शिवगढ़ के प्राचीन हनुमान मंदिर को तोड़ने पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने जताया कड़ा विरोध
कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कड़ी कार्रवाई की मांग की
बैतूल। भैंसदेही के पास शिवगढ़ के जंगल में स्थित ब्रिटिश कालीन प्राचीन हनुमान मंदिर को बिना किसी पूर्व सूचना के वन विभाग द्वारा तोड़े जाने पर हिंदू समाज में गहरा आक्रोश है। मंदिर की इस असंवेदनशील तोड़फोड़ के विरोध में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। विहिप का कहना है कि यह मंदिर क्षेत्र की हिंदू आस्था का केंद्र है और यहां सालों से श्रद्धालु तीज-त्योहारों पर पूजन-अर्चन करते आ रहे हैं।
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने बताया कि मंदिर की दीवारें और छत अत्यंत जर्जर हो चुकी थीं, जिस कारण धर्म-प्रेमियों द्वारा सीमित जीर्णोद्धार कार्य किया जा रहा था। बावजूद इसके, 25 अक्टूबर 2024, शुक्रवार की रात में वन विभाग के रक्षक पवन ठाकुर ने बिना किसी सूचना के जेसीबी मशीन से मंदिर को तोड़ दिया। न तो मंदिर के दीवार पर कोई नोटिस चस्पा किया गया और न ही हिंदू समाज को किसी प्रकार की जानकारी दी गई।
ज्ञापन में प्रांत गोरक्षा प्रमुख कृष्णकांत गावंडे, जिला उपाध्यक्ष राजेश प्रजापति, जिला मंत्री श्याम राठौड़, जिला संयोजक दुर्गेश भारती, जिला कोषाध्यक्ष प्रकाश गर्वे, सामाजिक समरसता प्रमुख सुरेश रावत, जिला सह मंत्री राजू ठाकुर, विधि प्रमुख अर्पित वर्मा, खंड अध्यक्ष रंभा के आकाश यादव, प्रखंड अध्यक्ष भैंसदेही के कमल आर्य, प्रखंड मंत्री पप्पु यादव रंभा, विकास राठौर, निलेश राणे, शिवलाल बारस्कर, पवन राजपूत, वामन ठाकरे, श्रीराम बिस्के, बादल धोटे, और संदीप राजपूत सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे। विहिप ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई नहीं की तो यह विषय जनांदोलन का रूप ले सकता है। उनका कहना है कि यह मंदिर हिंदू समाज की आस्था का प्रतीक है और इस तरह की घटनाओं से समाज में असंतोष फैल रहा है।