जियो-ट्रैकर और सीसीटीवी की निगरानी में वन क्षेत्र में अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण एक साल में 34847 किमी गश्ती, वन अग्नि नियंत्रण में दक्षिण बैतूल फॉरेस्ट कंट्रोल रूम की प्रभावी कार्यवाही
By, वामन पोटे
दक्षिण बैतूल वन मंडल के फारेस्ट कंट्रोल रूम का एक वर्ष पूर्ण
जियो-ट्रैकर और सीसीटीवी की निगरानी में वन क्षेत्र में अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण
एक साल में 34847 किमी गश्ती, वन अग्नि नियंत्रण में दक्षिण बैतूल फॉरेस्ट कंट्रोल रूम की प्रभावी कार्यवाही
बैतूल। दक्षिण बैतूल (सा.) वनमंडल में वन एवं वन्य प्राणियों की सुरक्षा के उद्देश्य से स्थापित फॉरेस्ट कंट्रोल रूम ने सफलतापूर्वक एक वर्ष पूर्ण कर लिया है। इस अवधि में वनकर्मियों द्वारा जंगल की सुरक्षा के लिए किए गए असाधारण प्रयासों के परिणामस्वरूप दक्षिण बैतूल वनमंडल में अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण पाया गया है। यह कंट्रोल रूम 01 अगस्त 2023 से संचालित हो रहा है और इसमें वनकर्मियों द्वारा की गई 34847 किमी पैदल गश्ती एवं 5582 बार की रात्रि गश्ती शामिल है। यह गश्ती दल तीन उपवन मंडल और छह परिक्षेत्रों में फैले जंगल की सुरक्षा का जिम्मा उठाते हैं, जिसमें मुलताई, भैंसदेही, आठनेर, और सांवलमेंढा जैसे संवेदनशील क्षेत्र शामिल हैं, जो महाराष्ट्र की सीमा से सटे हुए हैं।
वन विभाग की इस ऐतिहासिक पहल ने दक्षिण बैतूल वन मंडल में अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण पाया है, वन अग्नि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से भी जंगलों की सुरक्षा सुनिश्चित की है। फॉरेस्ट कंट्रोल रूम की यह पहल मध्यप्रदेश में अपनी तरह की पहली है और वन एवं वन्य प्राणियों की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।
फॉरेस्ट कंट्रोल रूम की स्थापना और संचालन
पिछले वर्ष, अगस्त 2023 में दक्षिण बैतूल (सा.) वनमंडलाधिकारी विजयानन्तम टी.आर. (भारतीय वन सेवा) की पहल पर फॉरेस्ट कंट्रोल रूम की स्थापना की गई। महाराष्ट्र की सीमा से सटे संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा हेतु 32 स्थानों पर सौर ऊर्जा से संचालित 4जी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए, जिनका सीधा प्रसारण डिवीजन कार्यालय और अन्य संबंधित कार्यालयों में उपलब्ध है। इन कैमरों की मदद से संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जाती है और फील्ड स्टाफ की सहायता से अवैध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई की जाती है। कंट्रोल रूम के साथ-साथ वन बेरियरों की निगरानी हेतु सीसीटीवी का भी उपयोग किया गया है।
जियो-ट्रैकर ऐप से मिली गश्ती की सटीक जानकारी
वन क्षेत्र की सुरक्षा को और सुदृढ़ बनाने के लिए जियो-ट्रैकर ऐप का उपयोग किया गया, जो फील्ड स्टाफ की पैदल गश्ती को रिकॉर्ड करता है। 01 अगस्त 2023 से 31 अगस्त 2024 के दौरान, इस ऐप के माध्यम से कुल 34847 किमी पैदल गश्ती की गई और इसके परिणामस्वरूप जंगलों में अवैध कटाई, अतिक्रमण, शिकार जैसी गतिविधियों में कमी आई है। वन विभाग द्वारा की गई इस पहल ने वनकर्मियों को उनकी मेहनत के लिए समय-समय पर प्रोत्साहित भी किया है।
अवैध तस्करी और रेत की जप्ती
फॉरेस्ट कंट्रोल रूम की स्थापना के बाद, एक वर्ष के दौरान वन विभाग ने 35.254 घनमीटर अवैध सागौन लकड़ी जप्त की है, जिसका बाजार मूल्य 19,36,242 रुपये आंका गया है। साथ ही 36 वाहनों को जप्त किया गया है, जिनमें दो और चार पहिया वाहन शामिल हैं। अवैध रेत तस्करी के मामलों में भी सख्ती बरतते हुए 67.185 घनमीटर रेत जप्त की गई, जिसकी कीमत 1,93,911 रुपये आंकी गई है। कुल मिलाकर, 21,30,153 रुपये की अवैध संपत्ति जप्त की गई है।
वन अग्नि नियंत्रण में कंट्रोल रूम की भूमिका
फॉरेस्ट कंट्रोल रूम ने 2024 के फायर सीजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्ष 2024 में वनमंडल को मात्र 81 फायर अलर्ट प्राप्त हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 76.45 प्रतिशत कम हैं। आग की स्थिति में कंट्रोल रूम से तुरंत सूचना प्रसारित कर आग पर काबू पाने के लिए टीमें भेजी गईं। इसके साथ ही, प्रत्येक परिक्षेत्र को ब्लोअर जैसे उपकरण दिए गए, जिससे आग बुझाने में मदद मिली।
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