धार्मिक संस्थाएं, अस्पताल-स्कूल और कॉलेज निर्माण के लिए आगे आएं – मुख्यमंत्री डॉ. यादव
By,वामन पोटे
धार्मिक संस्थाएं, अस्पताल-स्कूल और कॉलेज निर्माण के लिए आगे आएं – मुख्यमंत्री डॉ. यादव
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मुख्यमंत्री डॉ.यादव महर्षि श्रृंगी महाराज व माता शांता के मंदिर एवं आश्रम के भूमि पूजन कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए
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बैतूल 06 नवम्बर, 2024
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि धार्मिक संस्थाएं, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल और धर्मशाला आदि के निर्माण में आगे आएं, राज्य शासन की ओर से उन्हें हर संभव सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा। देश के 7 पवित्रतम नगरों में से उज्जैन एक है, यहां सभी समाजों के लिए धर्मशाला, मठ, मंदिर आदि के निर्माण को राज्य शासन की ओर से प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है। इसी क्रम में सिंहस्थ क्षेत्र में स्थाई निर्माण को प्रोत्साहन देने की नीति बनाई गई है, जिसके अंतर्गत महर्षि श्रृंग समाज उत्थान संस्थान ने उज्जैन में मंदिर और आश्रम निर्माण का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव उज्जैन में बनने जा रहे महर्षि श्रृंगी महाराज और माता शांता मंदिर और आश्रम के भूमि-पूजन कार्यक्रम को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। उज्जैन में हुए कार्यक्रम में हैदराबाद से पधारे परम पूज्य महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 प्रभु दास जी महाराज, पुष्कर राजस्थान के श्री तेजमल पंडया, नई दिल्ली के श्री विक्रांत पांडे सहित वरिष्ठ समाजसेवी तथा नागरिक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गायिका डॉ. शारदा सिन्हा के अवसान पर शोक व्यक्त किया
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बैतूल 06 नवम्बर, 2024
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पद्मश्री, पद्म भूषण से अलंकृत महान गायिका डॉ. शारदा सिन्हा के अवसान पर शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बिहार सहित संपूर्ण भारत में डॉ. शारदा सिन्हा के गीत सुने जा रहे थे, लोग उन्हें याद कर रहे थे और अचानक यूं चले जाना उनके प्रशंसकों के लिए ही नहीं बल्कि कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। छठ पर्व की कल्पना उनके बिना अधूरी है। छठी मैया से दिवंगत पुण्य-आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान और शोकाकुल परिजन को यह असीम दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में राज्य में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन
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बैतूल 06 नवम्बर, 2024
राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया है। गठित टास्क फोर्स की शीर्ष समिति में जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री रामनिवास रावत को उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को पदेन सचिव और प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य को पदेन सह सचिव नियुक्त किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अध्यक्षता में कार्यकारी समिति भी गठित की गई है। इसमें मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, अपर मुख्य सचिव वन और अपर आयुक्त जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्थान को पदेन सदस्य नियुक्त किया गया है। डॉ. मिलिंद दांडेकर (विधि विशेषज्ञ), डॉ. शरद लेले (विषय विशेषज्ञ), श्री मिलिंद थत्ते (विषय विशेषज्ञ), श्री भगत सिंह नेताम पूर्व विधायक, श्री राम डांगोरे पूर्व विधायक, डॉ. रूपनारायण मांडवे और श्री कालू सिंह मुजाल्दा जनजातीय मंत्रणा परिषद मध्यप्रदेश को सदस्य नियुक्त किया गया है। प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग समिति के पदेन सदस्य सचिव होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशानुसार वर्ष में 2 बार शीर्ष समिति की बैठक होगी और कार्यकारी समिति की बैठक मुख्यमंत्री के निर्देश पर बुलाई जा सकेगी।
समिति के प्रमुख दायित्व
टास्क फोर्स समिति राज्य में वर्तमान में चिन्हांकित वन अधिकार अधिनियम में सीएफआरआर प्रावधानों की संभावित क्षेत्रों के मेपिंग की जिलेवार सूची तैयार करना एवं अन्य संभावित क्षेत्रों के चिन्हांकन के लिये संस्तुति प्रदान करना। वन अधिकार अधिनियम में सीएफआरआर प्रावधानों के संभावित क्षेत्रों के लंबित प्रकरणों का जिलेवार आकलन करना। राज्य में पेसा और वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के प्रभावी और समयबद्ध क्रियान्वयन के लिये राज्य शासन के संबंधित विभागों एवं एफआरए संबंधित विषयों के लिये डीएलसी और पेसा संबंधी विषयों के लिये जिला पंचायतों को संभावित रणनीतियों और कार्ययोजना के लिये अनुसंशाएं प्रदान करना। प्रस्तावित अनुशंसाओं के प्रशासकीय अनुमोदन के बाद कार्य-योजना एवं समय-सीमा के अनुसार बिन्दुवार क्रियान्वयनित कार्यों का मूल्यांकन और पर्यवेक्षण करना। राज्य में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये अन्य उपाय या अनुसंशाएं प्रस्तुत करना। टास्क फोर्स का कार्यकाल 2 वर्ष का होगा, जो अपनी प्रथम अनुसंशाओं का प्रतिवेदन 3 माह की अवधि या इसके पूर्व प्रस्तुत करेगा।