बूम टाइप मशीन से अब किसान फसलों का कर पाएंगे छिड़काव कृषि अभियांत्रिकी विभाग के द्वारा हितग्राही को अनुदान पर उपलब्ध कराया
By, वामन पोटे
बूम टाइप मशीन से अब किसान फसलों का कर पाएंगे छिड़काव
कृषि अभियांत्रिकी विभाग के द्वारा हितग्राही को अनुदान पर उपलब्ध कराया
-उप संचालक कृषि एवं सहायक यंत्री प्रमोद मीना ने हितग्राही को चाबी सौंपी।
-बूम टाइप मशीन से छिड़काव का प्रदर्शन किसानों के सामने किया गया।
बैतूल। जिले में अब किसानों को फसलों में दवा, उर्वरक का छिड़काव करने में बेहद आसानी हो जाएगी। कृषि अभियांत्रिकी विभाग के द्वारा ई यंत्र अनुदान पोर्टल के माध्यम से हितग्राही रश्मि विवेक वर्मा को एसएमएएम योजनांतर्गत स्वचलित हाई ग्राउंड क्लियरेन्सी बूम टाईप मशीन अनुदान पर उपलब्ध कराई गई है। 18 लाख रुपये मूल्य के इस यंत्र पर हितग्राही को चार लाख रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। बुधवार को सापना सोहागपुर में बूम टाइप मशीन से छिड़काव का प्रदर्शन किसानों के सामने किया गया।इस दौरान उपसंचालक कृषि डा. आंनद बड़ोनिया, सहायक कृषि यंत्री डा. प्रमोद मीना, विवेक वर्मा समेत कृषक उपस्थित थे।
इस दौरान किसानों को जानकारी दी गई कि बूम टाइप मशीन से एक एकड़ भूमि में लगी फसल में 10 से 15 मिनट में छिड़काव किया जा सकता है। फसल के बड़े हो जाने पर भी बूम टाइप मशीन से आसानी से छिड़काव हो जाता है। इसके पहियों की चौड़ाई बेहद कम होने से फसल को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचता है।वर्तमान समय में मजदूरों की सहायता से फसल में छिड़काव करने में समय अधिक लगता है वहीं खर्च भी ज्यादा होने लगा है। फसल के बड़ा हो जाने पर तो मजदूर स्प्रे पंप लेकर चल भी नहीं पाते हैं। ऐसी दशा में बूम टाइप मशीन किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगी।खरीफ सीजन में भी खेतों में अधिक नमी हाेने के बाद भी इस बूम टाइप मशीन से छिड़काव किया जा सकता है।
किसानों को दी नरवाई प्रबंधन की जानकारी:
नरवाई प्रबंधन की कार्यशाला का आयोजन भी 25 सितंबर को सोहागपुर ग्राम में किया गया। उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के द्वारा नरवाई में आग लगाने से होने वाले नुकसान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इससे सूक्ष्म जीव जलकर नष्ट हो जाते हैं, जैविक खाद निर्माण बंद हो जाता है। मिट्टी की उत्पादन क्षमता गिर जाती है। भूमि ईंट के समान कठोर हो जाती है और जमीन में मौजूद केचुएं एवं लाभदायक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं।उन्होंने बताया कि नरवाई प्रबंधन हेतु कृषक कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा विकसित पूसा डिकम्पोजर का प्रयोग करें, इससे नरवाई जलेगी नहीं बल्कि गले जाएगी ।नरवाई युक्त खेत में जायद फसल बोने हेतु हैप्पी सीडर/सुपर सीडर से सीधी बुआई कर सकते हैं। रोटावेटर चलाकर सामान्य सीडड्रिल से भी बुआई की जा सकती है।
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