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बैतूल में विधि महाविद्यालय की मांग, युवा आदिवासी विकास संगठन ने आयुक्त को सौंपा ज्ञापन

By,वामन पोटे

बैतूल में विधि महाविद्यालय की मांग, युवा आदिवासी विकास संगठन ने आयुक्त को सौंपा ज्ञापन
बैतूल। युवा आदिवासी विकास संगठन के संस्थापक राजेश कुमार धुर्वे एवं जिला अध्यक्ष जितेंद्र सिंह इवने ने शासकीय विधि महाविद्यालय बैतूल में आगामी सत्र 2025-26 के लिए ऑनलाइन एडमिशन शुरू करने की मांग करते हुए आयुक्त उच्च शिक्षा सतपुड़ा भवन भोपाल में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि बैतूल एक आदिवासी बाहुल्य जिला है, जहां गरीब आदिवासी वर्ग के लोग निवास करते हैं। जिले में विधि महाविद्यालय बंद होने के कारण छात्रों को अन्य जिलों में जाकर विधि की पढ़ाई करनी पड़ती है, जिससे उन्हें आर्थिक और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है।
लगभग 12-13 वर्षों से शासकीय विधि महाविद्यालय बैतूल में प्रवेश और अध्यापन कार्य बंद है। इस कारण स्थानीय छात्रों को एलएलबी की पढ़ाई से वंचित रहना पड़ रहा है। ज्ञापन में बताया गया कि कई गरीब छात्र प्रायवेट कॉलेज की ज्यादा फीस के कारण विधि की पढ़ाई में प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं। इस संदर्भ में, राजेश कुमार धुर्वे ने बताया कि बैतूल में विधि महाविद्यालय के लिए सहायक प्राध्यापक और स्टॉफ के पद शासन द्वारा स्वीकृत किए गए हैं। गत 2019-20 की भर्ती में एक सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति भी की गई है।
राजेश कुमार धुर्वे ने कहा कि यदि आगामी सत्र में ऑनलाइन एडमिशन शुरू किया जाता है, तो स्वीकृत पदों के विरुद्ध अतिथि विद्वानों से अध्यापन कार्य संपन्न कराया जा सकता है। इसके अलावा, महाविद्यालय के भवन निर्माण होने तक जयवंती हाक्सर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बैतूल या अन्य किसी हायर सेकंडरी विद्यालय में तात्कालिक व्यवस्था के रूप में अध्यापन कार्य किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी जयवंती हाक्सर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के भवन के कमरों में शासकीय विधि महाविद्यालय संचालित होता रहा है।
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि छात्रों के हित में शासकीय विधि महाविद्यालय बैतूल को आगामी सत्र के ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया में शामिल किया जाए। जिला अध्यक्ष जितेंद्र सिंह इवने ने कहा कि इस पहल से जिले के आदिवासी छात्रों को बेहतर शिक्षा का अवसर मिलेगा और उन्हें आर्थिक एवं मानसिक कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने प्रशासन से इस मांग पर गंभीरता से विचार करने की अपील की। युवा आदिवासी विकास संगठन की इस पहल से बैतूल जिले के विद्यार्थियों में आशा की किरण जगी है, और सभी ने एकजुट होकर इस दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लिया है।

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