीं सुधारा जा सका।
इनका कहना
विधायक महोदया से संपर्क कर जानकारी लेंगे, जहां भी समस्या होगी उसका प्राथमिकता से समाधान किया जाएगा।
आर एन सेकवार, ईई पीएचई बैतूल