कलेक्टर को आई शराब की महक , आबकारी और पुलिस को आज तक नही आई
बैतूल के महुआ की महक से कलेक्टर ने खोला कच्ची शराब का राज
बैतूल में रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे गड़ा मिला लाहन का जखीरा
बैतूल।।बैतूल जिले के महुआ की महक पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाए हुए है उसी महुआ की महक ने आबकारी विभाग के कार्य प्रणाली की पोल खोल दी ।
दरअसल मामला यह है की सोमवार को बैतूल कलेक्टर को महुआ महक आने के बाद शहर में बन रही महुआ शराब के बड़े कारोबार का खुलासा हुआ।
गौरतलब है पुलिस और आबकारी विभाग जिले के गरीब आदिवासियों के यहां थोड़ी सी शराब जप्त करके अपनी पीठ थपथपाने से बाज नहीं आते हैं ,जबकि बैतूल जिले के 6 विकासखंड आदिवासी बाहुल्य हैं और यहां पर आदिवासियों को एक निश्चित मात्रा में शराब रखने की छूट दी गई है ।सवाल यह उठता है कि आबकारी विभाग और पुलिस विभाग को शहर के बीचो-बीच चल रहे अवैध शराब के इतने बड़े कारोबार की भनक तक क्यों नहीं लगी वह तो कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी को अगर शराब की महक नहीं आती तो शायद यह कारोबार बदस्तूर जारी रहता।
बैतूल पुलिस और प्रशासन और आबकारी के दल ने आज (सोमवार) रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे अवैध शराब के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। यहां बड़े-बड़े ड्रमो में कच्ची महुआ शराब बनने के लिए ड्रम जमीन में गाड़ रखे थे। इससे करीब एक हजार किलो लाहन और सौ लीटर से ज्यादा बनी हुई कच्ची महुआ शराब जब्त की गई है। पुलिस और आबकारी विभाग आरोपी की तलाश कर रहे हैं। खास बात यह है कि कलेक्टर को यहां आई बदबू आने के बाद जखीरे का सच सामने आया।
बैतूल कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी आज इंदौर रोड पर डॉन बॉस्को के पास अवैध अतिक्रमण की कार्रवाई करने पहुंचे थे। वे यहां अतिक्रमण चिह्नित कर अधिकारियों को निर्देश देने के बाद वे वापस लौट रहे थे। इसी दौरान उन्हें कच्चे शराब की बू आने पर उन्होंने तत्काल अधिकारियों को ओवर ब्रिज के नीचे सर्च करने के निर्देश दिए। यहां एसडीएम राजीव कहार, एसडीओपी शालिनी परस्ते जब आबकारी और पुलिस की टीम लेकर पहुंचे तो मौके पर कच्ची शराब बनाने का बड़ा जखीरा निकला। यहां भारी मात्रा में लाहन और बनी हुई कच्ची शराब बरामद की गई।
ड्रमों में गाड़कर रखा गया लाहन
जब ओवर ब्रिज के नीचे सर्च किया गया तो यहां करीब, 16 ड्रमों में महुआ लाहन मिला। प्लास्टिक के सौ-सौ किलो के ड्रम जमीन गाड़े गए थे। जिनमें शराब बनाने के लिए महुआ भरा गया था। जिसे सड़ाया जा रहा था। यह लाहन करीब एक हजार किलो मिला है। जबकि मौके पर प्लास्टिक की केन में भरी हुई कच्ची शराब भी मिली है। मौके पर देखकर लगता है कि यह गोरखधंधा यहां लंबे समय से चल रहा था। लेकिन आबकारी अमले ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
सिकलीगर की तलाश कर रही पुलिस
एसडीएम राजीव कहार ने बताया, कलेक्टर के यहां से गुजरने के दौरान आई बदबू के बाद उन्होंने कार्रवाई के निर्देश दिए थे। यहां बड़ी तादाद में महुआ लाहन बरामद किया गया है। यहां अतिक्रमण चिह्नित कर उसे हटाने की कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं ,एसडीओपी शालिनी परस्ते ने बताया कि यहां लंबे समय से सिकलीगर रहते आए हैं। जो शराब का अवैध धंधा करते हैं। पहले भी उनके खिलाफ आबकारी एक्ट में कार्रवाई की गई है। उनके रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रहे हैं।
आबकारी ने अमले की कमी बताई
आबकारी निरीक्षक डीके भादे के मुताबिक आबकारी विभाग के पास अमले की कमी है। यहां करीब दस कर्मचारी हैं। चूंकि यह इलाका बेहद बदनाम और संवेदनशील हैं। इसलिए यहां स्टाफ ज्यादा लगता है। हालाकि यहां पहले भी पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ आबकारी एक्ट की धाराओं में कार्रवाई की गई है।